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चार इंच की जलवाहीनी की मांग हुई दो इंच की, जल्दबाजी में राकांपा द्वारा उद्घाटन किया जाना लोगों को पड़ रहा है भारी, पानी मिलने के बदले टूट रहे हैं लोगों के हाथ पैर।

बिना वर्कआर्डर लिए ही झा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने खोद डाला गली, पाईप लाइन डालने के बाद अब पानी देने के लिए और गली फिर से बनाने के लिए चाहिए वर्क ऑर्डर !! 

अपटा निज संवाददाता 
उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा का काला कारनामा किसी से भी छुपा नहीं है। मनपा के अधिकांश अधिकारी के नाम असीम गुप्ता की रिपोर्ट में दर्ज है। असीम गुप्ता की रिपोर्ट वह रिपोर्ट है जिसमें यह लिखा है कि अयोग्य होने के बावजूद भी गलत ढंग से अधिकांश अधिकारियों का चयन उमपा में हुआ है। मनपा के कार्यप्रणाली से ही पता चलता है कि आयुक्त हो या उपायुक्त किसी भी अधिकारी को कार्य की जानकारी नही है और आँखे मूंदे अपने फायदे के लिए अधिकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करते है क्योंकि अधिकारियों को काम से ज्यादा ठेकेदार से मिलने वाले कमीशन की चिंता रहती है। 
         
मिली जानकारी के अनुसार पत्रकार प्रवीण पाण्डेय ने अपने वार्ड के बैरेक नंबर 618 के रहवासियों के पानी की दिक्कत दूर करने के लिए 13 अप्रैल 2022 को एक निवेदन उल्हासनगर मनपा को देकर पानी की लाइन लगाने का अनुरोध किया और विभाग के अधिकारियों से पानी की किल्लत का हवाला देकर काम जल्द करने और फाइल पर हस्ताक्षर करने का निवेदन किया। सभी अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जनता की शिकायत का निवारण जल्द ही किया जाएगा और वर्क आर्डर की प्रक्रिया के बाद पाइप लाइन डालने का कार्य शुरू किया जाएगा। निवेदन के बाद जल वितरण विभाग अभियंता बुडगे ने निरीक्षण के दौरान पाया कि गलियों में सही मायने में पानी की किल्लत है और पानी की लाइन डालकर पानी की समस्या दूर किया जा सकता है। 
 
रहेजा के केबिन में ठेकेदारों का मेला

पानी वितरण विभाग एक्सिक्यूटिव इंजीनियर रहेजा के केबिन में ढेरों फाइलें धूल खा रही है और रहेजा वेतन तो जनता के रुपयों से लेते हैं परंतु ठेकेदार के भविष्य की चिंता करते पाए जाते है। जिसके कारण बैरक नं. 618 कि फाइल महीनों तक रहेजा के केबिन में धूल खाती रही यहाँ तक कि मनपा के उपायुक्त जमीर लेंगरेकर ने भी रहेजा को अपने काम पर ध्यान देने और फाइल को आगे बढ़ाने के निर्देश जारी किए उसके बाद भी रहेजा ने अनदेखी की और बड़े और लंबे बजट के कामो पर विशेष ध्यान केंद्रित करते रहे। अंततः फाइल धूल खाती रही। 

बिना वर्क आर्डर ही कालानी परिवार का उद्घाटन

जैसे ही नेताओ को पता चला कि जनता को पानी की किल्लत है और मनपा में पानी की लाइन डालने के लिए पत्रकार प्रवीण पांडे ने निवेदन दे रखा है। नेताओ की तरफ से जनता को लुभाने की होड़ लग गयी। यह वार्ड पहले भाजपा की नगरसेविका रेखा ठाकुर के पाले में था जिन्होंने वार्ड में किसी भी प्रकार के जनहित का काम न करते हुए वार्ड को नरक बनाने में कोई कसर नही छोड़ी है। इसी खामी को भुनाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पंचम कालानी और अन्य कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पानी की लाइन का उद्घाटन बिना वर्कआर्डर ही कर दिया गया और गालियों को ठेकेदार के हवाले कर खुदाई करवा दिया गया।

 विरोध के बाद काम रोका गया 

जनता को चार इंच की लाइन डालने का सपना दिखाकर 2 इंच की लाइन डालने का काम शुरू होते ही वार्ड वासियों ने काम को रोकने और चार इंच की लाइन डालने की शिफारिश ठेकेदार से की जिसे टेक्निकल दिक्कत का नाम देकर दरकिनार कर दिया गया और 2 इंच की लाइन डालकर महीनों बाद काम पूरा किया गया । काम बंद होने के बाद भी खुदी गलियों को दुरुस्त न किये जाने के कारण कई लोग दुर्घटनाओं का शिकार भी हुए जिसकी सूचना लगातार मनपा अधिकारियों को उनके मोबाइल पर दी जाती रही परंतु वर्क आर्डर न होने का हवाला देते हुए आज भी गलयों को जस का तस छोड़ रखा है और न ही जनता को मनपा पानी मिला है। जब पानी वर्कआर्डर के बिना पानी नहीं दिया जा सकता था और न ही गली दोबारा बनायी जा सकती थी तो आनन फानन में ठेकेदार मुकर्रर कर गली खोदा क्यों गया? यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है और लोग राकपा कार्यकर्ताओं का तहे दिल से जूतों चप्पलों का हार पहनाकर स्वागत-सत्कार करने के लिए तैयार बैठे हैं। मनपा अधिकारी तो जनता की कम और ठेकेदार के पक्ष में ज्यादा दिखाई पड़ते हैं यह जग जाहिर है। वैसे भी झा नामक ठेकेदार कंपनी फर्जी बिल भुगतान लेने और घटिया दर्जे के काम के लिए लिए मशहूर है। परंतु नगरसेवकों और अधिकारियों को मोटा कमिशन देने की वजह से ज्यादातर काम इसी कंपनी को मिलता है। 

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