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हिस्ट्रीशीटर राम वाधवा, नंदलाल वाधवा व अजीज शेख पर मध्यवर्ती पुलिस में ड्रग मामला हुआ दर्ज।

मोटरसाईकिल की डिग्गी में ड्रग रखकर फसाने निकले थे खुद ही फंस गए, पिता-पूत्र भू-माफिया नंदलाल, राम वाधवा व अजीज शेख। 

पुलिस ने कहा जांच में पता चला है कि राहुल शर्मा ने राम वाधवा और दो अन्य के निर्देश पर ड्रग रखा था। इस तरह की वारदातों से उल्हासनगर का इतिहास भरा पड़ा है! 

उल्हासनगर : उल्हासनगर-3, मध्यवर्ती पुलिस थाने में एक स्थानीय व्यापारी राम वाधवा व अन्य तीन लोगों के खिलाफ प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी के स्कूटर में 1.25 लाख का प्रतिबंधित मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग रखकर झुंठे मामले में फंसाने का मामला हुआ दर्ज, एक गिरफ्तार तीन फरार।
.      राम वाधवा 

पुलिस के अनुसार पिछले महीने स्थानीय व्यवसायी राजेश तलरेजा के स्कूटर के अंदर से 1.25 लाख रुपये मूल्य की 25 ग्राम एमडी ड्रग नामक नशीली दवा बरामद हुई थी। नशीली दवा मिलने पर पुलिस ने शुरू में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत राजेश तलरेजा पर मामला दर्ज किया था। परंतु जांच के दौरान  उन्होंने पाया कि तलरेजा के स्कूटर के अंदर किसी और ने ड्रग्स रखा था और सीसीटीवी फुटेज की जांच के अलावा और दूसरी जांच में राहुल शर्मा की भूमिका जाहिर हुई, जो शहर में ही दोपहिया वाहनों की कार्यशाला में काम करता है। सेंट्रल पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक महेश रालेभट ने बताया कि "जांच से पता चला है कि शर्मा ने राम वाधवा और दो अन्य लोगों के निर्देश पर ड्रग्स मोटरसाइकिल में रखा था। जांच में पता चले अनुसार हमने चार लोगों पर मामला दर्ज किया है और शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि वाधवा और अन्य दो की तलाश जारी है। " पुलिस सूत्रों ने कहा कि राम वाधवा और तलरेजा के बीच कुछ व्यावसायिक विवाद था और उसे सबक सिखाने के लिए वाधवा ने ड्रग्स मोटरसाइकिल में रखवाया था।
       राजेश तलरेजा 

बतादें उल्हासनगर ट्रैफिक पुलिस को 28 अप्रैल को सूचना मिली थी कि राजेश तलरेजा सेंट्रल पुलिस थाना परिसर में बिना नंबर प्लेट के मोटरसाइकिल चला रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस तलरेजा की मोटरसाइकिल को जब्त कर ले गई थी। मोटरसाइकिल जब्त करते समय ट्रैफिक पुलिस ने राजेश को गाड़ी की डिक्की से सारा सामान निकालने को कहा और सामान निकालने के बाद गाड़ी जब्त कर लिया। उन्हें वाहन के शेष कागजात के साथ थाने आने को कहा गया। उसी रात करीब नौ बजे राम वाधवा के पिता नंदलाल वाधवा वहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि वाहन में ड्रग या विस्फोटक है और ट्रैफिक पुलिस को वाहन की डिक्की खोलने के लिए मजबूर किया। डिक्की खोलने पर उसमें सफेद पाउडर पाया गया। यह नशीला पदार्थ है कहने पर और नंदलाल वाधवा द्वारा मामला दर्ज कराने की मांग के चलते उल्हासनगर यातायात शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय गायकवाड़ ने मामले की जांच सेन्ट्रल पुलिस को सौंप दी। सेन्ट्रल पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक मधुकर कड के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक महेश रालेभट ने जांच शुरू की। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस जांच में सामने आया कि मोटर साइकिल में नशीली दवा राहुल शर्मा ने  रखा है। राहुल शर्मा को गिरफ्तार कर उसके मोबाइल फोन के सीडीआर रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला की मोटर साइकिल में ड्रग रखने के मास्टर माइंड नंदलाल वाधवा, राम वाधवा और अजीज शेख हैं। उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

उल्हासनगर कैंप 4 के ओटी सेक्शन में, सुमन पैलेस के बगल, परमानंद नारायण मखीजा (56) के स्वामित्व वाली 770 वर्ग फुट जमीन है। उस जमीन को भरत रोहरा, अजीज आमिर शेख और राम वाधवा ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर राजेश तलरेजा को बेचने की साजिश रची थी। आरोपियों ने तलरेजा से 50 हजार रुपये का सांकेतिक समझौता भी किया। इस लेन-देन की  सूचना एक स्थानीय दैनिक में प्रकाशित किए जाने के बाद जमीन मालिक परमानंद मखीजा के संज्ञान में मामला आया तो वे हैरान रह गए। मखीजा ने विट्ठलवाड़ी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, उस मामले में राजेश तलरेजा को गवाह बनाया गया। राजेश तलरेजा ने आरोप लगाया है कि नंदलाल वाधवा मुझ पर दबाव बना रहे हैं कि मैं उनके बेटे के खिलाफ गवाही न दूं, इस लिए मुझे नशीली दवा की तस्करी मामले में फंसाया जा रहा है।  नंदलाल वाधवा आरोपी राम वाधवा के पिता हैं।

राहुल शर्मा की गिरफ्तारी के बाद उसने कबुल किया कि उन्होंने गाड़ी की सीट उठाली और मैने ड्रग्स गाड़ी में डाल दिया। ऐसा जांचकर्ताओं ने बताया। राहुल शर्मा मोटरसाइकिल मैकेनिक है

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