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मुंबई की बदलती डेमोग्राफी व पार्टियों के बदलते सिद्धांत





          *मुंबई का होता इस्लामीकरण !*
मुंबई शहर के बारे में जो जानकारी देखने को मिल रही है, वह बहुत चौंकाने वाली ही नहीं है आपको दंग कर देने वाली है! आप यह जानकार दंग रह जायेंगे कि क्यों एक कट्टर हिन्दू राजनीतिक दल नेअपनी विचारधारा को पूरी तरह से बदल लिया है। अगर आप मुंबई का सर्वे करेंगे तो आपको मुंबई शहर की यथास्थिति का पता लगेगा, सभी समुद्र तटों और सड़कों पर चाय, नाश्ता, आमलेट, पानी आदि बेचने वाली लगभग सभी ठेलागाड़ियों, पर मुस्लिम समुदाय के लोगों का कब्जा हो गया है। यह सभी मुस्लिम दूसरे राज्यों से हैं या फिर बांग्लादेशी व रोहिंग्या है। यहां तक ​​कि सड़क किनारे बिकने वाले नारियल पानी, सब्जी की गाड़ियों पर भी धीरे-धीरे समुदाय का कब्जा हो गया है। मनीष मार्केट, क्रॉफर्ड मार्केट, ग्रांट रोड के अधिकांश व्यवसायों पर कभी मराठियों और मारवाड़ियों का कब्जा हुआ करता था। आज आपको पूरे क्षेत्र में शायद ही कोई हिंदू व्यापारी देखने को मिलेगा। जनसंख्या का यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ। इस्लामिक संगठनों के अलावा अबू आज़मी, असलम शेख और नवाब मलिक जैसे मुंबई के नेताओं ने ऐसा होने के लिए बहुत मेहनत की है। एनसीपी और शिवसेना ने भी दिया है उन्हें पूरा समर्थन!
इन लोगों ने एक संगठन बनाया है! जब उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, बांग्लादेश या रोहिंग्या मुसलमान मुंबई आता है, तो वह निकटतम मस्जिद में जाता है। वहां से उसे एनजीओ के नवाब मलिक, असलम शेख या अबू आज़मी के कार्यालय ले जाया जाता है। उनके लोग मुंबई के सभी इलाकों और उपनगरों का पूरा सर्वे करते हैं कि किस इलाके में किसका कारोबार चलेगा। फिर उस व्यक्ति को ठेले के साथ पूरा उपकरण देकर उस स्थान पर व्यापार करने के लिए भेजा जाता है। वह व्यक्ति अपनी कारोबारी कमाई से एनजीओ को पैसे देता रहता है। इस तरह लाखों मुसलमानों को मुंबई में शिफ्ट किया गया है और जा रहा है! मुंबई का जनसंख्या परिवर्तन जोरों पर है। मीरारोड, नालासोपारा, भिवंडी, मुंब्रा, बांद्रा पूर्व, खार, ग्रांटरोड, भायखला, अब्दुल रहमान स्ट्रीट, मोहम्मद अली रोड, बॉम्बे सेंट्रल, क्रॉफर्ड मार्केट सांताक्रूज, अंधेरी वेस्ट, जोगेश्वरी, ओशिवारा, राममंदिर स्टेशन, गोरेगांव पश्चिम, मलाड पश्चिम , मालवानी, चारकोप और कई अन्य क्षेत्र धीरे-धीरे मुस्लिम समुदाय का गढ़ बन गए हैं।

आज मुंबई में कई ऐसे इलाके हैं जहां कोई भी हिंदू व्यक्ति चुनाव जीतने की उम्मीद नहीं कर सकता! मुंबई पुलिस में मुसलमानों की भर्ती के लिए नवाब मलिक, असलम शेख और अबू आजमी ने एनसीपी के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया है। कोल्हापुर, सतारा, सांगली, रायगढ़, नागपुर, पूणे, औरंगाबाद के साथ ही मुंबई सेंट्रल में कोचिंग खोली गई है, ताकि उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल के मुसलमान मराठी अच्छी तरह सीख सकें, क्योंकि पुलिस भर्ती का पेपर मराठी में होता है। उन्हें इन सभी शहरों में मुफ्त आवास और कोचिंग की सुविधा के साथ हर महीने रु. 8,000/ जेबखर्च के लिए भी दिए जाते हैं। एक पत्र से पता चला है कि नवाब मलिक चाहते हैं 2023 से पहले 30% से अधिक मुसलमान महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती कर दिए जांय! बेचारे आम मराठी मानुष सड़कों पर घूम रहे हैं, नारे लगा रहे हैं, और इस बात से अनजान हैं कि धीरे-धीरे पूरी जनसंख्या बदल रही है!





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