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नगरविकास मंत्री के दत्तक पुत्र का एक और घोटाला !!

ऐसा सिर्फ उल्हासनगर में होता है, इमारत निर्माण हर्ष माखिजा करता है पूर्णता प्रमाणपत्र नानकानी लेता है!

प्लान सि.टी.एस.नं.९१४०, यु.नं. १२७,१२८,प्लाट नं. ९८(भा) शिट नं. ४२ पर पास हुआ पूर्णता प्रमाणपत्र शिट नं.५० पर दिया गया अनोखा कारभार उमनपा का!

उल्हासनगर : ठाणे जिले की उल्हासनगर महानगर पालिका में शहर विकास मंत्री ने चुन चुन कर भ्रष्टाचारियों की नियुक्ति करवाया है। इसी कड़ी में उमनपा में पदस्थापित रचनाकार प्रकाश मुले हैं। इनकी नियुक्ति के बाद उल्हासनगर मनपा, शहर रचना विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। उल्हासनगर-3, 17 सेक्सन हिल एरिया में मनोरंजन स्थल के लिए आरक्षित भूखण्ड के माखिजा बिल्डर्स ने फर्जीवाड़ा कर कागजात बनवाया और बेसमेंट+तलमंजीला+5, का प्लान पास करवा लिया। न्यायालय के स्थगन आदेश व वायलेसन रिपोर्ट के बावजूद रचनाकार ने दिया पूर्णता प्रमाणपत्र (CC)
   शहर उपरचनाकार प्रकाश मुले 

उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-3, BLK, C-15, रुम नंबर 57, भूखण्ड क्र.106, अनिवासी भूखण्ड जो मनोरंजन स्थल के लिए आरक्षित था। उस जगह पर परसोत्म एस मंघवानी ने ईंट की दिवार और सिमेंट पत्रों से कब्जा कर एक गैरेज बना रखा था,उस भूखण्ड को माखिजा कंस्ट्रक्शन के मालिक हर्ष राजलदास माखिजा ने खरीद लिया और भूखण्ड पर फर्जी कागजातों के आधार पर एक बहुमंजिला इमारत बनाने का प्रस्ताव उमपा/नरवि/बांप/१३/१२/९३ दिनांक ०४.०६.१२ को भेजा। वह प्रस्ताव पास हो गया परंतु इमारत का निर्माण शुरू नहीं किया और दोबारा सुधारित बांधकाम परवानगी के लिए दि. ०५.०८.१६ को भेजा गया जिसका क्र. उमपा/नरवि/बांप/१३/१२/२८६ है। सुधारित प्रस्ताव भी पास हो गया। निर्माणकार्य शुरू ही हुआ था की तत्कालीन विधायक ज्योति कालानी ने 25/11/2016 को मामला विधान सभा में उठा दिया। मामला विधानसभा में उठता देख आयुक्त ने जांच के आदेश दिए तब पता चला उपरोक्त पास प्लान उन 38 प्लानो में से एक है जो एम एस करपे द्वारा गलत ढंग से पास किये गये थे। आरक्षित भूखंड का पता लगने पर काम रोकने और एमआरटीपी दाखिल करने का आदेश तत्कालीन अवैध बांधकाम निष्कासन उपआयुक्त द्वारा दिया गया, परंतु प्लान रद्द करना शायद भूल गये। 
   उमनपा प्रशासक डा. राजा दयानिधी 

भवन निर्माता पहुंचा न्यायालय

भवन निर्माता हर्ष माखिजा ने कल्याण सिविल जज के एस बाकरे की अदालत में एमआरटीपी व बांधकाम निष्कासन रोकने की गुजारिश करते हुए स्पेशल सिविल सूट नं 90/17 दाखिल कर दिया, जैसा की होता आया है महानगर पालिका कानून विभाग की सांठ-गांठ के कारण मुद्दा ढंग से उठाया नहीं गया और जज साहब ने 8 अगस्त 2017 को न्यायिक कार्रवाई पूरी होने तक 7/9/16 की यथास्थिति बनाये रखने का स्थगन आदेश जारी कर दिया।

