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उल्हासनगर में हुए भाजपा आंदोलन में कमल के फूल का मफलर गले में डालकर मंच पर बैठे पप्पू कालानी!!

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को घेरा किरीट सोमैया ने "मुंबई पुलिस कमिश्नर को मुख्यमंत्री का दरवान" बताया!! 
उल्हासनगर: उल्हासनगर में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि समय आने पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय का हिसाब करेंगे।उल्हासनगर मनपा मुख्यालय के सामने भाजपा के धरना-प्रदर्शन आंदोलन में सोमैया ने उद्धव ठाकरे पर मुख्यमंत्री पद के लिए अपने पिता के हिन्दुत्व को गिरवी रखने का भी आरोप लगाया। उल्हासनगर में खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास मुद्दे को लेकर शुक्रवार को मनपा मुख्यालय के सामने भाजपा के आंदोलन में शामिल हुए सोमैया ने पालकमंत्री एकनाथ शिंदे की भी आलोचना की। उन्होंने शिंदे पर उल्हासनगर में खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास की नीति के तहत शहर 2.5 लाख लोगों को परोक्ष रूप से परेशान करने का आरोप भी लगाया।

धरने पर बैठे बीजेपी नेता ने कहा कि स्थानीय विधायक कुमार आयलानी के अनुरोध पर शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने बजट सत्र में धोखादायक इमारतों के पुनर्विकास के लिए नीति लागू करने का वादा किया था। हालांकि, छह महीने बीत जाने के बाद भी पुनर्विकास नीति की घोषणा नहीं की जा स्की है। सोमैया ने आघाडी सरकार पर हमला बोलते हुए मनी लांड्रिंग से लेकर कोविड अस्पताल घोटाले तक के आरोप लगाए।

पप्पू कालानी भी पहुंचे भाजपा के आंदोलन में, कंधे पर भाजपा चिन्ह वाला दुपट्टा देखकर लोगों को लगा कि पप्पू कालानी भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने भी उल्हासनगर की जर्जर इमारतों के मुद्दे पर शासन प्रशासन और सरकार को जमकर कोसा। 

दोहरा चरित्र निभाने में माहिर उल्हासनगर के नेताओं के कारण ही उल्हासनगर शहर की दुर्दशा हो गयी है। कौन नहीं जानता जर्जर इमारतों का दोषी कौन है? 20 रुपये प्रति एफएसआय लेकर अवैध इमारत निर्माण को अभय दान किसने दिया? अवैध निर्माण किसके शासनकाल में हुए? जिस किसी ने रुपये देने में आनाकानी, इंकार किया रुपये कम दिये उनकी इमारतों पर हथौड़ा चला। रुपये पहुंचाने के बाद उन इमारतों का दुरुस्तीकरण हुआ और बेंच दिया गया। उन्हीं इमारतों की छतें अब अचानक गिर रहीं हैं। उस समय हुए अवैध कामों से अछूते आयलानी भी नहीं हैं। क्या अवैध निर्माण रुक गया है? नहीं अब भी चल रहा है और चल रहे अवैध निर्माणों के लिए परोक्ष - अपरोक्ष रुप से कई दोषी मंच पर विराजमान भी थे।

अवैध निर्माणों के कारण ही उल्हासनगर में ट्रांजिट कैम्प नहीं बन पाया! अवैध इमारतों में सदनिका (Flate) खरीदने व रहनेवाले अब कहाँ चले गए, उनका नामोनिशान नहीं मिलता है। इमारत गिरा दी गई जमीन का मालिक फिर मालिक बन बैठा और रहवासी दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। एफ एस आय बढ़ाने का फायदा भी जर्जर इमारत के रहवासियों को नहीं मिलेगा फिर यही नेता और बिल्डर फायदे के हकदार बन जायेंगे!

इस तरह आंदोलन से आम जनमानस को कोई लाभ नजर नहीं आया और आंदोलन में लोगों ने हिस्सा नहीं लिया और आंदोलन फेल साबित हुआ। आंदोलन में कुमार आयलानी, जमुनो पुरस्वानी, चंद्रकांत मिश्रा, दीपक छतलानी, डा. नाथानी, राजेश वदारिया, महेश सुखरामानी, प्रकाश माखिजा, आदि ने हिस्सा लिया। 

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