अपटा संवाददाता
उल्हासनगर : उल्हासनगर-3 मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन क्षेत्र के चोपड़ा कोर्ट परिसर, अंबिका दर्शन नामक इमारत के पास शिवसेना शाखा के सामने दादया-बंडया चायनीज दुकान में चल रहे जुआघर में चल रहा है अनेकों प्रकार का जुआ!! पुलिस निरिक्षक सुधाकर सुराडकर
सेंट्रल पुलिस स्टेशन अपराध निरीक्षक राजेन्द्र कोते
उल्हासनगर-3, चोपड़ा कोर्ट परिसर में राहुल दादा बागूल नामक व्यक्ति अंबिका दर्शन इमारत के पास दादया-बंडया नामक चायनीज की दुकान में सोरठ, तीन पत्ती, रम्मी जैसे कई जुए चलाता है। इसी प्रकार रिपब्लिकन नेता बीबी मोरे के कार्यालय के पास स्थित चुड़ी की दुकान के उपर मटके की पर्ची काटी जाती है। जिससे आसपास के युवाओं का जिवन नष्ट हो रहा है। कई परिवार बिखर रहे हैं। कोविड-19 के चलते लोगों के रोजगार छिन गये हैं फिर भी जुआघर शुरू है। लोग रातोंरात अमीर बनने के चक्कर में जुए का सहारा लेते हैं। अमीर तो बन नहीं पाते परंतु उनके बालबच्चों के मुह का निवाला छिन जाता है और जिस पुलिस प्रशासन को ऐसे अबोध लोगों की रक्षा के लिए तनख्वाह देकर तैनात किया गया है वह पुलिस अतिरिक्त कमाई करने के चक्कर में ऐसे अवैध धंधो को बढ़ावा व संरक्षण दे रही है। सिपाही वसूलीभाई (कलेक्टर) योगेश शिंदे
मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के निरीक्षक सुधाकर सुराडकर करीब चार वर्षों से एक ही पुलिस स्टेशन में जमें हुए हैं, जिसके कारण शहर में उनकी अच्छी पैठ हो गई है जिसका फायदा उठाकर शहर में डांसबार, जुआघर लाज, नकली शराब, गुटखा, चरस, गांजा जैसे अनेकों अवैध धंधो को बढ़ावा व संरक्षण देकर हर महीने मिलनेवाली तनख्वाह के अलावा लाखों रुपये अवैध रूप से कमाते हैं। डांसबारों की शिकायत कंट्रोल रूम में करने पर इनके मातहत कर्मचारी बिना जगह का निरीक्षण (जांच) किये ही चालू न होने की झूंठी खबर दे देते हैं! और इनके इस अवैध कारोबार में अपराध निरीक्षक राजेन्द्र कोते पूरी तरह से सहयोग दे रहे हैं। सुराडकर ने दो पुलिस सिपाही सिर्फ वसुली के लिए रख छोड़ा है। यह वसुली बाज (कलेक्टर) सरकारी पगार जनता की रखवाली करने के लिए लेते हैं, परंतु काम निरीक्षक सुधाकर सुराडकर की वसूली का करते हैं। निरीक्षक की तब्दीली का समय पूरा हो जाने के बाद भी तब्दीली न होने का खामियाजा उल्हासनगर की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों से अनुरोध है कि इनको मुवत्तल करके इनके संपत्ति की जांच ईडी से करवायी जाय।
मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के निरीक्षक सुधाकर सुराडकर करीब चार वर्षों से एक ही पुलिस स्टेशन में जमें हुए हैं, जिसके कारण शहर में उनकी अच्छी पैठ हो गई है जिसका फायदा उठाकर शहर में डांसबार, जुआघर लाज, नकली शराब, गुटखा, चरस, गांजा जैसे अनेकों अवैध धंधो को बढ़ावा व संरक्षण देकर हर महीने मिलनेवाली तनख्वाह के अलावा लाखों रुपये अवैध रूप से कमाते हैं। डांसबारों की शिकायत कंट्रोल रूम में करने पर इनके मातहत कर्मचारी बिना जगह का निरीक्षण (जांच) किये ही चालू न होने की झूंठी खबर दे देते हैं! और इनके इस अवैध कारोबार में अपराध निरीक्षक राजेन्द्र कोते पूरी तरह से सहयोग दे रहे हैं। सुराडकर ने दो पुलिस सिपाही सिर्फ वसुली के लिए रख छोड़ा है। यह वसुली बाज (कलेक्टर) सरकारी पगार जनता की रखवाली करने के लिए लेते हैं, परंतु काम निरीक्षक सुधाकर सुराडकर की वसूली का करते हैं। निरीक्षक की तब्दीली का समय पूरा हो जाने के बाद भी तब्दीली न होने का खामियाजा उल्हासनगर की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों से अनुरोध है कि इनको मुवत्तल करके इनके संपत्ति की जांच ईडी से करवायी जाय।
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