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उल्हासनगर मनपा चुनाव में कालानीयों का दबदबा कायम!

मनपा चुनाव के आसार नजर आते ही, नफे नुकसान को देख लोग बदलने लगे पार्टियां!!

उल्हासनगर भाजपा को भारी नुकसान, पार्टी के कई पदाधिकारियों ने पार्टी को किया टाटा बाय-बाय!

कमलेश दुबे
उल्हासनगर मनपा चुनाव समय पर होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। कोविड-19 के चलते चुनाव कराने की प्रक्रिया देरी से शुरू हुई अब तक प्रभागों की सीमाएं तय नहीं हुई हैं।इसीलिए अब चुनाव समय पर होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा है। 10% सीटों का इजाफा हुआ है जिससे अब चुनाव 78 सीटों के बजाय 89 सीटों पर होगा। इच्छुक उम्मीदवार उन पार्टियों में जा रहे हैं, जहाँ उनको टिकट और जीत दोनों के आसार नजर आ रहे हैं।

कुख्यात माफिया सरगना पप्पू कालानी जिनपर 8 टाडा के मामले दर्ज हुए थे। टाडा कानून हटने के बाद दर्ज मामलों में से इंदर बठिजा कत्ल मामले में कालानी को आजीवन कारावास की सजा लग गयी थी। लेकिन कोविड-19 महामारी में उनकी बढ़ती उम्र और जेल में बढ़ते करोना केस के चलते पप्पू को पे रोल पर जेल से बाहर उनके घर पर रहने की इजाजत मिल गई जिसका फायदा उठाकर पप्पू कालानी राजनीति में सक्रिय हो गया और अपनी बहू पंचम कालानी और बेटी को नगर सेविका बनाना चाहता है। इसी कारण अपनी पूरानी पहचान का फायदा उठाकर बहू पंचम कालानी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनवा दिया।
                              पुर्वपगृहमंत्री अनिल देशमुख  
                            नवाब मलिक 

राकपा का भी कोई सिद्धांत तो है नहीं सिर्फ पैसे कमाने का अवसर तलाश करती रहती है। शायद इसीलिए NCP का फूलफार्म नैशनल करप्ट पार्टी रख दिया है लोगों ने। मुंबई के होटलों बारों से 100 करोड़ की वसूली के लिए तैनात पुलिस उपनिरीक्षक सचिन वझे जेल में है तो वंही महाराष्ट्र राकपा नेता व पुर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी जेल में हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में पवार परिवार से संबंधित 70 ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा और करीब 15 सौ करोड़ की संपत्ति भी सीज की गयी है। नवाब मलिक ने शाहरुख खान के बेटे के मामले में अनाप सनाप बयान देकर जांच को गुमराह करने की कोशिश तो बहुत की परंतु खुद ही फंसते नजर आ रहे हैं। नवाब मलिक का भी अनिल देशमुख हो सकता है। मंत्री जीतेंद्र अव्हाड़ के भी ड्रग कनेक्शन की जांच हो रही है। इस तरह गुनाहगारों की टोली में एक गुनाहगार पप्पू कालानी भी शामिल हो गया।पप्पू के दबदबे से उमनपा में अगर सत्ता आ जाती है तो राकपा के लिए उल्हासनगर के दोहन का रास्ता खुल जायेगा। वहीं अगर पप्पू को फिर जेल जाना पड़ा तो जेल में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता रहेगा। पर उल्हासनगर वासियों को तो कुछ मिलने से रहा। सत्ता का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो वक्त ही बतायेगा, परंतु मुकाबला राकपा और शिवसेना में ही दिखाई दे रहा है।          उल्हासनगर शिवसेना प्रमुख राजेन्द्र चौधरी 

             भाजपा अध्यक्ष जमनु पुरस्वानी 

उल्हासनगर भाजपा चुनावी दौड़ में कहीं नजर नहीं आ रही है। जिसका कारण बताया जा रहा है। आयातित लोगों के चलते पार्टी के वफादार लोगों को दरकिनार कर दिया गया और जो अन्य पार्टियों से आये थे वे फिर वापस चले गये। वंही पार्टी का नेतृत्व जिन लोगों के हाथों में है वे सिर्फ अपनी नगरसेवकी बचाने के चक्कर में हैं। भाजपा अध्यक्ष जमनु पुरस्वानी अवैध निर्माण के ठेकेदार बताये जाते हैं वे पार्टी बचाएंगे या अपने अवैध निर्माण? प्रदीप रामचंदानी जो उमनपा सार्वजनिक बांधकाम विभाग से फाईल चोरी करने के इल्ज़ाम में 39 दिन जेल व हवालात में रहकर आये हैं। राम चार्ली पारवानी भी अवैध निर्माण में व्यस्त हैं? इस तरह उल्हासनगर में भाजपा का कोई भी नेता पप्पू कालानी को टक्कर देने लायक नहीं है। सड़कों पर अगर कार्यकर्ता व जनता को दिखाने के लिए मजबूरी में खिलाफत कर भी देते हैं तो रात के अंधेरे में साहब से माफी मांगने पहुंच जाते हैं, खर्च भी पहुंचाते हैं। ऐसे लोगों के भरोसे उल्हासनगर मनपा में भाजपा का जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। 

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