उल्हासनगर: ठाणे आयुक्तालय के जोन 4, उल्हासनगर पुलिस स्टेशन की हद में बुजुर्ग महिला व उसका परिवार गुंडों के आतंक से परेशान, विधवा महिला पर 15 दिन में तीन बार हुआ कातिलाना हमला।
पीड़िता ऊषा सिंह
उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-1, उल्हासनगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र की रहवासी एक बुजुर्ग महिला व उसके बेटों पर अपने साथियों के साथ मिलकर अजय पवार नामक गुंडे ने मारपीट की और घर में घुसकर तोड़फोड़ कर आतंक का माहौल बना दिया है। इस गुंडे की इतनी दहशत है कि इसके खिलाफ लोग मार खाकर भी नहीं बोलते। कई लोग तो उस इलाके से अपना घर बेचकर दूसरी जगह पलायन कर गए है। इस गुंडे की करतूतों का विरोध विधवा व बुजुर्ग महिला उषा सुरेंद्र सिंह ने जब किया तो उनके दोनों पुत्रों सूजीत व रंजीत पर अजय पवार ने कातिलाना हमले के साथ घर में घुसकर तोड़फोड़ कर दिया। महिला ने अजय पवार के खिलाफ उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में कई बार शिकायत की है। परंतु पता नहीं क्यों पुलिस माकूल धाराओं के तहत कार्रवाई नहीं करती है। बलजबरी किसीके घर में घुसकर तोड़फोड़ करने की धाराओं के साथ ट्रेस पास और कातिलाना हमले की धारा 307 के अलावा आतंकी गतिविधियों की धाराएं लगाकर कई वर्षों तक के लिए जेल भेजने से उल्हासनगर पुलिस न जाने क्यों कतरा रही है? उक्त महिला साधुबेला स्कूल के समीप, गिरधारीलाल, चाल, बैरक नम्बर 138 के समीप रहती हैं। पवार के खिलाफ पूर्व नगरसेवक गिरधारी लाल वाधवा ने भी शिकायत दर्ज करवाया है फिर भी वह खुला घूम रहा है।
पवार की इस इलाके में इतनी दहशत है कि वह अपने गुर्गों के साथ किसी के भी घर में घुस जाता है। किसी पर कातिलाना हमला बोल देता है जबकि अभी विगत माह तड़ीपारी काटकर आया है। भरत पवार जो तड़ीपार है उसने भी आज दोपहर को ऊषा के बड़े लड़के रंजित के बंद घर का दरवाजा खिड़की तोड़कर चाकू से हमला किया। इस घटना में पवार परिवार के अन्य लोग भी शामिल थे। महिला ऊषा सिंह ने डीसीपी, एसीपी व उल्हासनगर पुलिस स्टेशन से न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस प्रशासन से मांग की है कि पवार नामक गुंडे की टीम पर अगर कठोर कार्रवाई जल्द नहीं किया तो वह उनके परिवार के लिए काल बन सकता है। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करता है?
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