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उल्हासनगर मनपा का अनोखा कारोबार बिना कंपाउंड वाल के ही दिया रिपेयरिंग परमीशन!

सन २००२ में नाला खुला करने के लिए मांगी गयी पुलिस मदत आज तक नहीं मिली!

सन २०१४ में चेतन पार्किंग का नाला खुला करने के लिए दिए गये न्यायालयीन आदेश का पालन २०२२ तक नहीं करवा पायी उल्हासनगर महानगरपालिका।
.      नाला खुलवाने के लिए संघर्षरत पूर्व नगरसेवक राजेंद्र सिंह भुल्लर महाराज 

उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका का नगर नियोजन विभाग अपने अनुठे कार्यों के लिए पहचाना जाता है। इसी तरह का एक कार्य सी ब्लाक में देखने को मिला है, बिना कंपाउंड के कंपाउंड वाल रिपेयरिंग परमिशन दिया गया जिसके आधार पर खाली पड़े सरकारी भूखण्ड पर नया कंपाउंड वाल बनाया गया और भूखण्ड के अंदर से होकर बह रहे प्राकृतिक नाले को भी कब्जा कर लिया गया और उस नाले को खोलने का आदेश सन २०१४ में न्यायालय ने दिया फिर भी आज तक नहीं खुला नाला जिसकी वजह से उल्हासनगर का गोलमैदान नेहरू चौक शिवाजी चौक ही नहीं बालकृष्णा नगर राजीव गांधी नगर राहुल नगर और इंदिरा गांधी नगर थोड़ी सी बरसात में डूब जाता है।
.      उमनपा आयुक्त/प्रशासक डॉ. राजा दयानिधि 

रिपेयरिंग परमिशन लेकर हुआ कब्जा

इंदिरा गांधी नगर से होकर आज के राजीव गांधी नगर होते हुए रेल्वे लाईनों को पार कर अंबिका नगर पहुंचने वाले नाले की एक शाखा आज के चेतन पार्किंग में से होते हुए सी ब्लाक जाने वाली सड़क को पार कर क्रांति नगर और गौतम नगर होते हुए वालधूनी नदी में जा मिलता था। नाले के पास ही एक दलदल जमीन थी जो सड़क से काफी गहरी थी। उस जमीन को पहले डंपिंग ग्राउंड बनाकर शहर का कचरा डालकर पटाव किया गया और उसके बाद उमनपा के कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों से सांठगांठ कर रिपेयरिंग परमीशन मांगा गया जबकि वहां कोई बांधकाम नहीं था फिर भी रिपेयरिंग परमीशन मिला और उसके सहारे नया कंपाउंड वाल बनाया गया और इस अहाते में नाले को भी ले लिया गया। निर्माणकर्ता यह जानता था पानी तो रुकने वाला नहीं क्योंकि एक शाखा तो खुली है परंतु वह शाखा बरसात का पानी ले जाने में असमर्थ थी जिसकी वजह से उल्हासनगर का कुछ भाग ही नहीं कल्याण में अंबिका नगर और उड़ान पुल के नीचे व आसपास जरा सी बरसात में पानी भर जाता है।

अनेकों शिकायतें फिर भी नाला कब्जा

नाला कब्जा होते समय कई स्थानीय समाचार पत्रों ने लिखा, शिकायतें हुई तत्कालीन नगरसेवक रामसागर यादव ने मार्च निकाला, राजेन्द्र सिंह भुल्लर महाराज ने भी पत्र लिखा परंतु नाला नहीं खोला जा सका यह देख भुल्लर महाराज ने तत्कालीन शिवसेना शाखा प्रमुख रहमत शेख के हाथों एक याचिका स्थानीय चोपड़ा कोर्ट में दायर करवाया गया। उस याचिका का फैसला ३ अप्रैल २०१४ को आया जिसमें जज साहब ने चेतन पार्किंग के मालिक चंदर बाबलानी को स्वतः नाला खोलकर देने के लिए कहा इसके पहले भी नाला खोलने के लिए नगर नियोजन विभाग के उपअभिंता ने नाला खोलने के लिए पुलिस प्रशासन को २९ अगस्त २००२ को एक पत्र देकर १ सितंबर २००२ को पुलिस सुरक्षा बंदोबस्त की मांग की थी। परंतु आज बीस वर्षों बाद भी वह नाला बंद है और जनता बाढ़ के पानी में डूबने के लिए मजबूर है इस तरह से हमारे उल्हासनगर महानगरपालिका का कार्य चलता है जिसको कुछ तथाकथित नेता कार्यकर्ता शहर विकास कहते हैं। वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्र सिंह भुल्लर महाराज २४/३/२०२२ को भी एक पत्र के माध्यम से नाला खोलने की गुजारिश की है परंतु आयुक्त, उपायुक्त शहरहित में एक भी काम करने को तैयार नहीं, कार्यालय में केक काटकर जन्मदिन मनाकर शहर वासियों को लूटने के अलावा मुफ्त के वेतनभोगी बने बैठे हैं।

न्यायालयीन आदेश की छायांकित प्रति के अलावा समय समय पर मनपा द्वारा जारी किए गये पत्रों की प्रति अग्निपर्व टाइम्स के पास मौजूद है। 

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