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उल्हासनगर दो में बनायी गयी तीन अवैध दुकानों पर, तहसीलदार ने चिपकाया तोड़ने का नोटिस

सरकारी जमीन पर बनाये गये तीन बड़े-बड़े गोदाम, तोड़ने के बाद फिर बने, तहसीलदार ने चिपका दिया फिर तोड़ने का नोटिस ! 
उल्हासनगर : ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में जगह-जगह सरकारी जमीनों पर कब्जा हो रहा है। कहीं फर्जी कागजातों के आधार पर फर्जी सनद बनाकर तो कहीं मनपा प्रभाग अधिकारियों से सांठ गांठ कर अवैध निर्माण कर, कर लिया जाता है कब्जा। इसी प्रकार का एक मामला उल्हासनगर-२, राणा खदान के पास दुर्गानगर से सामने आया है। जहाँ सरकारी जमीन कब्जा कर 15 ×75 के तीन अवैध गालों का निर्माण किया गया है। इन अवैध गालों पर तहसीलदार के आदेश पर उमनपा प्रभाग समिती-2, के प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी ने तोड़क कार्यवाही किया था। परंतु वह तीनों गाले फिर बनकर तैयार हो गये हैं और तहसीलदार ने फिर उन गालों पर तोड़क कार्रवाई करने के लिए नोटिस चिपका दिया है। अब देखना होगा कि तोड़क कार्रवाई कब होगी, होगी भी या नहीं होगी?
उल्हासनगर मनपा आयुक्त के रुप में जब से दयानिधी राजा ने कार्यभार संभाला है, तबसे अवैध निर्माणों में जबरदस्त तेजी आई है। उन्होंने कमाई करने के लिए सभी चारों प्रभागों की वसूली का जिम्मा प्रभाग-1, के भ्रष्टाचारी सहायक आयुक्त गणेश शिंपी को दे रखा है। शिंपी ने अवैध टियर गाटर के एक अवैध निर्माण के रिश्वत का दाम 50/75 हजार मुकर्रर कर रखा है और रिस्कबेस प्लान के नामपर 5 और 6 मंजिलों की बनाए जाने वाली अवैध इमारत का डेढ़ लाख से दो लाख रुपये लेते हैं। शिंपी जैसे भ्रष्ट आचरण वाले अधिकारी जो 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये हैं, इसके अलावा कई पुलिस थानों में इनके नाम पर मुकदमें दर्ज होने के बावजूद उनको सहायक आयुक्त जैसा जिम्मेदारी भरा पद दिया गया है। जिसके बारे में दर्जनों बार समाचारपत्रों ने समाचार लिखा और न जाने कितनी शिकायतें की गयी है। परंतु आयुक्त दयानिधी राजा और शहरी विकास मंत्री व पालक मंत्री का आशिर्वाद प्राप्त होने के कारण इस भ्रष्ट अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं होती है।

अब देखना यह होगा कि राणा खदान के पास निर्मित अवैध तीनों दुकानों पर तहसीलदार द्वारा नोटिस लगाये जाने के बावजूद कोई तोड़ू कार्यवाही होती है या नहीं।

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