उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा में तैयार हो रहा है, शहर में बनी रिस्कबेस इमारतों पर कार्रवाई का नोटिस। उपरचनाकार प्रकाश मुले आयुक्त ने शहर वासियों को लूटने का निकाला नया तरीका, रिस्कबेस स्किम के तहत तलमंजिल+2, के नियम को धता बताते हुए रिश्वत लेकर बनने दी चार व पांच मंजिला अवैध इमारतें अब उन पर कार्यवाही के नाम पर होगी फिर से वसूली!
उपरचनाकार प्रकाश मुले
दो सौ मीटर के प्लाटों पर रिस्कबेस प्लान पास करवाने के लिए ज्यादा मसक्कत नहीं करना होता है। ऐसे प्लानों के कागजातों की जिम्मेवारी वास्तुविशारद या प्लान बनाने वाले के अलावा प्रभाग अधिकारी का दायित्व होता है। जगह और जगह का मालिक उचित है या नहीं। ऐसे प्लान को ज्यादा टेबलों पर नहीं घूमना पड़ता, कुल मिलाकर कम जांच पड़ताल पर जल्दी काम शुरू करने की इजाजत देना ही इसका मकसद है। परंतु इसका गैरवाजिब फायदा उठाकर प्रभाग अधिकारी से सांठ-गांठ कर G+2 की इजाजत पर 5 और 6 मंजिलों की इमारतें बनायी गयी हैं। यही नहीं सरकारी गैरसरकारी जमीनें भी हड़पी गयी हैं। विश्वसनीय सत्रों से पता चला है कि अब लगभग 5 सौ से 6 सौ इमारतों के जांच का और अवैध होने पर तोड़ने का नोटिस उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त डॉ. राजा दयानिधि और शहर उपरचनाकार प्रकाश मुले जारी करने की तैयारी में हैं।
. प्रशासक डॉ. राजा दयानिधी
इमारतों के बनाए जाने को भले ही प्रभाग अधिकारी इजाजत दे देते थे, परंतु पास किए गये प्लान और जमीन के सारे कागजात शहर रचना विभाग को भेज दिये जाने का प्रावधान होने के नाते उनको भेज दिया गया होगा तब विभाग गहरी नींद में सो रहा था अब जाग आयी है। इस तरह की अवैध निर्माणाधीन इमारतों की शिकायतें आयुक्त को दी जाती रही है। समाचार पत्रों में खबरें छपती रहीं परंतु निष्क्रिय और निष्फल आयुक्त कुंभकर्णिय नींद में सोते रहे और अब खरीददारों से नयी वसुली के लिए नोटिस का ड्रामा तैयार कर रहे हैं। तबादले का समय व दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे और नयी अवैध वसूली का क्या नया जरिया तैयार किया जा रहा है?
उल्हासनगर मनपा शहर रचना विभाग को भ्रष्टाचार का ग्रहण तो लगा हुआ ही था प्रकाश मुले के पदभार संभालने से उसमें चारचांद लग गया है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पहले वास्तुविशारदों को रचनाकार कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था, अब विपरीत स्थिति देखने को मिल रही है कि नगररचनाकार को वास्तुविशारदों के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है, इससे स्पष्ट होता है कि नगररचनाकार की कार्यशैली किस स्तर पर संदेह के घेरे में है।
इस समय महाराष्ट्र में बनी भ्रष्टाचार की पोषक तीन बेमेल पार्टियों की सरकार, उसपर मोटी चमड़ी के मंत्री जिनको रुपये के आगे मान सम्मान और मर्यादा की कोई चिंता व परवाह नहीं है। इसलिए उल्हासनगर ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में और हर विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
. प्रशासक डॉ. राजा दयानिधी
इमारतों के बनाए जाने को भले ही प्रभाग अधिकारी इजाजत दे देते थे, परंतु पास किए गये प्लान और जमीन के सारे कागजात शहर रचना विभाग को भेज दिये जाने का प्रावधान होने के नाते उनको भेज दिया गया होगा तब विभाग गहरी नींद में सो रहा था अब जाग आयी है। इस तरह की अवैध निर्माणाधीन इमारतों की शिकायतें आयुक्त को दी जाती रही है। समाचार पत्रों में खबरें छपती रहीं परंतु निष्क्रिय और निष्फल आयुक्त कुंभकर्णिय नींद में सोते रहे और अब खरीददारों से नयी वसुली के लिए नोटिस का ड्रामा तैयार कर रहे हैं। तबादले का समय व दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे और नयी अवैध वसूली का क्या नया जरिया तैयार किया जा रहा है?
उल्हासनगर मनपा शहर रचना विभाग को भ्रष्टाचार का ग्रहण तो लगा हुआ ही था प्रकाश मुले के पदभार संभालने से उसमें चारचांद लग गया है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पहले वास्तुविशारदों को रचनाकार कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था, अब विपरीत स्थिति देखने को मिल रही है कि नगररचनाकार को वास्तुविशारदों के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है, इससे स्पष्ट होता है कि नगररचनाकार की कार्यशैली किस स्तर पर संदेह के घेरे में है।
इस समय महाराष्ट्र में बनी भ्रष्टाचार की पोषक तीन बेमेल पार्टियों की सरकार, उसपर मोटी चमड़ी के मंत्री जिनको रुपये के आगे मान सम्मान और मर्यादा की कोई चिंता व परवाह नहीं है। इसलिए उल्हासनगर ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में और हर विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
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