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जुआ चालक शंकर आहुजा कांग्रेस सेवादल का अध्यक्ष!

नाना पाटोले ने कहा राकपा ने हमारे पीठ में खंजर घोपा ठाणे जिले की जनता ने कहा हमारे पीठ में !! 
    गोल घेरे में शंकर आहुजा 

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पाटोले ने कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष को जुआ चलाने की दी आजादी!

उल्हासनगर: उल्हासनगर ही नहीं अपितु कल्याण डोंबिवली अंबरनाथ बदलापूर भिवंडी या युं कहें की पूरे ठाणे में चल रहा है, शंकरआहुजा का लाटरी अवैध जुआ कारोबार! पुलिस का है संरक्षण प्राप्त क्योंकि महाराष्ट्र में है तीन पार्टियों की सरकार, कांग्रेस भी है हिस्सेदार।

महाराष्ट्र में चल रही महावसुली सरकार ने जैसे अवैध धंधो को आजादी दे दी हो, कांग्रेस, शिवसेना राकपाई कार्यकर्ताओं को कानून के राज से आजादी मिल गयी, गुनहगारों को गुनाह करने की आज़ादी मिल गयी हो।
     ठाणे पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह 

उल्हासनगर रहवासी जो कांग्रेस सेवादल का अध्यक्ष होने का दावा करने वाला शंकर आहुजा जुए का एक बड़ा कारोबारी है। नाना पाटोले के उल्हासनगर दौरे के समय यह उनके आगे पीछे रहकर फोटो खिचाता रहा ताकि अवैध धंधे को पुलिस का संरक्षण प्राप्त हो सके, कहा तो यह भी जा रहा है कि चुनावों के मद्देनजर पैसे जमा करने का आदेश नाना पाटोले ने ही दिया है।

आहुजा ने ठाणे पुलिस आयुक्तालय, कल्याण जोन 3 में करीब 150 अवैधलाटरी (जुआ) दुकानें शुरू कर रखी है। जिसके लिए सरकार से कोई परवाना नहीं लिया गया और न ही कोई सरकारी कर भरा जाता है। 

ज्यादा धंधे होंगे तो ज्यादा वसूली होगी, यही कारण है कि वसूलीबाजों(कलेक्टरों) की बाछें खिल गयी हैं, शंकर का धंधा शुरू होने से वसूली सैकड़ों गुना बढ़ गयी है!

परंतु आम लोग परेशान हो गये हैं, क्योंकि उनके घरों के बच्चे, बुजुर्ग, युवा व नवयुवक दिन रात अपना काम काज छोड़कर बिना मेहनत के करोड़पति बनने के चक्कर में आहुजा की फर्जी लाटरी खेलकर बर्बाद हो रहे हैं। तो वहीं रम्मी क्लब ने तो सबकी नींद भी हर ली है! मटका, लाटरी, पूरी रात डांसबार के साथ ही लुटमार, गोलीबारी, कत्ल, चोरी, गुंडागर्दी, चरसी गंजेडियों का आतंक बढ़ गया है, महाविकास अघाड़ी सरकार में।

पुलिस स्टेशनों के लिए मुकर्रर वसुली बाजों के अलावा डीसीपी, एसीपी और अतिरिक्त आयुक्तों ने भी अपने अपने कलेक्टर रख छोड़े हैं। शायद ही कोई अपवाद होगा जिसका कोई कलेक्टर न हो और जो उनके लिए वसूली न करता हो। कुछ कलेक्टरों का कनेक्शन तो सीधे मंत्रालय से है जो अपने वरिष्ठों की भी नहीं सुनते। 

पूरे महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार को वसुली सरकार का दर्जा मिल रहा है फिर भी सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगती, इतनी असंवेदनशील और मोटी चमड़ी की सरकार हमने पहले कभी नहीं देखी!

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