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गणेश शिंपी के भ्रष्टाचार से उकताए विधायक ने मुख्यमंत्री को जांच के लिए लिखा पत्र।

विधायक कुमार आयलानी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भ्रष्ट गणेश शिंपी की जांच और बर्खास्तगी की मांग की। 

निज संवाददाता 
उल्हासनगर : उल्हासनगर विधानसभा विधायक कुमार आयलानी ने उल्हासनगर महापालिका वार्ड समिति-1, के प्रभाग अधिकारी गणेश शिंपी पर भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही और विभागीय जांच की मांग करते हुए गणेश शिंपी को उनके मूल लिपिक पद पर तत्काल स्थानान्तरण करने की मांग की है। 
.       विधायक कुमार आयलानी 

आयलानी ने अपने लिखित पत्र में कहा कि गणेश शिंपी के कार्यक्षेत्र में अनधिकृत निर्माण की भरमार है और वे अवैध निर्माण कार्यों की रक्षा करने उसको प्रोत्साहित करने की भ्रष्ट प्रथा की शुरुआत की है। शिंपी अवैध निर्माण के दोषी आरक्षित भूखण्डों को हड़पने वाले मालिकों, डेवलपर्स, बिल्डरों, वास्तुकार और ठेकेदार के खिलाफ एमआरटीपी अधिनियम के तहत अपराध पंजीकरण के साथ-साथ अवैध निर्माणों पर तोड़क कार्यवाही कभी भी नहीं करते हैं। सभी नियमों और अधिनियमों के उल्लंघन के साथ ही भ्रष्ट आचरण के दोषी होने का आरोप भी लगाया गया है। गणेश शिंपी की प्रभाग समिति-1, में प्रभाग अधिकारी के रूप में नियुक्ति के बाद से ही उन्होंने अपने कर्तव्यों का कभी भी सही ढंग से और ईमानदारी से पालन नहीं किया है। उन्होंने अपने स्वयं के लाभ के लिए और भ्रष्ट प्रथाओं के कारण आम जनता से लिखित रूप में शिकायतों की प्राप्ति के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की अपने स्वयं के लाभ के लिए अपने पूरे क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्यों का समर्थन, संरक्षण और प्रोत्साहन किया है। वे अपने क्षेत्र अर्थात वार्ड समिति-1, क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण कार्यों के खिलाफ कार्यवाही करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं, साथ ही अपने संबंधित क्षेत्रों के ज्वलंत मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया है जो लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और बड़े पैमाने पर आम जनता की संपत्ति का नुकसान किया है। 
.      भ्रष्टाचारियों का सरताज 

दरअसल, वार्ड अधिकारी गणेश शिंपी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा अवैध निर्माण कार्य को विध्वंस से बचाने के लिए रिश्वत लेने के मामले में पहले ही रंगेहाथ गिरफ्तार किया जा चुका था। उस समय वे तत्कालीन आयुक्त उल्हासनगर नगर निगम कार्यालय में लिपिक थे, लंबी अवधि के लिए निलंबित थे उसके बाद उनकी फिर से नगर निगम में अपने कर्तव्यों पर बहाली हुई। लेकिन जेल जाने के बाद उन्होंने जैसे भ्रष्टाचार पर जैसे पांडित्य हांसिल कर लिया हो ऐसा मानकर उनको उल्हासनगर एक से पांच तक अवैध निर्माण निर्मूलन अधिकारी के साथ-साथ सहायक आयुक्त के जिम्मेदारी भरे विभिन्न पदों पर नियुक्तियां मिली जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार कर अकूत धन कमाया। सरकारी नियमों कानूनों की धज्जियाँ उड़ाते हुए अभी भी सहायक आयुक्त के पद का आनंद ले रहे हैं। आयलानी ने आगे लिखा है कि उपरोक्त मामलों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारी श्री गणेश शिम्पी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने का आवाहन किया है। अब देखना यह है कि भ्रष्ट आयुक्त राजा दयानिधी ने ठाणे जिले के पालक मंत्री रहते हुए आज के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मुद्दे पर जिस तरह ध्यान नहीं दिया था। अब मुख्यमंत्री व नवनियुक्त आयुक्त शेख क्या करते हैं यह देखना होगा।

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