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भ्रष्टाचारी लेखाधिकारी विकास चव्हाण पर मंत्री का कहर और सहायक आयुक्त गणेश शिंपी पर दया भरी नजर !!

विकास चव्हाण को तुरंत पद से हटाने के लिए नगरविकास मंत्री ने दिया उमनपा आयुक्त को पत्र! 

उल्हासनगर मनपा में मुख्य लेखाधिकारी विकास चव्हाण की जांच कर उनको तुरंत पद से हटाये जाने के लिए नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे का पालिका आयुक्त को पत्र ! लिपिक गणेश शिंपी को छोड़ दिया? 
     विकास चव्हाण 

उल्हासनगर - उल्हासनगर मनपा के मुख्य लेखाधिकारी विकास चव्हाण ने शहर विकास से ज्यादा स्वविकास पर ध्यान केंद्रित किया ऐसा कहा जा रहा है। यही कारण है कि विकास चव्हाण का तो विकास हुआ परंतु शहर में विनाश जैसी परिस्थिती निर्माण हो गयी। यही कारण है कि मंत्री ने उनको पदच्युत करने का आदेश आयुक्त को दिया है। परंतु शहर के गलियारों में चर्चा है कि भ्रष्टाचारी गणेश शिंपी को छोड़ दिया गया! क्या शिंपी महावसुली सरकार के वसूली में सहायक हैं? इसलिए शहर विकास व ठाणे जिला पालक मंत्री एकनाथ शिंदे की नजरें शिंपी तक नहीं पहुंच रही है! 
      एकनाथ शिंदे 

विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार ठाणे जिला पालकमंत्री व नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त राजा दयानिधी को पत्र लिखकर मुख्य लेखाधिकारी विकास चव्हाण की जांच कर उनको जल्द से जल्द पदच्युत करने की मांग की है। पालकमंत्री व नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे की ही तरह उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गणेश शिंपी के संदर्भ में भी एक पत्र लिखा था और कार्रवाई करने का आदेश दिया था। परंतु वह पत्र आयुक्त ने कचरे की टोकरी में डाल दिया है। अब जब मुख्य लेखाधिकारी विकास चव्हाण की हकालपट्टी के लिए मनपा आयुक्त को शहर विकास मंत्री ने पत्र दिया है तो यह निश्चित सा हो गया है कि चव्हाण की हकालपट्टी होकर रहेगी ऐसी चर्चा महानगरपालिका मुख्यालय के गलियारों में शुरू है। 
पालिका सूत्रों से मिली जानकारीनुसार विकास चव्हाण ने अंदाजपत्रक मंजूर न होने के बावजूद स्टोर विभाग के कयी कार्यों के अंदाजपत्रक मंजूर किया है और उसका देयक भी जारी किया है। इसी तरह इन्होंने बिजली विभाग के अनेकों अंदाजपत्रक व फर्जी बिल मंजूर किया है। जिस पर करोड़ों का खर्च दिखाया गया है। शहर विकास के लिए आवश्यक व नियमित कार्यों के लिए महापालिका के पास निधि उपलब्ध न होने का बहाना बनाकर विकास चव्हाण ने भ्रामक स्थिति का निर्माण किया ऐसा भी आक्षेप उनपर लग रहा है। 

विकास चव्हाण उल्हासनगर महानगरपालिका के उन भ्रष्ट अधिकारियों मे से हैं जो अपने चुनिंदा ठेकेदारों को धनादेश देकर उनसे १०% वसूल कर रहे हैं। इसके अलावा यह चर्चा भी है कि स्टोर और बिजली विभाग से बहुतेक फर्जी बिल भी निकाल रहे हैं। उपलब्ध लेखा और निधीनुसार धन का आबंटन कर कार्यो को व्यवस्थापित कर,  मंजूर करना ही मुख्य लेखाअधिकारी की प्रमुख भूमिका व जबाबदारी होती है परंतु विकास चव्हाण ने अपने अधिकारों का गैरवापर कर प्रशासकीय पद का दुरुपयोग किया है। इस तरह के भ्रष्टाचार में उमनपा के अधिकांश अधिकारी फंसे हुए हैं। यही कारण है कि शहर विकास बाधित हो रहा है और शहरवासी उसका दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। 

गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस प्रकरण को ठाणे जिल्हा पालकमंत्री व राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने गंभीरता से लेते हुए उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त को पत्र लिखकर विकास चव्हाण की जांच कर उनको तुरंत पद से हटाने का आदेश दिया है। मुख्य लेखा-धिकारी विकास चव्हाण ने अपने पद और जनता के पैसों का दुरुपयोग किया है ऐसी चर्चा होने के कारण वे विवादों के चक्रव्यूह में फंसते नजर आ रहे हैं। 

परंतु भ्रष्टाचारी व्यभिचारी रिश्वत लेते पकड़े जाने के पूर्व में लिपिक और अब सहायक आयुक्त गणेश शिंपी पर अपना नेत्र कब खोलेंगे ठाणे जिल्हा पालक मंत्री व शहर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे। आज भी शहर में कयी अवैध आरसीसी बहुमंजिला इमारतों का निर्माण शुरू है प्लाटनंबर 705 पर बिना प्लान के इमारत निर्माणकार्य शुरू है। यही नहीं गणेश शिंपी पर पुलिस थानों में करीब आधा दर्जन एफआईआर दर्ज होने के बावजूद इस ओर से शहर विकास मंत्री आंखें मूंदे हुए हैं। इससे शहर की जनता यह अंदाजा लगा रही है कि शिंपी महावसुली सरकार की वसूली में साझेदारी निभा रहे हैं और विकास चव्हाण ने साझेदारी नहीं निभाया? 
 

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