ताजा ख़बर

6/recent/ticker-posts

उल्हासनगर उपविभागीय कार्यालय भ्रष्टाचारियों और दलालों के गिरफ्त में, एक वर्ष से ज्यादा होने के बावजूद भी लिखित शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया गया।

प्रांतकार्यालय (SDO) में भ्रष्टाचार का बोलबाला 59 और 89 के पहले एक खड़ी लकीर खींचकर बना दिया जाता है 159,189 वार, शिकायत करने पर नहीं होती जांच। 

उल्हासनगर : उल्हासनगर-1, बैरेक क्र.147(A) रुम नं. 1,2, 3 और उसके आसपास पड़ी खाली जमीन को मिलाकर एक 7 मंजिला इमारत का निर्माण किया गया है। यह निर्माण पूरी तरह से अवैध है। जहाँ हर तरह की चोरी हुई है, जैसे कम जमीन को ज्यादा दिखाया जाना, एफएसआई की चोरी रायल्टी की चोरी सनद में हेरफेर 59 वर्गयार्ड का 159 कर प्लान पास करवाया जाना आदि। 
उल्हासनगर महानगर पालिका अवैध निर्माण के लिए बदनाम ही थी अब नये नये घोटाले उजागर हो रहे हैं। जैसे फर्जी नामों से प्लान पास करवाया जाना। जिन बुजुर्गों के पाल्य विदेशों में हैं या शहर से दूर हैं उनको बरगला कर उनकी जमीन जबरदस्ती कब्जा करना और मरे हुए लोगों के नाम की जमीन व बंद घरों के ताले तोड़कर कब्जा, फर्जी कागजात बनाकर निर्माण करना। 
उल्हासनगर क्रमांक-1 आशाराम अपार्टमेंट के पास एक-7, मंजिला इमारत का निर्माण किया जा रहा है, जिसके मूल कागजातों की प्रति अग्निपर्व टाइम्स के पास हैं। मूल प्रति जो 23 मार्च 1977 की है। उसमें रुम नं.2 का क्षेत्रफल 59 sqy है और सनद लेते समय भरी गयी रकम 1756 रुपये है। परंतु सर्टिफाइड कापी में भरे गये रुपये तो 1756 ही हैं परंतु जगह का क्षेत्रफल बदलकर 159 हो गया है। इसी तरह रुम-1 के क्षेत्रफल में भी छेड़छाड़ कर 89 से 189 कर दिया गया है। जिसकी लिखित शिकायत उपविभागीय अधिकारी गिरासे से अग्निपर्व टाइम्स के लेटरहेड पर किया गया है। उन्होंने अपने मातहत अधिकारी उपतहसीलदार जयेश घोरपड़े को जांच करने के लिए कहा था। परंतु उनका तबादला हो जाने के बाद नवनियुक्त अधिकारी कारभारी उस पर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं। जबकि 13 जनवरी 2021 को तहसीलदार कार्यालय के मार्फत अग्निपर्व टाइम्स को एक पत्र प्राप्त हुआ है। जिसमें उल्हासनगर उपविभागिय अधिकारी को संबोधित करते हुए लिखा था कि जांच कर उपरोक्त ७ मंजिला इमारत पर तोड़क कार्रवाई की जाय और मूल सनद में हेरफेर करने वालों पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाय। 

परंतु इतने दिन बीत जाने के बाद भी उपविभागीय अधिकारी कारभारी ने इस घोटाले की जांच करने का संज्ञान नहीं लिया है। जांच कर दोषियों को सजा दिलाने में इतनी लापरवाही आखिर क्यों बरतते हैं वरिष्ठ अधिकारी? भ्रष्टाचार रोकने के लिए वरिष्ठ अधिकारी प्रतिबद्धता क्यों नहीं दिखाते हैं। इस विषय की भी जांच होनी चाहिए। अग्निपर्व टाइम्स ने जो पत्र उपविभागीय कार्यालय को दिया था उस
पत्र का क्या हुआ? जिसमें जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की गयी थी। उक्त जानकारी के लिए दर्जनों बार कार्यालय के चक्कर लगाये गये परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, न ही कोई सही जानकारी दी गई है। इससे जो साबित होता है उसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