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उल्हासनगर 40'फ' राशन दुकानदार कार्डधारियों को नहीं दे रहे राशन, जनता परेशान।

उल्हासनगर के कार्ड धारकों को नहीं मिल पाता राशन, रा.अधिकारी ने दोष मढ़ा सरकार पर कहा गोदाम व्यवस्था बराबर नहीं है।

उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर में कई सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों गेहूं, चावल नहीं आ रहा है, बोलकर प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना का मुफ्त व सस्ते दामों पर मिलने वाला गरीबों का राशन, राशन कार्ड धारकों को नहीं मिल रहा है।

उल्हासनगर शहर के ४० फ में दर्जनों ऐसे सरकारी सस्ते आनाज के दुकानदार हैं, जो कोई न कोई बहाना बनाकर गरीबों का राशन हड़प जाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा गरीब अन्न योजना के तहत मुफ्त में मिलने वाले आनाज के अलावा दो व तीन रुपये किलो में मिलने वाला गेहूं व चावल बाजार में १८/२० रुपये किलो बेच कर मोटा मुनाफा कमाते हैं। दुकान पर कार्ड धारक को अंगुठा लगाकर ही राशन मिलता है। परंतु दुकानदार बिना अंगुठा लगाये ही राशनिंग निरीक्षक व अधिकारी से सांठ-गांठ कर हजारों किलो गेहूं, चावल, शक्कर, राकेल व दाल खुले बाजार में बेंचकर मालामाल हो रहे हैं।

उल्हासनगर के कई सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के दुकानदार कार्ड धारकों को यह कहकर राशन नहीं दे रहे हैं कि माल सरकार ने नहीं भेजा। जब यह बात अग्निपर्व टाइम्स तक पहुंची तो हमारे संवाददाता ने वुडलैंड कांप्लेक्स स्थित राशनिंग कार्यालय जाकर पता लगाने की कोशिश की। वहां उपस्थित राशनिंग अधिकारी (RO) धुमाल से पूछा तो उन्होंने बताया कि राशन रखे गोदामों की खराब व्यवस्था के कारण पूरा आनाज मिल नहीं पा रहा है। व्यवस्था सुधारने का काम राज्य सरकार का है, हमें जितना मिलता है हम बांट देते हैं। उन्होंने बताया कि पहले हमें तीन गोदामों से आनाज मिला करता था, अब भिवंडी और तलोजा के गोदाम बंद कर दिये गये हैं। ज्यादा भीड़ हो जाने से दिक्कतें आ रही है। इस तरह गेहूं चावल कम मिलने के चलते कुछ दुकानदार लोगों का सारा राशन खा जा रहे हैं। वैसे भी शतप्रतिशत लोग आनाज लेते नहीं और कुछ लोगों को दिया नहीं जाता। इस तरह दुकान मालिक और राशनिंग प्रशासन मिलकर सरकार को चूना लगाकर अवैध कमाई कर रहे हैं।  

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