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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदिप शर्मा की जमानत का NIA ने न्यायालय में किया कड़ा विरोध।

पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदिप शर्मा एंटिलिया व मनसुख हिरेन हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता !! 
मनसुख हिरेन हत्या के लिए, हत्यारों को दिया गया 45 लाख रुपया। 

मुंबई : मुंबई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए राष्ट्रीय जांचएजेंसी NIA
 ने मुंबई उच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में कहा कि शर्मा व्यापारी मनसुख हिरेन हत्या व एंटिलिया विस्फोटक मामले का मुख्य साजिशकर्ता है। 
मुंबई की उच्च न्यायालय में बुधवार को दायर अपने हलफनामे में कहा कि शर्मा ने हिरन को खत्म करने के लिए गुर्गे को काम पर रखा था, जिसे अब के बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा रु.45 लाख पहुंचाये गये थे। उच्चन्यायालय ने शर्मा से NIA के हलफनामे पर जवाब मांगा है और सुनवाई 17 जुलाई के लिए टाल दी है। बुधवार को जस्टिस एएस चंदुरकर और जीए सनप की खंडपीठ जो एनआईए की विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ शर्मा की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने फरवरी में शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने पीठ को संबोधित करते हुए आवेदन खारिज करने के आधार भी गिनाए और कहा कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच से पता चला है कि हिरेन के खात्मे में शर्मा मुख्य साजिशकर्ता थे। एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा है कि वजे ने 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के आवास एंटिलिया के बाहर विस्फोटकों से लदी एसयूवी कार रखकर अंबानी परिवार को डराने की साजिश रची थी। वजे ने हिरेन को अपने कार्यालय में बुलाया और उसे कार रखने का दोष अपने सर लेने के लिए कहा। लेकिन हिरन के मना करने के बाद, वजे ने शर्मा से संपर्क किया और हिरेन को खत्म करने के लिए हत्यारों को किराए पर लेने के लिए रु.45 लाख लेकर भुगतान किया।

हलफनामे में कहा गया है कि शर्मा ने न केवल हत्यारों को काम पर रखा बल्कि उन्हें सिमकार्ड प्रदान किए और हिरेन की हत्या के बाद देश से भागने में उनकी सहायता की। हलफनामे में कहा गया है कि शर्मा और अन्य आरोपियों ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक "जघन्य और गंभीर अपराध" किया है। बल्कि (यूएपीए) के तहत एक बड़ी साजिश को भी अंजाम दिया है, जिसमें शर्मा अन्य आरोपियों के साथ शामिल थे, हलफनामे में कहा गया है, की “अपीलकर्ता (शर्मा) उस गिरोह का सक्रिय सदस्य है जिसने अंबानी परिवार सहित अन्य लोगों को आतंकित करने की साजिश रची थी और मनसुख हिरेन की हत्या कर दी थी क्योंकि हिरेन साजिश की एक कमजोर कड़ी था।" आगे हलफनामे में यह भी दावा किया गया है, "अपीलकर्ता ने स्वेच्छा से और जानबूझकर मनसुख हिरेन की हत्या के लिए एक सुव्यवस्थित आपराधिक साजिश रचाया था, जो सह-आरोपी सचिन वजे और अन्य द्वारा किया गया एक आतंकवादी कृत्य का प्रत्यक्ष परिणाम है।"

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