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पर कतरने में माहिर कालानी, चुनावों में टिकट देंगे संतोष पाण्डे को या जेल?

कालानी की नीति से उल्हासनगर राकपा से उत्तर भारतीयों का हो रहा है मोहभंग!!

अपटा निज संवाददाता
उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर जिला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उत्तर भारतीय नेता व कार्यकर्ताओं के बारी बारी जेल जाने और मुकदमों में फंसने से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रति हो रहा है मोहभंग! जबसे पप्पू कालानी जेल से बाहर आये हैं तबसे पहले गुड्डू राय फिर संतोष पाण्डे और अब सुधीर सिंह पर डकैती का मामला दर्ज हुआ है।
      संतोष पाण्डे 

उल्हासनगर शहर को सिंधी बाहुल्य शहर का दर्जा प्राप्त होने के कारण यहां शिवसेना छोड़ सभी पार्टियों के अध्यक्ष के अलावा प्रमुख पदों पर सिंधी भाषी ही काबिज होने के कारण अन्य भाषा भाषियों को शहरहित के फैसलों में हिस्सा नहीं मिल पाता है यही कारण है कि शहर अधोगति की ओर अग्रसर है।
     उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पप्पू कालानी अपने गुनाहगारी प्रवृत्ति के चलते पहले टाडा और बाद में बठीजा बंधुओं के हुए कत्ल में से एक कत्ल में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी और पप्पू कालानी जेल चले गये इस खाली स्थान को भरने के लिए उनके पुत्र ओमी कालानी ने टीम ओमी कालानी (TOK) नामक एक संगठन बनाकर उल्हासनगर की राजनीति में पदार्पण किया, इस टीम में कई उत्तर भारतीय युवा भी शामिल हुए उनमें से सेंचुरी रेयान कंपनी में कार्यरत संतोष पाण्डे भी शामिल हुए और उनको कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से शहर में ही नहीं टीओके में भी अपना एक प्रमुख स्थान बना लिया। परंतु जेल से बाहर आये पप्पू कालानी को एक उत्तर भारतीय का शहर में मुक़ाम बनाना फूटी आंख न सुहाया और उन्हें जेल जाना पड़ा, इसी तरह गुड्डू राय और अब सुधीर सिंह पर डकैती का मामला दर्ज हुआ है और वे पुलिस की गिरफ्त में हैं।
     कलानी परिवार अपनी राजनीति और गुंडागर्दी चमकाने के लिए उत्तर भारतीयों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है, जब भी कोई उत्तर भारतीय शहर में अपना मुकाम बनाने लगता है तो उसको किसी न किसी मुकदमें में फंसाकर उसपर अपना दबाव बनाकर अपना गुलाम बनाकर छोड़ देते हैं। यहां समझने वाली बात यह है कि एक व्यापारी से रुपये वसुलने के चक्कर में उसको उठाया गया उसके साथ मारपीट हुई जिसका मामला कल्याण के कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ, उस मामले में ओमी कालानी, कमलेश निकम, गुड्डू राय और संतोष पाण्डे के अलावा कुछ और लोगों पर मामला दर्ज हुआ परंतु गिरफ्तारी सिर्फ दो उत्तर भारतीयों की गुड्डू राय और संतोष पाण्डे की जबकि प्रमुख आरोपी ओमी पप्पू कालानी और कमलेश निकम थे फिर भी उनको गिरफ्तारी से बचा लिया गया। अब सुधीर सिंह को चुनाव का टिकट चाहिए था, चुनाव लड़ने की उनकी पूरी तैयारी थी और उनपर डकैती का मामला अनायास ही दर्ज हो गया। संतोष पाण्डे को भी चुनाव लड़ना है देखिये इनको टिकट मिलता है या फिर किसी मुकदमें में जेल जाना पड़ता है। गृहराज्य मंत्री का कालानी महल में आना-जाना है, गृहमंत्री से सांठगांठ कर पप्पू कालानी खुद जेल की सजा से बच जाते हैं और उसी पार्टी के कार्यकर्ताओं को झूंठे मुकदमों में जेल जाना पड़ता है इस बात पर कोई मुर्ख ही विश्वास करेगा! बाकी आगे कालानी परिवार के साथ घूमने वाले और चमचागीरी करने वाले उत्तर भारतीयों को सोचना है। 

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