. संजय पवार
उल्हासनगर : ठाणे जिले के उल्हासनगर महानगरपालिका में जबसे प्रकाश मुले नगर रचनाकार बनकर आये हैं तबसे नगर रचना विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर हो गया है, कयी अवैध इमारतों को सीसी और ओसी पैसों के बल पर दिया जा चुका है और दिया जा रहा है। इसलिए शहरवासी परेशान हैं, किसीको अगर फ्लैट खरीदना है और वह नगर रचना विभाग से इमारत की यथास्थिति जानना चाहता है तो जनसूचना अधिकारी पता न मिलने या फिर अर्थ नहीं पता जैसे बहाने बनाकर सूचना नहीं देते हैं क्योंकि प्रथम अपील उसी विभाग प्रमुख द्वारा सुनी जाती है और द्वितीय और तृतीय अपील में हजारों रुपयों और दो तीन वर्षो का अपव्यय होता है इसलिए आम जनता अपील में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती इस तरह जनसूचना का मखौल उड़ाया जा रहा है। इसबार तो सूचना अधिकारी ने कमाल ही कर दिया, नगर रचनाकार विभाग अभियंता ने अपने बहाने में लिखा है कि उन्हें पूर्णता प्रमाणपत्र याने (CC) और (OC) यानी रहवासी दाखिले का मतलब ही नहीं पता।
आल इंडिया एनजीओ के संचालक अंसारी ने उल्हासनगर महानगरपालिका नगर रचना विभाग ने प्रकाश मुले के कार्यकाल के दौरान कितनी इमारतों को पूर्णता प्रमाणपत्र याने (CC) और कितनी इमारतों को रहवास दाखिला याने (OC) दिया गया है उन सभी की छायांकित प्रति मांगी थी परंतु जन सूचना अधिकारी संजय पवार ने जवाब में लिखा है कि उनको उपरोक्त शब्दों का अर्थ ही नहीं पता है। आश्चर्य की बात है कि उल्हासनगर महापालिका के नगर रचना विभाग के कनिष्ठ अभियंता को ओसी और सीसी का मतलब ही नहीं पता, ऐसे संजय पवार को किसने अभियंता बनाया उसपर हंसी आती है। अगर उनको उपरोक्त शब्दों का अर्थ नहीं पता तो उनको किसी चौराहे पर ठेला लगाकर सब्जी बेचना चाहिए। उस जनसूचना और जवाब की प्रति अग्निपर्व के पास सुरक्षित है।
. शहाड स्टेशन के पास पैराडाइज ग्रुप द्वारा बनाई जा रही अवैध ३६ मंजिला इमारत
इसी तरह सेंचुरी रेयान कंपनी जिसके पास मनपा क्षेत्र की कई एकड़ जमीन अधिग्रहित है वह एक नया प्लांट बना रही है। उस प्लांट का नक्शा मनपा से पास करवाया गया है तो पास नक्शे की छायांकित प्रति मांगे जाने पर जवाब में दिया गया की पता नहीं मिला इस तरह उल्हासनगर महानगरपालिका में जन सूचना अधिकार का मखौल उड़ाया जा रहा है।
. नगर रचनाकार प्रकाश मुले. प्रशासक डॉ. राजा दयानिधि
. नगर रचनाकार प्रकाश मुले. प्रशासक डॉ. राजा दयानिधि
इसी तरह शहाड स्टेशन के पास उड़ान पुल के उतरान पर नवी मुंबई की पैराडाइज कंपनी द्वारा एक 36 मंजिला इमारत का निर्माण किया जा रहा है। इमारत एक प्राकृतिक नाले को पाटकर बनायी जा रही है। इमारत का प्लान 20 मंजिलों का पास हुआ था और बाद में वह 36 मंजिलों का हो गया है। इस इमारत की पूरी हकीकत जानने के लिए जनसूचना अधिनियम के तहत सूचना मांगे जाने पर संजय पवार ने जवाब दिया कि हमको पता ही नहीं मालूम इस तरह जनसूचना अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी पर जनसूचना अधिकारी जवाब देते हैं। ज्ञात हो कि यह इमारत मूल रुप से एक बंद इंडस्ट्री की जमीन पर बनायी जा रही है, वह जमीन जो मूल रुप से इंडस्ट्रियल जोन थी उस जमीन को पहले नगर विकास अराखड़े में कॉमर्शियल और फिर रेसीडेंसियल कर दिया गया इस तरह यहां भी बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
