बीच की एक दुकान का वर्षो से लगा छप्पर तोड़ा अगल-बगल की दुकानों में ठीक उसी तरह का छप्पर बरकरार!
सेड तोड़ते हुए अधिकारी कर्मचारी
कल्याण : कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका क्षेत्र के शहाड पश्चिम स्थित नवरंग सोसायटी में एक कतार से 10-15 दुकानें हैं, जिनमें एकही तरह के छप्पर (सेड) लगा हुआ है। उनमें से बीच की एक दुकान का छप्पर कडो. मनपा अधिकारीयों ने 23 फरवरी 2022 को तोड़ डाला जबकि अगल-बगल उसी प्रकार से बना हुआ छप्पर छोड़ दिया!
शहाड स्टेशन पश्चिम नवरंग को. आप सोसायटी लिमिटेड के पते पर कडोमपा '1/अ' प्रभाग अधिकारी राजेश सावंत के हस्ताक्षर युक्त सूचना पत्र, 17 नवंबर 2021 को जयदुर्गा नामक होटल के मालिक अशोक राजू कोटीयन को मिला। जिसमें लिखा था, बिना पूर्व इजाजत के नवरंग सोसायटी गाला क्रमांक 11 होटल दुर्गा के सामने लोहे के पोल पर पत्रे का सेड और ग्रील काउंटर का निर्माण किया है। यह निर्माण महाराष्ट्र प्रादेशिक व नगर रचना अधिनियम की कलम 52 व उपकलम (1) का उल्लंघन है। परंतु यह समझ से बाहर है कि उपरोक्त सेड वर्षो से बना हुआ है। 17 नवंबर को क्यों दिखाई दिया और उसी तरह के अगल बगल बने सेड क्यों नहीं दिखाई दिया? अशोक ने बताया नोटिस के देने के बाद उनके पास एक दलाल आता था जो कहता था मेरे साथ चलो मैं साहब से बात करवा देता हूँ और रुपये की मांग करता था। रुपये न मिलने पर अगल बगल के उसी प्रकार के पुराने सेडों को छोड़ दिया गया और बीच में बना अशोक का सेड तोड़ दिया। इसका अर्थ यह हुआ कि बाकी दुकानदार राजेश सावंत को हर महीने रुपये पहुंचाते है? जो अशोक ने नहीं पहुंचाया। अशोक ने रुपये तो नहीं दिये परंतु नोटिस का जवाब दिया और बताया की यह सेड बर्सो पूराना है और मेरे अगल बगल की सभी दुकानों पर लगा हुआ है। फिर भी सेड तोड़ दिया गया। बताते चलें कि उपरोक्त सेड सड़क से दूर है। छप्पर सोसाइटी के अपने क्षेत्र में पदपथ(Footpath) को छोड़कर बाहर बना हुआ था। आवागमन बाधित नहीं करता!
इस तरह पैसे न मिलने पर सरकारी मशीनरी का दूरउपयोग कर लोगों को डराकर धमकाकर वसूली करने के लिए प्रभाग '1/अ' के प्रभाग अधिकारी की नियुक्ति की गयी है? इस सवाल का जवाब क्या आयुक्त सुर्यवंशी जनता को देंगे?
इस तरह पैसे न मिलने पर सरकारी मशीनरी का दूरउपयोग कर लोगों को डराकर धमकाकर वसूली करने के लिए प्रभाग '1/अ' के प्रभाग अधिकारी की नियुक्ति की गयी है? इस सवाल का जवाब क्या आयुक्त सुर्यवंशी जनता को देंगे?
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