उल्हासनगर :उल्हासनगर महापालिका में शहर रचनाकार (Town planer) के पद पर कार्यरत प्रकाश मुले पर उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई एन.सी. उन्होंने पत्रकार के वाटशाप पर बातचीत के दौरान लिखित तौर पर दिया था गाली और जान से मारने की धमकी।
उल्हासनगर व ठाणे जिले में मशहूर साप्ताहिक अग्निपर्व टाइम्स ने प्रकाश मुले द्वारा किए जा रहे अनेकों भ्रष्टाचार को उजागर किया था और जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी जिससे घबराकर प्रकाश मुले ने पहले तो कई लोगों से संदेश देकर मिलने के लिए बुलाया और न जाने पर वाटशाप पर बातचीत के दौरान लिखित रूप से गाली और जान से मार देने की धमकी दी। जिसकी शिकायत अग्निपर्व ने पुलिस स्टेशन में करने की कोशिश की परंतु शिकायत दर्ज नहीं हुई तत्पश्चात शिकायतपत्र उमपा आयुक्त, गृहमंत्रालय, नगरविकास मंत्रालय के पुलिस के विभाग के अधिकारीयों को दिया गया था। जांच के उपरांत 20 अगस्त 2022 को उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में प्रकाश मुले के खिलाफ अदखलपात्र मामला दर्ज किया गया। हमारे देश में शोषित जनता को बचाने के लिए कोई नियम और कानून नहीं हैं जबकि भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने और संरक्षण देने के लिए कई कानून हैं अगर यही गाली और धमकी एक आम-आदमी ने दी होती तब सरकारी कार्य में अड़चन बताकर जेल भेज दिया जाता। परंतु यही अधिकारी जब कामकाज के समय में कार्यालय के अंदर ही जन्मदिन के केक काटते हैं और कामकाज के लिए आयी जनता को बाहर इंतजार कर लौट जाना पड़ता है तब सरकारी कार्य में लापरवाही व अड़चन पैदा करने का मामला अधिकारीयों पर दर्ज नहीं किया जाता।
उल्हासनगर मनपा भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है यह जगजाहिर है। इस मनपा में भ्रष्ट अधिकारी ही टिक पाता है। यहाँ के निन्यानवे प्रतिशत नेता व समाज सेवक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। शायद इसीलिए अम्बरनाथ में भ्रष्टाचार के मामले में बदनाम शहर रचनाकार प्रकाश मुले को उल्हासनगर लाया गया ताकि शहर में हुए अवैध निर्माणों को पूर्णता प्रमाणपत्र के अलावा शहर में चल रहे अवैध निर्माणों को संरक्षण दिया जा सके और वह कार्य मुले ने बखूबी निभाया है शहर में शुरू अवैध निर्माणों की सूचना अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी नहीं दिया अपील में जाने पर अपील में आये लोगों से तू - तू मैं - मैं करता है। लिफाफेबाज पत्रकारों को लिफाफा देना जो न माने उसे अपमानित करना, जो मान जाये उसे लिफाफा देना और जो न माने उसे गाली-धमकी देकर भगाने का कार्य मनपा में बैठकर कर रहे हैं। क्यों न करें तत्कालीन नगर विकास और ठाणे जिला पालकमंत्री जो अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गये हैं उनको अपना बाप जो कहता है। बाप के मुख्यमंत्री बनने पर मनपा का यह भ्रष्ट - कनिष्ठ अधिकारी मिलने गया और मुख्यमंत्री साहब ने लिफाफेबाज को मिलने का समय दिया परंतु भ्रष्टाचार रोकने और पत्रकारों से गाली-गलौज न करने की सलाह शायद नहीं दिया इसलिए यह नशेड़ी,अय्याश और भ्रष्ट प्रकाश मुले ने ब्लॉग के कमेंट बाक्स में भद्दी भद्दी गालीबकना शुरू कर दिया।
अगली बार सत्ता में वापसी के लिए मुख्यमंत्री महोदय को समाज के आखिरी इंसान की भी चिंता करनी होगी तब आशिर्वाद मिलेगा और सत्ता में वापसी की राह बरकरार होगी और रहेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुकरण की आवश्यकता है।
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