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उल्हासनगर मनपा में शिवसेना का चहेता भ्रष्ट अधिकारी गणेश शिंपी पर कब होगी कार्रवाई?

1 से 5 तक के अघोषित अवैध निर्माण वसुली अधिकारी गणेश शिंपी पर क्यों नहीं होती कार्यवाही?

उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा जांच कर निलंबित करने के पत्र के बावजूद शिंपी बना मुखिया!

उल्हासनगर-उल्हासनगर महानगर पालिका के भ्रष्ट सहायक आयुक्त गणेश शिंपी की जांच कर तत्काल प्रभाव से उसके मूल लिपिक पद पर बहाल करने के लिए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने उमनपा आयुक्त राजा दयानिधि को एक पत्र लिखा था। परंतु निकम्में, निष्क्रिय और भ्रष्ट आयुक्त ने कचरे की टोकरी में फेंक दिया और शिंपी की अघोषित नियुक्ति कैम्प-1 से 5 अवैध निर्माण वसुली अधिकारी के तौर पर कर दिया है।
      प्रभाग-1 सहायक आयुक्त गणेश शिंपी 
     राजा दयानिधि व महापौर लिलाबाई आसान 
उल्हासनगर महानगर पालिका में स्टेनो(क्लर्क) के पद पर कार्य करते हुए गणेश शिंपी रुपये 25 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया और उस रिश्वत कांड का मुकदमा आज भी भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा१९८८,की कलम ६,(१३) (१) (ड) (२) रजि नं.२, १५/२०१३ कल्याण सत्र न्यायालय में विचाराधीन है। कैम्प क्रमांक 1 से 5 तक अवैध बांधकाम नियंत्रण अधिकारी रहते हुए शिंपी ने 20 हजार से ज्यादा टियर गाटर व आरसीसी का अवैध निर्माण करवाया जिसमें अरबों रुपये कमाए। उसी दौरान पैसे और सत्ता के मद में चूर मातहत महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ की और हाथापाई के साथ ही हत्या का प्रयास भी किया वह मामला उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में निम्न धाराओं के तहत दर्ज है गुनाह रजि.नं.१, १४८/२०११ भा.द.सं की धारा ३०६/३४ और गु.रजि.नं.१, १७७/२०११ भा.द.सं. की धारा ३५४,५०९,५०४,५०६/३४ इसके साथ अ.आ.ज. अधिनियम १९८९ की धारा ३ (१) (१०) (११) (१२) २(७) जातिवाचक शब्दों का प्रयोग कर गाली देना आदि। 

इस तरह से अय्याश और भ्रष्ट किस्म के गणेश शिंपी को सहायक आयुक्त बनाए जाने से नाराज समाज सेवक राजेश नागदेव व कमलेश खतुरानी ने आजाद मैदान पर 45 दिनों तक उपोषण किया तत्पश्चात गणेश शिंपी को 30 दिनों के लिए उसके मूल स्टेनो पद पर भेज दिया गया और फिर से उसे सहायक आयुक्त बना दिया गया। शिंपी की बर्खास्तगी के लिए कई बार महाराष्ट्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय से पत्राचार के बाद अब राष्ट्रपति व राष्ट्रीय विजिलेसको कमिशन को भी पत्र लिखा गया था जहाँ से प्रमाणपत्र के साथ एक पत्र आया है। कार्रवाई के लिए महाराष्ट्र सरकार को पत्र भेजा गया है। अब देखना यह है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आदेशों को महाराष्ट्र सरकार मानती है या नहीं। अनेकों मुकदमों और आरोपों में लिप्त गणेश शिंपी को और कब तक उल्हासनगर मनपा में सहआयुक्त पद पर कार्यरत रखती है। बताया यह जा रहा है कि शिवसेना नेता और मंत्री का आशिर्वाद प्राप्त है गणेश शिंपी को। इसीलिए उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के पत्र को भ्रष्ट व कर्त्तव्यहीन उमनपा आयुक्त डाँ.राजा दयानिधि ने कचरे की टोकरी में डाल दिया है।

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2 टिप्पणियाँ

  1. सारे के सारे भ्रष्टाचार में लिप्त है़ चाहे वो कोई अधिकारी हो या नेता

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  2. उल्हासनगर भ्रष्ट नेता और अधिकारियोका अड्डा बन चुका है

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