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उल्हासनगर में कब बंद होगी प्रतिबंधित पन्नियां?

टीना प्लास्टिक में बनती है सिंगल यूज प्रतिबंधित पन्नी!! उल्हासनगर मनपा लेती है हफ्ता, मूंद रखी हैं आंखें।

अपटा संवाददाता
उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा क्षेत्र में धड़ल्ले से एकबार उपयोग में आने वाली प्रतिबंधित प्लास्टिक पन्नी बन और बिक रही हैं। 50 माइक्रोन से कम की पन्नी बंद करवाने का ढोंग उमनपा स्वच्छता विभाग का प्रशासन हमेशा करता है। परंतु दिखावे की कार्यवाही के कारण हर दुकान और ठेले पर दी जा रही है सिंगल यूज पन्नी।

एक और जहाँ देश के प्रधानमंत्री एक ही बार उपयोग में लायी जाने वाली पन्नी बंद करने की घोषणा करते हैं तो वहीं उमनपा अधिकारियों को कमाई का एक नया जरिया मिल गया है। बतादें यह एक बार उपयोग में आने वाली पन्नी नदी, नाले व समुद्र के लिए अभिशाप है। इन पन्नियों में घर में बची हुई खाने पीने की चीजों को भरकर फेंक दिये जाने पर इन चिजों को खाने के चक्कर में जानवर गाय, भैंस, बकरी आदि पन्नी खा जाते हैं, जिससे उनके जान पर बन आती है। इन फेकी हुई पन्नियों को अपने आप कुदरती तौर पर खत्म होने के लिए सैकड़ों वर्ष लग जाते हैं, इसीलिए मानव जीवन के लिए यह प्लास्टिक पन्नियां बहुत ही घातक है। 

फिर भी उल्हासनगर बीटीसी मैदान की ओर जाने वाली सड़क पर सीएनजी पंप के सामने पाताली शिवमंदिर के बगल में टीना प्लास्टिक में ऐसी खतरनाक प्रतिबंधित पचास माइक्रोन व उससे कम की एक बार उपयोग में आने वाली प्लास्टिक पन्नी बनती है। सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार टीना प्लास्टिक पर सितंबर 18, 2021 को दोपहर एक बजे के दरम्यान उल्हासनगर मनपा कर्मचारियों ने छापा मारा मारा था। कारखाना मुहरबंद कर मुकदमा दर्ज कराने की बजाय रुपये 80 हजार लेकर, महिना बांधकर चले गये।इस तरह से प्रतिबंधित पन्नी बंद की जायेगी तो कैसे बंद होगी? यह एक गूढ़ प्रश्न है। क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों पर मनपा आयुक्त कार्यवाही करेंगे?

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