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सड़कों पर दो पहिया वाहन खड़ा करने का देना होगा टैक्स

ठेलागाड़ी और सड़क पर टोकरी रखने वालों के बाद अब सड़कों पर वाहन खड़ा करने पर लगेगा कर!

उल्हासनगर : ठाणे जिले के उल्हासनगर महानगर पालिका का तुगलकी फरमान उमनपा द्वारा सड़कों पर खड़े होने वाले दो पहिया वाहन धारकों से वसूला जायेगा पार्किंग शुल्क।
आयुक्त डा.राजा दयानिधि,  महापौर लिलाबाई आसान 

उमनपा द्वारा दिए गए उपरोक्त फरमान की हर तरफ भर्त्सना हो रही है। उल्हासनगर के सत्ताधारियों के सूझबूझ की हर तरफ तारीफ हो रही है। उल्हासनगर में पहले ही कई ऐसे कर वसूले जाते हैं जिनकी सुविधा शहरवासियों को प्राप्त नहीं हैं। अब एक ही सड़क का दो बार टैक्स लिया जायेगा! पहले ही हर वर्ष रहवासी कर के साथ रोड टैक्स जोड़कर लिया जाता है। लोगों को अब अपने वाहन से बाजार खरीदी करने जाना पड़ेगा मंहगा, सड़क पर अपना दो पहिया वाहन खड़ा करने पर उमनपा को देना होगा सड़क पर खड़ा करने का कर (Tax) पे अंड पार्क। 
     भाजपा नेता चंद्रकांत मिश्रा 

पढिए भाजपा पुर्व महासचिव ने क्या कहा

इस बारे में उल्हासनगर भाजपा पूर्व महासचिव चंद्रकांत मिश्र से बात करने पर उन्होंने कहा लोग सड़कों पर वाहन नहीं खड़ा कर खरीदारी करेंगे तो कहाँ खड़ा करेंगे? जबकि उमनपा ने शहर में एक भी वाहनतळ नहीं बनायें है। इस तरह का तुगलकी फरमान जारी कर पहले से ही भ्रष्ट मनपा कर्मचारियों और पुलिस को एक और मौका देना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अभी-अभी नगरपालिका द्वारा इसी तरह का फरमान जारी कर ठेले वालों से प्रति गाड़ी से कम से कम रु. ४०/- प्रति दिन वसूल किया जा रहा है। जबकि वसूली रसीद पर निरिक्षक या किसी योग्य अधिकारी का तात्कालिक हस्ताक्षर नहीं होता है, मात्र प्रिंटेड हस्ताक्षर होता है, जबकि इस तरह की रसीद कोई भी बनाकर अवैध वसूली कर सकता है। जो प्रतिदिन २०० रूपये भी नहीं कमा पाते, उनको ४०/- रूपये भर पाना कितना मुश्किल होगा। जबकि महानगरपालिका बनने के बाद आज तक उमनपा अधिकृत फेरीवाला क्षेत्र नहीं बना पायी है। उन्होंने इस तरह का तुगलकी फरमान तुरंत वापस लेने की मांग की है। आगे कहा की पहले तो सभी इमारतों में पार्किंग क्षेत्र बनाया जाना अनिवार्य नहीं किया गया और जिन इमारतों में पार्किंग थी भी उन्होंने वहां दुकान बना ली है। जब इस तरह का अवैध कारोबार हो रहा था तब शासन प्रशासन कहाँ था। एक तरफ मनपा में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार व्याप्त है तो वहीं मनपा अपने भ्रष्टाचार छुपाने के लिए इस तरह का प्रस्ताव पारित कर रही है। जनता एक तरफ लागु अन्य करों के बोझ तले दबी पड़ी है। तो दूसरी तरफ नया तुगलकी फरमान जारी कर रुपये भरने हेतु मजबूर किया जा रहा है। मनपा का गठन जन सुविधाओं हेतु किया जाता है न कि जनता के दोहन हेतु। 

पप्पू कालानी ने विरोध का दिखावा किया

उल्हासनगर 3 सिंधू यूथ सर्कल में शहर के व्यापारियों ने एक बैठक लेकर सड़कों पर लगाये जाने वाले पार्किंग चार्ज का विरोध किया। मिली जानकारी अनुसार उक्त बैठक में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक पप्पू कालानी भी शामिल हुए थे। उन्होंने शहर के दुकानदारों को समर्थन देते हुए हर हाल में मनपा के पे एंड पार्क प्रस्ताव को रद्द कराने के लिए पार्टी स्तर पर प्रयास किए जाने का आश्वासन दिया। पप्पू कालानी ने अपने भाषण में महानगरपालिका के नगर सेवकों को रक्षक के बजाय भक्षक तक कह डाला। पर यह नहीं बताया उनकी बहू व उल्हासनगर राकपा अध्यक्ष ने हाऊस में इस प्रस्ताव का विरोध क्यों नहीं किया। जबकि उमनपा की सत्ता स्थापन में तत्कालीन टीओके और आज की राकपा का बड़ा हाथ रहा है। यह दो मुहापन अक्सर कालानी की ओर से देखने को मिलता है।उनका कहना है की यदि वास्तव में नगरसेवक शहर वासियों, दुकानदारों के हितैषी होते तो यह प्रस्ताव पास ही नहीं होता। उल्हासनगर व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश तेजवानी, यूटीए के दीपक छतलानी के अलावा नरेश दुर्गानी, सच्चानन्द गोपलानी, मेघराज लुंड, हरेश कृष्णानी, गोपी वाधवानी, सोनी भाटिया  सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।














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