उल्हासनगर: उल्हासनगर के कथित संपादक पत्रकार द्वारा स्थानीय न्यायालय में सैकड़ों धनादेश (Chek) वापसी (Bauns) के मुकदमें दर्ज कराए गए हैं। इस छल से उल्हासनगर के कई लोग परेशान होकर अवसादग्रस्त (Depressed) हो गये हैं या हो रहे हैं।
अशोक खत्री
"मुंबई क्रांति" नामक समाचारपत्र जो कभी छपता नहीं है ऐसे समाचार पत्र के संपादक अशोक खत्री, उल्हासनगर बचाओ समिति के अध्यक्ष हैं जो अस्तित्व में नहीं है। ऐसे अशोक खत्री द्वारा स्थानीय चोपड़ा कोर्ट में एक दो नहीं सैकड़ों चेक बाउंस के मामले चलाये जा रहे हैं। मुकादमों को चलाये जाने के लिए उन्होंने कई अधिवक्ताओं को नियुक्त कर रखा है। बतादें खत्री द्वारा लोगों को 10 से 20 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मुहैया कराया जाता है। इस कर्ज के बदले सादे, सिर्फ हस्ताक्षरित धनादेश ले लिया जाता है। जिसमें कितनी राशि उधार के तौर पर दी गयी है यह दर्शाया नहीं जाता, इसी बात का फायदा उठाकर अशोक खत्री जिनको 10 - 20 हजार का कर्ज दिया है उनके कोरे चेकों पर लाख दो लाख की राशि लिखकर चेक बाउंस करा लिया जाता है। उनपर चेक बाउंस का मुकदमा कायम कर दिये जाने का मामला सामने आया है। इस तरह लिए हुए कर्ज में से कुछ याने आधा तिहावा लौटने के बावजूद लोगों के सर पर लाखों रुपये का कर्ज चढ़ाकर उनसे जबरन वसूली की जा रही है।
इस तरह के कर्जबाजारी के करोड़ों रुपये के धनादेश उलंघन का मुकदमा न्यायालय में दाखिल होने की सूची अग्निपर्व टाइम्स को मिली है। यहां आपका यह जानना जरूरी है कि अशोक खत्री व उनके पुत्र का और कोई कारोबार नहीं है ऐसा पता चला है। इस तरह की जबरी वसुली के लिए पुलिस व स्थानीय नेताओं के सहयोग जरूरत पड़ती है, शायद इसीलिए खत्री हर पुलिस अफसर की वर्षगांठ पर एक मुस्लिम फकीर साईंबाबा की तस्वीर लेकर पहुंच जाता है और वर्षगांठ मनाते समय की तस्वीर शोसल मीडिया पर प्रसारित कर यह साबित करने की कोशिश करता है कि उसकी पहचान पुलिस के बड़े-बड़े अफसरों और नेताओं से है। इस तरह लोगों पर दबाव बनाकर मजबूरी में कर्ज लेनेवालों से 50 से 100 गुना ज्यादा वसूली करता है और न मिलने पर धनादेश (Chek) पर 10 /20 हजार कर्ज के बदले लाख, दो लाख रुपये की राशि भरकर बैंक से चेक बाउंस कराकर न्यायालय में चेक बाउंस का मुकदमा दाखिल कर न्यायालय के माध्यम से लोगों को परेशान कर जबरी वसूली करता है।
अशोक खत्री पर चैन स्नेचींग के अलावा कई तरह के मुकदमें स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं। इसी तरह कई करोड़ रुपये के सैकड़ों चेक बाउंस के मामले अदालत में चल रहे हैं। इस समय ईडी छोटे से छोटे मनीलांड्रीग मामले पर संज्ञान ले रही है तो क्या इस मामले पर संज्ञान लेगी? सैकड़ों मुकदमें चल रहे हैं उसकी लिस्ट के साथ ही पूरा चिट्ठा अग्निपर्व टाइम्स के पास है। अशोक खत्री से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा मैं बाहर हूँ और फोन काट दिया।
इस तरह के कर्जबाजारी के करोड़ों रुपये के धनादेश उलंघन का मुकदमा न्यायालय में दाखिल होने की सूची अग्निपर्व टाइम्स को मिली है। यहां आपका यह जानना जरूरी है कि अशोक खत्री व उनके पुत्र का और कोई कारोबार नहीं है ऐसा पता चला है। इस तरह की जबरी वसुली के लिए पुलिस व स्थानीय नेताओं के सहयोग जरूरत पड़ती है, शायद इसीलिए खत्री हर पुलिस अफसर की वर्षगांठ पर एक मुस्लिम फकीर साईंबाबा की तस्वीर लेकर पहुंच जाता है और वर्षगांठ मनाते समय की तस्वीर शोसल मीडिया पर प्रसारित कर यह साबित करने की कोशिश करता है कि उसकी पहचान पुलिस के बड़े-बड़े अफसरों और नेताओं से है। इस तरह लोगों पर दबाव बनाकर मजबूरी में कर्ज लेनेवालों से 50 से 100 गुना ज्यादा वसूली करता है और न मिलने पर धनादेश (Chek) पर 10 /20 हजार कर्ज के बदले लाख, दो लाख रुपये की राशि भरकर बैंक से चेक बाउंस कराकर न्यायालय में चेक बाउंस का मुकदमा दाखिल कर न्यायालय के माध्यम से लोगों को परेशान कर जबरी वसूली करता है।
अशोक खत्री पर चैन स्नेचींग के अलावा कई तरह के मुकदमें स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं। इसी तरह कई करोड़ रुपये के सैकड़ों चेक बाउंस के मामले अदालत में चल रहे हैं। इस समय ईडी छोटे से छोटे मनीलांड्रीग मामले पर संज्ञान ले रही है तो क्या इस मामले पर संज्ञान लेगी? सैकड़ों मुकदमें चल रहे हैं उसकी लिस्ट के साथ ही पूरा चिट्ठा अग्निपर्व टाइम्स के पास है। अशोक खत्री से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा मैं बाहर हूँ और फोन काट दिया।
2 टिप्पणियाँ
ये खबर आपकी शत् प्रतिशत् सही है
जवाब देंहटाएंकमलेश जी यह एकदम गलत खबर आपको किसी ने दी है मैने आपका फोन कट नही किया था, नेटवर्क की वजह से कट गया था उसके बाद मैने आपको तीन बार फोन किया जो कि आपने उठाया नही आप वरिष्ठ पत्रकार है आपको किसी कि झूठी बातो को सुनकर मुझपर आरोप लगा रहे है। मेरा आपसे पिछले 20 वर्षो से मधुर संबंध रहे हे आपको एक बार मुझसे इस खबर के बारे में एक बार मुलाकात करनी चाहिए थी....
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