अनिल खतुरानी
उल्हासनगर : महाराष्ट्र ठाणे जिला उल्हासनगर मनपा सहायक आयुक्त अनिल खतुरानी को 50 हजार रिश्वत मांगने के आरोप में ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी पथक (Anti-Corruption Bureau) ने गिरफ्तार कर लिया है।
यहां यह बताया जाना बहुत जरूरी है कि इस मामले में फरियादी का नाम राजेश ईश्वरलाल इदनानी (राजू शेरा) बताया जा रहा है। गणेश शिंपी और राजेश इदनानी काफी गहरे दोस्त होने के साथ ही कई अवैध निर्माणों में साझेदार भी हैं। शिंपी को चारो प्रभागों में हो रहे अवैध निर्माणों से वसुली का ठेका (कार्य) दिया गया है। और खतुरानी अपने प्रभाग में शिंपी की चलने नहीं देते थे और अपने प्रभाग की सारी वसुली खुद करते थे। इसी चीढ़ के कारण राजू शेरा को मोहरा बनाकर शिंपी ने खतुरानी को जेल भिजवा दिया। अग्निपर्व टाइम्स ने पहले भी लिखा है शिंपी और राजू शेरा की भ्रष्टाचार विरोधी पथक में काफी अच्छी पकड़ है, क्योंकि यह दोनों भ्रष्टाचार विरोधी पथक में हफ्ता पंहुचाते हैं, ऐसी चर्चा है। राजू शेरा ने कई आरक्षित भूखण्ड हड़पकर उसपर अवैध निर्माण कर बेचा हैं। दर्जनो अवैध डबल टियर गाटर और बहुमंजिलाइमारतों का निर्माण किया है। परंतु उसके अवैध निर्माण पर कभी भी मनपा का हथौड़ा नहीं चला न ही मुकदमा दर्ज हुआ। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की राजू शेरा की पहुंच कितने दूर तक है।
उल्हासनगर : महाराष्ट्र ठाणे जिला उल्हासनगर मनपा सहायक आयुक्त अनिल खतुरानी को 50 हजार रिश्वत मांगने के आरोप में ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी पथक (Anti-Corruption Bureau) ने गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी अनुसार प्रभाग समिति दो अंतर्गत अवैध इमारत का बांधकाम सुचारू रूप से चलने देने के लिए प्रभाग समिति-2 के प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी ने भवन निर्माता से रुपये 50000 की मांग रखी थी, जिसमें से 25 हजार ले चुके थे, और बाकी के 25 हजार लेने के चक्कर में भ्रष्टाचार विरोधी पथक के हत्थे चढ़ गए।
राजेश इदनानी (राजू शेरा)
अवैध भवन निर्माणकर्ता ने अनिल खतुरानी की मांग पर पहली 25 हजार की किस्त 2 दिसंबर 2021 को दिया और उसका सबूत बनाकर रख लिया। रुपये मांगने को लेकर भवन निर्माता ने पहले से ही ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी विभाग से शिकायत कर रखी थी। 27 दिसंबर 2021 की दोपहर भवन निर्माता रु. 25 हजार की दूसरी किस्त देने पहुंचा जहां पहले से ही ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी पथक के लोगों ने जाल बिछा रखा था। खतुरानी ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि उसने 2 दिसंबर को 25 हजार रुपये लिए थे। कबूली के बाद प्रभारी सहायक आयुक्त, मूल पद वरिष्ठ लिपिक अनिल खतुरानी को ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी पथक ने गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी टीम कर रही है।
