अपटा निज संवाददाता
उल्हासनगर : गुरूपुर्णिमा के दिन उल्हासनगर शिवसेना के २५ नगरसेवकों में से १५ नगरसेवकों के एकनाथ शिंदे शिवसेना में शामिल होने से अफरातफरी का माहौल बन गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा की गई बगावत में उन्हें ठाणे जिले में भी विरोध का सामना करना पड़ेगा ऐसा उन्होंने सोचा नहीं था। परंतु उनके अपने पुत्र जो कल्याण लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं उन्हीं के लोकसभा चुनाव क्षेत्र स्थित उल्हासनगर शहर के गोलमैदान परिसर में बने डॉ श्रीकांत शिंदे के कार्यालय पर हमला हो गया। जिले में यह पहला हमला था।
उसके बाद शिवसेना शहरप्रमुख राजेंद्र चौधरी, पूर्व नगरसेवक धनंजय बोडारे और उनके साथ गये बहुत सारे शिवसैनिकों ने मातोश्री जाकर पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर आश्वासन भी दे आये थे कि हम शिवसेना और ठाकरे कुटुंब के साथ हैं। इस कारण उल्हासनगर में शिंदे गुट को समर्थन नहीं मिल रहा है ऐसा चित्र निर्माण हो गया था। अंततः बुधवार को गुरूपुर्णिमा के उपलक्ष्य में ठाणे के आनंदाश्रम में आनंद दिघे के स्मृतीस्थल पर आये मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात के दौरान उल्हासनगर के १५ पूर्व नगरसेवकों ने भेट कर कहा की हम आपके यानी शिंदे गुट के साथ हैं। इस समय उल्हासनगर महापालिका के पूर्व नगरसेवक नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर, चरणजी कौर भुल्लर, अंजना म्हस्के, कुलविंदरसिंह सहोता, स्वप्निल बागूल, और पूर्व महापौर लिलाबाई आशान, मिनाक्षी पाटील, आकाश पाटील, विकास पाटील, शुभांगी बेहेनवाल, जोत्सनाजाधव, विजय पाटील, मिनाक्षी पाटील इन १३ पूर्व नगरसेवकों का समावेश है यह जानकारी पूर्व स्विकृत नगरसेवक अरूण आशान ने दी है। समाचार की पुष्टि करने हेतु अग्निपर्व टाइम्स ने भुल्लर महाराज को फोन किया तो उन्होंने कहा शहर विकास के लिए हमने शिंदे का दामन थामा है। शिंदे गुट को समर्थन दिये जाने से यह खुलकर सामने आ गया की उल्हासनगर शिवसेना में भी भारी फुट देखने को मिलेगी। उल्हासनगर शिवसेना में २५ नगरसेवक थे उसमें से १३ नगरसेवक शिंदे गुट में शामिल हो गये हैं आने वाले कुछ समय में कई शाखा प्रमुखों पदाधिकारियों व बचे हुए नगरसेवकों में से और भी कुछ शिंदे गुट में शामिल होंगे ऐसी आशा अरुण आसान ने व्यक्त की है।
इस तरह शिवसेना के विभाजन से उद्धव ठाकरे की शिवसेना का चुनाव चिन्ह जप्त होना मानों निश्चित सा हो गया हो समाचार लिखे जाते समय यह खबर आयी के मिरा भायंदर मनपा के आधे से ज्यादा नगरसेवक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ हो लिए हैं। इस तरह अब महाराष्ट्र में दो शिवसेना तैयार हो रही है पहली हिंदूहृदय सम्राट बालासाहब ठाकरे के वंशजों की तो दूसरी उनके विचारों की शिवसेना याने एकनाथ शिंदे सेना।
इस तरह शिवसेना के विभाजन से उद्धव ठाकरे की शिवसेना का चुनाव चिन्ह जप्त होना मानों निश्चित सा हो गया हो समाचार लिखे जाते समय यह खबर आयी के मिरा भायंदर मनपा के आधे से ज्यादा नगरसेवक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ हो लिए हैं। इस तरह अब महाराष्ट्र में दो शिवसेना तैयार हो रही है पहली हिंदूहृदय सम्राट बालासाहब ठाकरे के वंशजों की तो दूसरी उनके विचारों की शिवसेना याने एकनाथ शिंदे सेना।
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