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अनिल देशमुख, नवाब मलिक और अब संजय राऊत ईडी के शिकंजे में!! इफ्तदाये इश्क में रोता है क्या? आगे आगे देखिये होता है क्या??

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में घोषणा किया था  "न खाऊँगा न खाने दूंगा," अब एक कड़ी और बढ़ गयी  "जो खाया वह भी निकाल लूंगा"!! 

मुंबई : शिवसेना के बड़बोले नेता, राज्य सभा सांसद और हिन्दी सामना के संपादक तक ईडी पहुंच गयी है और उनके मित्र व सहयोगी प्रवीण राऊत गिरफ्तार हो चुके हैं। धर्म पत्नी के नाम खरीदा गया गोरेगांव का फ्लैट और अलीबाग के प्लाट भी सीज यानी कुर्क कर लिया गया।

संजय राऊत को यह पता था की ईडी के गिरफ्त में वे आने वाले हैं इसीलिए बार बार बदले की भावना से प्रभावित होकर भाजपा कार्यवाही कर रही है ऐसा कयी महीनों से चिल्ला रहे थे ताकि बचा जा सके और जनता का विश्वास कायम रहे। परंतु पुलिस, सीआईडी, सीबीआई से एक बार बचा भी जा सकता है। लेकिन जब ईडी Directorate of Enforcement किसी मामले को हाथ में लेती है तो जड़ें खोद कर विशाल पेड़ को भी गिरा देती है क्योंकि यह एजेंसी मनी लांड्रिंग मतलब काले धन को सफेद करने के मामलों में सबसे पहले मनी ट्रेल मतलब पैसा कैसे कहां से किसे गया  ढूंढती है और एकदम चुपचाप । फिर कार्रवाई करती है।

बड़बोले और अनाप-शनाप बोलने संजय राऊत इसी ईडी के चक्कर में पड़ गए हैं। अब उनका बचना मुश्किल ही है।

अब आपको बता दें कैसे फंस गये नाटी बोय, मुंबई गोरेगांव में महाराष्ट्र सरकार की 48 एकड़ जमीन पर वर्षों पुरानी एक चाल chawl बनी हुई थी। जिसका नाम पात्रा चाल था। उस चाल में 672 परिवार रहते थे। बृहन्मुंबई महानगरपालिका उस जमीन को खाली कराकर उसका व्यापारिक उपयोग करना चाहती थी, मगर निवासी हटना नहीं चाहते थे। अंत में समझौता हुआ कि वहां जो बिल्डिंग बनेगी उसमें रहवासियों को 672 फ्लैट दिए जाएंगे बाकी बचे 3000 फ्लैट सरकार बेचेगी। एक डेवलपर का चुनाव हुआ उसका नाम गुरुकृपा बिल्डर्स और जिसके मालिक प्रवीण राऊत हैं। पहले फेज में 672 फ्लैट बन गये और लोग रहने लगे, मगर बचे हुए 3000 फ्लैट प्रवीण राऊत ने नहीं बनाये बची हुई खाली जमीन दूसरे भवन निर्माता बधावन कंस्ट्रक्शन को बेच दिया कुल 2000 करोड़ का सौदा हुआ जिसमें 1000 करोड कैश में लिया गया।

अब इसकी अगली कड़ी देखिए

महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक के दिवालिया होने की जांच जब शुरू हुई तो पता चला कि गुरुकृपा के मालिक प्रवीण राऊत का सारा लेनदेन इसी बैंक से होता था और प्रवीण के खाते से संजय राऊत की पत्नी वर्षा राऊत के खाते में 11 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए थे और उन्हीं रुपयों से अलीबाग में प्लाट और मुंबई में फ्लैट खरीदा गया है। आपको याद होगा 55 लाख उधार वाला मामला जो रुपया संजय राऊत ने भरा था पीएमसी बैंक ईडी के पूछने के बाद। बस अब ईडी को और क्या चाहिए था मनी ट्रेल स्थापित हो गया और जनवरी में प्रवीण राऊत गिरफ्तार हो गया और अब संजय राऊत की पत्नी के नाम से खरीदी गई संपत्ति ईडी ने अटैच कर ली है।

अनिल देशमुख, नवाब मलिक और अब संजय राऊत की बारी आ गयी है। इसीलिए अब यह कहा जाने लगा है कि वादा तो किया था "न खाऊँगा न खाने दूंगा" मोदीजी अपना वादा नहीं निभा रहे हैं। जितना कहा था उससे ज्यादा कर रहे हैं। यानी जो कांग्रेस के जमाने में खाया था वह भी निकाल ले रहे हैं। तो भाई इसी को तो नरेंद्र मोदी कहते हैं। चिल्लाने से कुछ नहीं होगा मोदी धीरे-धीरे सबको किनारे लगा देंगे! यहां यह बताया जाना जरूरी है मोदी या भाजपा बदले की कार्रवाई नहीं कर रही है। बदले की कार्रवाई आपने की थी कंगना रणौत पर, आर भारत चैनल पर और नारायण राणे पर जो न्यायालय में नहीं ठहरा। आपके मंत्री तो जेल में बैठे हैं जमानत तक नहीं मिल रही है। 

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