अवैध भवन निर्माणकर्ता ने अनिल खतुरानी की मांग पर पहली 25 हजार की किस्त 2 दिसंबर 2021 को दिया और उसका सबूत बनाकर रख लिया। रुपये मांगने को लेकर भवन निर्माता ने पहले से ही ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी विभाग से शिकायत कर रखी थी। 27 दिसंबर 2021 की दोपहर भवन निर्माता रु. 25 हजार की दूसरी किस्त देने पहुंचा जहां पहले से ही ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी पथक के लोगों ने जाल बिछा रखा था। खतुरानी ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि उसने 2 दिसंबर को 25 हजार रुपये लिए थे। कबूली के बाद प्रभारी सहायक आयुक्त, मूल पद वरिष्ठ लिपिक अनिल खतुरानी को ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी पथक ने गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच ठाणे भ्रष्टाचार विरोधी टीम कर रही है।
गणेश शिंपी
उल्हासनगर महानगर पालिका में भ्रष्टाचार इस कदर फैला हुआ है कि दस दिनों के भीतर ही तीन लोगों को भ्रष्टाचार विरोधी पथक ने पकड़ा है। खास बात यह है कि उमनपा से पहले भी दर्जनों लोग एंटी करप्शन ब्यूरो के हाथों पकड़े जा चुके हैं लेकिन कुछ दिन बाद छूट जाते हैं और अपने पद पर ही नहीं पदासीन होते हैं बल्कि पदोन्नति भी पा जाते हैं, और फिर लूट खसोट मचाने में जुट जाते हैं। ऐसा ही एक कर्मी गणेश शिंपी है जो तत्कालीन आयुक्त का लिपिक (Steno) रहते हुए 25 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया और प्रभारी सहायक आयुक्त बना और आज कहने को तो प्रभाग समिति एक का प्रभाग अधिकारी है। परंतु चारो प्रभाग समितियों में अवैध निर्माणों को प्रश्रय देकर वसुली कर रहा है।
उल्हासनगर महानगर पालिका में भ्रष्टाचार इस कदर फैला हुआ है कि दस दिनों के भीतर ही तीन लोगों को भ्रष्टाचार विरोधी पथक ने पकड़ा है। खास बात यह है कि उमनपा से पहले भी दर्जनों लोग एंटी करप्शन ब्यूरो के हाथों पकड़े जा चुके हैं लेकिन कुछ दिन बाद छूट जाते हैं और अपने पद पर ही नहीं पदासीन होते हैं बल्कि पदोन्नति भी पा जाते हैं, और फिर लूट खसोट मचाने में जुट जाते हैं। ऐसा ही एक कर्मी गणेश शिंपी है जो तत्कालीन आयुक्त का लिपिक (Steno) रहते हुए 25 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया और प्रभारी सहायक आयुक्त बना और आज कहने को तो प्रभाग समिति एक का प्रभाग अधिकारी है। परंतु चारो प्रभाग समितियों में अवैध निर्माणों को प्रश्रय देकर वसुली कर रहा है।
यहां यह बताया जाना बहुत जरूरी है कि इस मामले में फरियादी का नाम राजेश ईश्वरलाल इदनानी (राजू शेरा) बताया जा रहा है। गणेश शिंपी और राजेश इदनानी काफी गहरे दोस्त होने के साथ ही कई अवैध निर्माणों में साझेदार भी हैं। शिंपी को चारो प्रभागों में हो रहे अवैध निर्माणों से वसुली का ठेका (कार्य) दिया गया है। और खतुरानी अपने प्रभाग में शिंपी की चलने नहीं देते थे और अपने प्रभाग की सारी वसुली खुद करते थे। इसी चीढ़ के कारण राजू शेरा को मोहरा बनाकर शिंपी ने खतुरानी को जेल भिजवा दिया। अग्निपर्व टाइम्स ने पहले भी लिखा है शिंपी और राजू शेरा की भ्रष्टाचार विरोधी पथक में काफी अच्छी पकड़ है, क्योंकि यह दोनों भ्रष्टाचार विरोधी पथक में हफ्ता पंहुचाते हैं, ऐसी चर्चा है। राजू शेरा ने कई आरक्षित भूखण्ड हड़पकर उसपर अवैध निर्माण कर बेचा हैं। दर्जनो अवैध डबल टियर गाटर और बहुमंजिलाइमारतों का निर्माण किया है। परंतु उसके अवैध निर्माण पर कभी भी मनपा का हथौड़ा नहीं चला न ही मुकदमा दर्ज हुआ। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की राजू शेरा की पहुंच कितने दूर तक है।
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