नवयुवक, युवतियाँ हो रही हैं नशे की आदी! पुलिस व अन्न-औषधि विभाग लापरवाह!
उल्हासनगर :महाराष्ट्र, ठाणे आयुक्तालय क्षेत्र के उल्हासनगर शहर में नशे कारोबारी आयुर्वेदिक हुक्का पिलाने के नाम पर एसेसन्स और चरस गांजा जनित हुक्का परोस कर लोगों को बना रहे हैं नशे का आदी (drug Addict) आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ओर कोविड-19 की नयी प्रजाति मिलने से सरकार पाबन्दी लगा रही है, तो वहीं हुक्का पार्लर रातभर चल रहे हैं।
जहर बेचने वाला अजय बागुल
उल्हासनगर-1 पुलिस स्टेशन की हद में, टेलीफोन एक्सचेंज के सामने राहुलनगर के एक रहवासी मकान में अजय बागुल चला रहा है हुक्का बार व बेच रहा है हुक्के में लगने वाला फ्लेवर थोक व खुदरा दामों पर। उल्हासनगर पुलिस स्टेशन की हद में आने वाले इस हुक्का पार्लर की शिकायत के बाद उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के उपनिरीक्षक सचिन शिंदे वहां पहुंचने की बात कही परंतु उन्हें बताये हुए पते पर हुक्का बार नहीं मिला, और उन्होंने कहा कि "यहाँ कोई हुक्का बार चालू नहीं है' परंतु हमारे प्रतिनिधि को वही हुक्का बार साफ साफ दिखाई देता है। इसलिए मेरा माननीय ठाणे पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह और परिमंडल 4 के उपायुक्त प्रशांत मोहिते से अनुरोध है कि सचिन शिंदे के साथ किसी ऐसे व्यक्ति को रेड की जगह पर भेजा करें जिसकी आंखों पर बिटामिन M की आंखों पर पट्टी न बंधी हुई हो, ताकि उनको गुनाह और गुनाहगार साफ साफ दिखाई दे।
हुक्का बारों में आयुर्वेदिक हुक्का होने के नाम पर तरह तरह के नशे का सेवन कराया जाता है,चरस, गांजा और नशीली तंबाकू के बगैर हुक्के का मजा ही नहीं आता ऐसा उपभोक्ता कहते हैं। चरस, गांजे के साथ एसेन्स का धुआं पीलाकर लोगों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। चीन करोना दिया और हुक्का बारों द्वारा टीबी, कैंसर, कर्क रोग जैसी अनेकों घातक बीमारियाँ बांटी जा रही है। पुलिस प्रशासन के अलावा अन्न व औषधि प्रशासन को भी इन हुक्का पार्लरों को बंद कराने के लिए पहल करना चाहिए। धुएँ के इस खेल से एक ओर बीमारी फैलती है तो वहीं प्रदुषण फैलने के साथ ही आग लगने का खतरा भी मंडराता रहता है।अब देखना यह है कि पुलिस कार्रवाई करती है या यह अवैध हुक्का पार्लर इसी तरह निर्बाध रूप से चलता रहता है।
हुक्का बारों में आयुर्वेदिक हुक्का होने के नाम पर तरह तरह के नशे का सेवन कराया जाता है,चरस, गांजा और नशीली तंबाकू के बगैर हुक्के का मजा ही नहीं आता ऐसा उपभोक्ता कहते हैं। चरस, गांजे के साथ एसेन्स का धुआं पीलाकर लोगों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। चीन करोना दिया और हुक्का बारों द्वारा टीबी, कैंसर, कर्क रोग जैसी अनेकों घातक बीमारियाँ बांटी जा रही है। पुलिस प्रशासन के अलावा अन्न व औषधि प्रशासन को भी इन हुक्का पार्लरों को बंद कराने के लिए पहल करना चाहिए। धुएँ के इस खेल से एक ओर बीमारी फैलती है तो वहीं प्रदुषण फैलने के साथ ही आग लगने का खतरा भी मंडराता रहता है।अब देखना यह है कि पुलिस कार्रवाई करती है या यह अवैध हुक्का पार्लर इसी तरह निर्बाध रूप से चलता रहता है।
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