उल्हासनगर: महाराष्ट्र, ठाणे जिले के उल्हासनगर मनपा में एक ओर पुलिस उपायुक्त कार्यालय के सामने पोस्ट व टेलिग्राफ आफिस के लिए आरक्षित भूखण्ड पर फर्जी (Forged) सनद (Conveyance deed) बनाकर, जो भूखण्ड शहर विकास नक्शे में पोस्ट व टेलिग्राफ आफिस के लिए आरक्षित था उस पर अब बन रही है नीजी (Private) बहुमंजिला इमारत, तो वहीं चोपड़ा कोर्ट गेट के सामने हड़पा गया सार्वजनिक शौचालय न जज साहब को दिखाई दिया न पुलिस उपायुक्त को!
मध्यवर्ती अस्पताल (Center hospital) पुलिस उपायुक्त कार्यालय के सामने रेड क्रॉस अस्पताल के बगल में शहर विकास नक्शे में पोस्ट और टेलिग्राफ कार्यालय के लिए आरक्षित भूखण्ड को हड़प कर एक बहुमंजिली इमारत का निर्माण कार्य शुरू है। इस प्लाट की कुछ वर्षों पहले फर्जी (Forged) कागजातों की मदद से दिवंगत मनु छाबलानी ने सनद बना ली थी और निर्माण कार्य भी शुरू किया था परंतु स्थगन आदेश के बाद निर्माण कार्य रुक गया था और कई वर्षों तक रुका रहा अब श्रीमती रेखा मनोहर कस्तूरी के नाम पर प्लान पास कर निर्माण कार्य शुरू किया गया है। तो वहीं चोपड़ा कोर्ट के दरवाजे के सामने ही सरकारी शौचालय हड़पकर उसपर किसीने दुकान व मकान बना लिया है। दोनों ही अवैध कार्य दो जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों के कार्यालय के सामने होने के बावजूद धड़ल्ले से चल रहे हैं।
राजू शेरा
पुलिस उपायुक्त कार्यालय के सामने शुरू हुए निर्माण कार्य के संरक्षक राजू शेरा बताये जाते हैं। जिनको अवैध निर्माण कार्य का धुरंधर कहा जाता है। राजू शेरा सरकारी भूखण्ड हड़पने के माहिर बताये जाते हैं। पहले भी चोपड़ा कोर्ट के पास सरकारी स्कूल की जमीन हड़पकर तलमंजिल +१ की दुकान मकान बना चुके हैं। इनकी पहचान बड़े-बड़े पुलिस अफसरों के अलावा मंत्रियों से भी हैं। मंत्रालय तक रुपये पहुंचाने का तजुर्बा भी इन्हें हासिल है। इन्होंने जब भी कोई भूखण्ड हड़प करना चाहा तो हड़प ही लिया इन्हें कोई रोक नहीं सका। शहर में चर्चा है इनकी और गणेश शिंपी की बड़ी गहरी दोस्ती है। शायद इसीलिए यह निर्माणकार्य इनको संरक्षण करने के लिए दिया गया है। इनके रिश्ते ठाणे हफ्ता विरोधी पथक के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे से भी बहुत गहरे थे, जो अब ठाणे में नहीं रहे। गोल घेरे में हड़पा हुआ सरकारी शौचालय
इसी तरह उल्हासनगर तीन चोपड़ा कोर्ट के पिछले दरवाजे के सामने बहुत दिनों से एक सरकारी शौचालय था। जिसको हड़पकर उस पर किसी ने दुकान व मकान बना लिया है। जब न्यायालय के सामने ही सरकारी शौचालय हड़प हो रहा हो तो अन्य जगहों पर ऐसी घटना होना कोई बड़ी बात नहीं। मजे की बात तो यह है कि न्यायालय के अंदर बने स्वच्छता गृह में आम जनता को जाने की अनुमति नहीं है। उसमें सिर्फ कोर्ट कर्मी और अधिवक्ता ही जा सकते हैं। कोर्ट के नजदीक यह एक ही शौचालय ही था। अब न्यायालय में आने वाले आंगातुक आस पास की गलियों और नालियों पर खड़े होकर गंदगी फैलाएंगे, उसका जिम्मेदार कौन होगा?
उल्हासनगर महानगर पालिका अंतर्गत शौचालय, आरक्षित भूखण्ड हड़पना आम बात हो गयी है। ऐसे लोगों पर कोई कानूनी कार्रवाई न होने से ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है। और इस व्यापार से इस तरह के दो नंबरी करोड़ों रुपये कमाते हैं। क्या कभी कानून इनके खिलाफ सख्त होगा? यह सवाल कानून के रखवालों से है, कब यह लोग अपने सुलभ और वातानुकूलित कमरे से बाहर निकलकर लोक सेवा पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे? "जय हिन्द"
अग्निपर्व टाइम्स मुख्य संपादक
कमलेश शिवपूजन दुबे (9975424600)
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