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उल्हासनगर में फिर एक इमारत धराशायी!

भाटिया चौक के पास एक बहुमंजिली इमारत गिरी !
जनहानि से बच गया शहर, छुटपुट जख्मी हुए लोग। 

उल्हासनगर : ठाणे जिले के उल्हासनगर कैंप क्र. 5, भाटिया चौक परिसर की एक 5 मंजिला इमारत स्वामी नारायण पैलेस के तीसरे मंजिल का स्लैब दुसरी मंजिल पर गिर गया दोनों फ्लैटों में किसीके न होने से, इसमें कोई जीवन हानि नहीं हुई।


हादसा 22 अप्रैल की मध्यरात्री के समय हुआ। स्लैब के ऊपर यानी तीसरी मंजिल पर और नीचे दूसरी मंजिल पर कोई नहीं था। इसलिए घटना में कोई जीवन हानि नहीं हुई। इमारत को तुरंत प्रशासन द्वारा खाली करवा लिया गया। बतादें यह इमारत भी धोकादायक इमारतों (dangerous buildings) की सूची में नहीं थी। ज्ञात हो कि उल्हासनगर में पिछले 12 साल में 36 इमारतें गिरी हैं और 37 मौतें हुई हैं।

स्लैब गिरने के हादसों का कारण अवैध इमारतों के स्लैब का तोड़ा जाना बताया जा रहा है। उक्त समय पर हुऎ निर्माणों (illegal constructions) की शिकायत होनेपर मनपा अधिकारियों द्वारा स्लैब तोड़ दिये जाते थे। बाद में सांठगांठ हो जाने पर बिल्डर रिपेयर कर इमारतों में बने फ्लैट को बेच डाला करते थे, जिसका नतीजा अब 25 सालों बाद शहर भुगत रहा है। इमारत का निर्माण 1996 में हुआ और 10 फ्लैट है। उल्हासनगर-२ में सोना मार्केट के पीछे गिरी इमारत में 9 लोगों की जान गयी थी तबसे जो सिलसिला शुरू हुआ, अब तक 50 इमारतें धराशायी हो चुकी हैं। करीब 60 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और हजारों लोग बेघर भी हुए।

शीशमहल अपार्टमेंट, मां भगवती, नीलकंठ, शिवसागर, रानी मां, महालक्ष्मी, शांति पैलेस, सन्मुख सदन, स्वामी शांतिप्रकाश अपार्टमेंट,सोनामार्केट,गुडमैन कॉटेज,नेहरू पार्क, हमलोग अपार्टमेंट, पारसमणी, सिंधरी सागर, लक्ष्मीनारायण, आशीर्वाद मार्केट, माधुरी कॉम्प्लेक्स, मलिका महल, मुरलीवाला, सत्यम कॉम्प्लेक्स, साई आशाराम अपार्टमेंट, मेमसाब, मंदार अपार्टमेंट, साई एम्पायर, शिवलीला, नवचंद्रिका, अम्बिकसागर, महक अपार्टमेंट, ओम शिवगंगा सोसायटी, मोहिनी पैलेस साईशक्ती अपार्टमेंट, देवर्षि और स्वामी नारायण पैलेस के अलावा अन्य कयी इमारतें अब तक गिर चुकी हैं। अवैध होने के कारण रहवासियों को कोई मदद नहीं मिली और फ्लैट भी चला गया, फायदा भूमाफियाओं का हुआ। फिर भी अवैध निर्माण शुरू हैं। लोग बनवा और खरीद रहे हैं। इतनी तकलीफ के बाद भी उल्हासनगर के लोग सुधरने को तैयार नहीं तो इनका वाली कौन होगा? 

स्वामी नारायण के रहिवासियों की मदद के लिए स्थानीय राकांपा नेता भरत गंगोत्री घटना स्थल पर पहुंचे और मदद कार्य में जुट गए। 19 अप्रैल के दिन ही शीशमहल अपार्टमेंट का हादसा हुआ था, ठीक 11 साल पहले और इस हादसे में 4 छोटे बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। उल्हासनगर में गिरने वाली इमारतों में हुई मौतों पर सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं मिला जबकि शहर विकास व पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने 5 लाख रुपये देने का वादा किया था। परंतु आजकल झूंठ की राजनीति में वादों का क्या मोल, इरादा होना चाहिए। 

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