ताजा ख़बर

6/recent/ticker-posts

महाविकास अघाड़ी सरकार बनी, महा - वसुली सरकार !

महाविकास अघाड़ी सरकार में भ्रष्टाचार को मिल रहा है संरक्षण, गणेश शिंपी को लूट की मिली है खुली छूट !! 
           ठाणे जिला पालकमंत्री एकनाथ शिंदे 

उल्हासनगर : महाराष्ट्र में बनी तीन पार्टियों की अघाड़ी सरकार ने मानो भ्रष्टाचार में कीर्तिमान स्थापित करने का जैसे मन बना लिया हो, सौ करोड़ की वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जेल में बंद हैं। वहीं मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर अनेको भ्रष्टाचार के मामले महाराष्ट्र पुलिस ने स्वयं दर्ज किए हैं और उनकी जांच चल रही है। इसी तरह अजितदादा पवार के भी भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है और उनकी लगभग 15 सौ करोड़ की संपत्ति सीज की जा चुकी है। परिवहन मंत्री अनिल परब का नाम भी सचिन वझे ने लिया था यह और बात है कि मुख्यमंत्री के रिश्तेदार होने के नाते महाराष्ट्र पुलिस ने उनको बक्स रखा है, परंतु ईडी की निगाह उनपर बनी हुई है। इसी तरह राकपा व शिवसेना के कई सासंद और विधायकों की जांच चल रही है, कुछ जेल जाकर जमानत पर बाहर आ चुके हैं। अब 40 आईएएस अफसरों की सूची इन्कम टैक्स विभाग ने जांच के लिए बनाया है। फिर भी सरकार सचेत होने को तैयार नहीं।
               सहायक आयुक्त गणेश शिंपी 

उल्हासनगर महानगर पालिका में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, समाचारपत्र लिख लिख कर थक गये, लोग शिकायत कर कर के थक गये। कमलेश खतुरानी नामक समाज सेवक लोकायुक्त, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पत्र लिखकर परेशान हैं। कहीं कोई तो कार्रवाई हो कुछ तो सुधार आये परंतु पालक मंत्री चुप, शहरी विकास मंत्री चुप मुख्यमंत्री को तो जैसे भ्रष्टाचार से इतना लगाव है कि वे भ्रष्टाचार रोकने के मुद्दे पर चर्चा ही नहीं करना चाहते। उल्हासनगर मे कयी गंभीर मामलों में लिप्त और सरेआम रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने वाले आरोपी गणेश शिंपी को सहायक आयुक्त बनाया गया है। वह आज भी कैम्प क्रमांक -१ से 5 तक अवैध व गैरकानूनी निर्माणों को सय ही नहीं दे रहे हैं। बल्कि कई अवैध व गैरकानूनी निर्माणों में हिस्सेदार भी हैं। और जहाँ हिस्सेदारी नहीं है वहां से वसुली करता है। गणेश शिंपी को लोकाभिमुख पद से हटाने के लिए उल्हासनगर के दो लोगों ने 45 दिनों तक आजाद मैदान में अनसन किया परंतु शहरी विकास व पालक मंत्री के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और आज भी गणेश शिंपी अपनी अय्याशी और वसुली में मस्त है, इससे यह स्पष्ट होता है कि पालक मंत्री जनता के पालक मंत्री न होकर गणेश शिंपी और भ्रष्टाचार के पालक मंत्री हैं।

हमारे देश में संविधान ने लोगों को सिर्फ बोलने की और वोट देने की आजादी दे रखी है न कि कुछ करने की वर्ना ऐसे भ्रष्टाचारी मंत्रीयों को जनता कब का उनको अपना स्थान दिखा चुकी होती। परंतु कोई बात नहीं आने वाले उमनपा, विधानसभा और लोकसभा चुनावों में जनता इनको अपना स्थान जरूर दिखाएगी।

                               अग्निपर्व टाइम्स संपादक
                          कमलेश दुबे :- 8208854778 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