न्यायालयीन प्रक्रिया के बीच पूर्णता प्रमाणपत्र

मिले कागजातो के अनुसार तत्कालीन आयुक्त उपायुक्त और शहर रचनाकार ने माना वास्तुविशारद ने फर्जीवाड़ा कर प्लान पास करवाया है। परंतु प्लान रद्द क्यों नहीं किया यह समझ से परे है। कार्यवाही के डर से वास्तुविशारद ने अपने आपको इमारत प्लान व कार्य से अलग कर लिया फिर भी न जाने किसके मार्ग दर्शन में इमारत का निर्माण चलता रहा। जबकि दो वर्ष मार्च 2020 से लेकर पूरा 2021 देश कोविड की दूसरी तीसरी व चौथी लहर से जूझता रहा। लगभग दो वर्ष न्यायालय में कामकाज न के बराबर हुआ। कब स्थगन आदेश खत्म हुआ? कब काम शुरू हूआ? कोविड महामारी के कारण सारे निर्माणकार्य बंद थे। मजदूर गांव चले गये थे। फिर भी बेसमेंट + तलमंजील + 5, मंजिला इमारत बनकर तैयार हो गयी और हमारे काबिल उपशहर रचनाकार प्रकाश मुले ने मालिक हर्ष माखिजा, वास्तुविशारद जोगलेकर के मांगे बिना ही, हर्ष माखिजा की इमारत का पूर्णता प्रमाणपत्र राम नानकानी को दे दिया। अब यहाँ मजे की बात यह है कि नानकानी द्वारा पत्र 5 फरवरी 2022 को दिया गया और ज्ञानी उपरचनाकार प्रकाश मुले ने 6 जनवरी 2022 को, यानी मांगने से एक महिना पहले ही पत्र .क्र. उमपा/नरवि/बांप/१३/१२/५७१, द्वारा देकर माखिजा कन्स्ट्रक्शन के हर्ष माखिजा सि.टी.एस. नं. ९१४०, यु.नं. १२७,१२८ प्लाट नं. ९८ (भा), शिट नं. ५०, उल्हासनगर-३, का पूर्णता प्रमाणपत्र राम नानकानी को दे दिया है। प्रमाणपत्र में सिर्फ नाम बदला है बाकी सब वही है। पत्र की प्रति उस वास्तुविशारद शरद जोगलेकर को भेजी गई है जिन्होंने फर्जी कागजात का पता लगते ही अपने आपको निर्माणकार्य से अलग कर लिया है।

पूर्णता प्रमाणपत्र (CC)

आप जब खबर पढ़ रहे हों तो यह कतई न समझे की हमने तारीख लिखने में कोई गलती की है या हमसे कोई भूल हुई है। हमारे आत्मज्ञानी उपशहर रचनाकार प्रकाश मुले द्वारा दिए गए पत्र की एक प्रति हमारे पास है। जिसमें मांगने की तारीख 5 फरवरी 2022 है और प्रमाणपत्र देने की तारीख 6 जनवरी 2022 ही है। उमनपा रचनाकार को यह आत्मज्ञान हो गया था कि रामनानकानी हर्ष माखिजा के अवैध निर्माण का पूर्णता प्रमाणपत्र (Completion Certificate) 5 फरवरी 2022 को मांगने वाला है। इसलिए 6 जनवरी 22 यानी कि मांगने के एक महीना पहले ही इमारत का पूर्णता प्रमाणपत्र भेज दिया। यह खबर एकबार में नहीं लिखी जा सकती है आगे हम बतायेंगे की कैसे और क्यों जोगलेकर ने अपने आप को इस निर्माणकार्य से अलग कर लिया था और पूर्णता प्रमाण मांगने के लिए राम नानकानी कहाँ से पैदा हो गया और प्रकाश मुले की जांच का जिम्मा खुद प्रकाश मुले को ही उपायुक्त प्रियंका राजपूत ने दिया। शिट नं. ४२ पर निर्मित इमारत का पूर्णता प्रमाणपत्र शिट नं. ५० पर दिया गया। सारे दस्तावेज अग्निपर्व टाइम्स के पास सुरक्षित हैं। 

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