1000 करोड़ के महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाले में शरद पवार अजीत पवार के अलावा 70 अन्य लोगों पर होगी प्राथमिकी दर्ज, मुंबई उच्च न्यायालय का आदेश।
मुंबई : मुंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पुलिस को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा शरदपवार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और कम से कम 70 अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति एस.सी.धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस.के. शिंदे ने माना कि प्रथम दृष्टया विश्वसनीय सबूत हैं और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को कानूनों के प्रासंगिक प्रावधानों को लागू करते हुए कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया। उन पर 2007-2011 के बीच राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान करने का आरोप लगाया गया था।
इससे पहले, महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम के तहत एक अर्ध-न्यायिक जांच पैनल ने मामले में पवार और अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया था।
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने भी MSCB का निरीक्षण और ऑडिट किया था, जिसमें विभिन्न बैंकिंग और भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए, चीनी कारखानों और कताई मिलों को ऋण वितरित करते हुए, और बाद में चुकौती और वसूली पर चूक का खुलासा किया गया था।
जांच रिपोर्ट और अरोड़ा द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के बावजूद, इस मामले में कोई कार्रवाई या प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई जिसके बाद उन्होंने 2015 में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी।
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