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पुर्व भाजपा महासचिव चंद्रकांत मिश्र ने की झोपड़पट्टीयों के लिए सनद की मांग।

चंद्रकांत मिश्र ने नगर विकास मंत्री से सरकारी जमीनों पर निर्मित झोपड़ों को मालिकाना हक देने की मांग की।
                             चंद्रकांत मिश्र

उल्हासनगर: महाराष्ट्र, ठाणे जिला स्थित उल्हासनगर मनपा अंतर्गत, सरकारी जमीनों पर बनी अनधिकृत झोपड़पट्टीयों व्यवसायिक ठिकानों को जमीन का मालिकाना हक देने हेतु महाराष्ट्र शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे व मुख्य सचिव राजस्व मनु श्रीवास्तव को पत्र लिखा।

उल्हासनगर शहर जिला पूर्व महासचिव चंद्रकांत मिश्र ने एक बार फिर महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री व राजस्व विभाग के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उल्हासनगर में सरकारी जमीनों पर निर्मित झोपड़ों को मालिकाना हक देने की मांग की है। बतादें मिश्र उपरोक्त मांग के लिए सैकड़ों बार महाराष्ट्र सरकार से पत्राचार करते रहे हैं व प्रतिनिधि मंडल के साथ मंत्रालय व स्थानीय प्रांत कार्यालय जाकर मांग को दुहराते रहे हैं। परंतु राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन के सिवा आज तक कुछ नहीं दिया।

एक बार फिर से पत्र लिखकर नगर विकास मंत्री व राजस्व सचिव से तीन मांगे रखी है।(1) उल्हासनगर में सरकारी जमीन पर निर्मित झोपड़पट्टीयों व अनधिकृत निर्माणों के रहवासियों का नियमितीकरण कर मालिकाना हक दिया जाय (2) सरकारी जमीनों पर एफएसआई का उल्लंघन कर बनायी गयी इमारतों को एफएसआई चार के आधार पर नियमित किया जाय (3) जमीनों का मुल्यांकन करते समय जिस वर्ष निर्माण कार्य किया गया है उस वर्ष का दाम लगाते हुए सनद/जमीन का मालिकाना हक प्रदान किया जाय।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि उपरोक्त विषय पर शासन वर्षानुवर्ष निर्णय लेता रहा है, परन्तु प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही व अवहेलना के कारण इन जनसमस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके कारण लोगों को अवैध ढंग से घरों व व्यवसायिक ठिकानों की मरम्मत व पूनर्निमाण कार्य करना पड़ता है। जिसका गलत लाभ अधिकारी व बिचौलिए ले रहे हैं। फलस्वरूप आम जनता के आर्थिक व मानसिक शोषण के साथ ही सरकारी राजस्व की क्षति भी हो रही है।
(1) उल्हासनगर शहर में रुके हुए व अनिर्णित 5000,यु नं. 12500,ई नंबर का डीपी एक्ट 1954 के तहत, वर्ष 1980 तक सर्वेक्षित लगभग 34500 सम्पत्तियां जिन्हें चालता नंबर दिया गया था, उन्हें मालिकाना हक /सनद देने की प्रक्रिया त्वरित शुरू की जाय (2) अनधिकृत रुप से निर्मित इमारतों को एफएसआई चार के आधार पर नियमित करते समय शासन राजपत्र 14 सितंबर 2006 के अनुसार सरलीकृत प्रक्रिया का अनुपालन हो (3) शासन राजपत्र 14 जनवरी 2006 व नोटिफिकेशन 23/1/06 के अनुसार मालिकाना हक देते समय 28/09/1999 के निर्णय को ध्यान में रखा जाय (4) वर्ष 1980 के शासनानिर्णय अनुसार कैम्प क्र.1-2 के लिए निर्धारित मुल्य 85 रुपये व कैम्प 3,4,5 के लिए रु. 65/55 प्रति चौरस वार निश्चित किया गया था (5) निर्माणों को नियमित करते समय सीटी सर्वे कार्यालय द्वारा प्रदत्त भूमापन अधिकारी द्वारा प्रमाणपत्र व इन्क्वायरी रजिस्टर सीटी सर्वे के आधार पर यु,नं./ई.नं.,चालता के आधार पर सनद/मालिकाना हक दिया जाय। (6) यथाशीघ्र कार्य निष्पादन हेतु विभागीय कार्यालय पवई चौक के माध्यम से पांचो कैम्प के लिए कार्मिक अधिकारी नियुक्त कर समय सीमा अंतर्गत कार्य निष्पादित किया जाय।

पत्र महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणविस के अलावा भूषण नागरानी मुख्य सचिव नगरविकास, जिलाधीश ठाणे व उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुमार आयलानी को दिया गया है। अब देखना यह है कि पुर्व सरकारों की तरह फिर अनदेखी होती है या फिर शहरहित में शहरियों के लिए कोई कार्य होता है।



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