ऐसी ही भ्रष्टाचार की कई खबरों को अग्निपर्व टाइम्स द्वारा प्रकाशित किए जाने से परेशान होकर प्रकाश मुले ने पहले तो कई बार मिलने के लिए बुलाया न जाने पर और बार-बार भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित करने से परेशान होकर नगर रचनाकार प्रकाश मुले ने धमकी और गाली-गलौज का रास्ता अख्तियार किया है पर उन्हें यह शायद पता नहीं "सत्य परेशान जरूर होता है पर पराजित नहीं"अग्निपर्व टाइम्स उनके हर भ्रष्टाचार को उजागर करता रहेगा जब तक यह सोये हुए सत्ताधारी जाग नहीं जाते कुंभकर्ण को भी जगाने में समय लगा था हम भी सोये हुए कुंभकर्ण को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रकाश मुले धमकी, वाटशाप पर अपशब्द व गाली लिखकर हमें विचलित नहीं कर सकते हैं। इन धमकियों से अग्निपर्व घबराने वाला नहीं है और भ्रष्टाचार का खुलासा रुकने वाला नहीं। देश को आजाद कराने के लिए हमारे वीर शहीदों ने बड़ी-बड़ी यातनाएं और अपमान सहे हैं तब जाकर यह आजादी मिली है। परंतु उस आजादी का फायदा कुछ भ्रष्टाचारी, गुंडप्रवृत्ती के सत्ताधीश ले रहे हैं मुझे ज्ञात है कि ऐसे लोगों के खिलाफ लिखने और बोलने पर इस तरह की यातनाएं मुझे झेलनी पड़ सकती है। बावजूद इसके बेधड़क लिखने पर गाली और धमकी देनेवालों को यह सोच लेना चाहिए मेरी कलम की आवाज सिर्फ मेरी मौत ही रोक सकती है।
इसी तरह कोनार्क रेसीडेंसी, रिजेंसी एंटीलिया, सेंट्रल अस्पताल के सामने पोस्ट व टेलिग्राफ के लिए रिजर्व साईट का प्लान पास करने के अलावा कई अवैध इमारतों को रुपये लेकर कंपलिसन (CC) और (OC) देकर आम जनता और सरकारी खजाने को चोट पहुंचाने वाले प्रकाश मुले पर कब जांच और कार्यवाही होती है हमारे देश का शासन प्रशासन कब जागता है इस इंतजार में आम जनता और अग्निपर्व टाइम्स।
ऐसी ही भ्रष्टाचार की कई खबरों को अग्निपर्व टाइम्स द्वारा प्रकाशित किए जाने से परेशान होकर प्रकाश मुले ने पहले तो कई बार मिलने के लिए बुलाया न जाने पर और बार-बार भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित करने से परेशान होकर नगर रचनाकार प्रकाश मुले ने धमकी और गाली-गलौज का रास्ता अख्तियार किया है पर उन्हें यह शायद पता नहीं "सत्य परेशान जरूर होता है पर पराजित नहीं"अग्निपर्व टाइम्स उनके हर भ्रष्टाचार को उजागर करता रहेगा जब तक यह सोये हुए सत्ताधारी जाग नहीं जाते कुंभकर्ण को भी जगाने में समय लगा था हम भी सोये हुए कुंभकर्ण को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रकाश मुले धमकी, वाटशाप पर अपशब्द व गाली लिखकर हमें विचलित नहीं कर सकते हैं। इन धमकियों से अग्निपर्व घबराने वाला नहीं है और भ्रष्टाचार का खुलासा रुकने वाला नहीं। देश को आजाद कराने के लिए हमारे वीर शहीदों ने बड़ी-बड़ी यातनाएं और अपमान सहे हैं तब जाकर यह आजादी मिली है। परंतु उस आजादी का फायदा कुछ भ्रष्टाचारी, गुंडप्रवृत्ती के सत्ताधीश ले रहे हैं मुझे ज्ञात है कि ऐसे लोगों के खिलाफ लिखने और बोलने पर इस तरह की यातनाएं मुझे झेलनी पड़ सकती है। बावजूद इसके बेधड़क लिखने पर गाली और धमकी देनेवालों को यह सोच लेना चाहिए मेरी कलम की आवाज सिर्फ मेरी मौत ही रोक सकती है।
इसी तरह कोनार्क रेसीडेंसी, रिजेंसी एंटीलिया, सेंट्रल अस्पताल के सामने पोस्ट व टेलिग्राफ के लिए रिजर्व साईट का प्लान पास करने के अलावा कई अवैध इमारतों को रुपये लेकर कंपलिसन (CC) और (OC) देकर आम जनता और सरकारी खजाने को चोट पहुंचाने वाले प्रकाश मुले पर कब जांच और कार्यवाही होती है हमारे देश का शासन प्रशासन कब जागता है इस इंतजार में आम जनता और अग्निपर्व टाइम्स।
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