कमलेश दुबे
उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा के सहायक आयुक्त गणेश अरविंद शिंपी अमन टाकीज के पास भूखण्ड क्रमांक 705 पर बना उद्यान हड़प रहे हैं। और शहर के विकास का दम भरने वाले कथित नेता, महापौर और आयुक्त तमाशबीन बने हुए हैं। लिपिक रहते हुए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने वाले शिंपी से और उम्मीद भी क्या किया जा सकता है। शिंपी पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के अलावा महिला से छेड़छाड़ मारपीट जैसे संगीन आरोपों से घिरे होने पर शिंपी को मुवत्तल करने के बजाय पदोन्नति देना क्या दर्शाता है?
उल्हासनगर प्रभाग-1 स्थित मनपा भूखण्ड क्र.705 पर बने अमन उद्यान पर अवैध निर्माण हो रहा है। प्रभाग अधिकारी से अनेकों शिकायतों के बाद भी कार्रवाई का न होना, दर्शाता है कि उद्यान प्रभाग अधिकारी शिंपी द्वारा बेचा जा रहा है। आयुक्त राजा दयानिधि, महापौर लिलाबाई आसान, मनपा के तमाम नगरसेवक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए गणेश शिंपी जैसे भ्रष्ट, अपराधी छवि वाले लिपिक को सहायक आयुक्त जैसा पद देकर शहर को गिद्ध की तरह नोचवा रहे हैं। जिसका फायदा उठाकर अय्याश शिंपी अपने पूरे प्रभाग में दर्जनों अवैध व गैरकानूनी बांधकाम करवा रहा है। हो रहे कई अवैध निर्माणों में शिंपी हिस्सेदार भी है।
बतादें गणेश शिंपी लिपिक पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार विरोधी पथक द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था। जिसमें शिंपी पर भ्रष्टाचार अधिनियम धारा १९८८ के कलम ६, (१३)(१)(ड)(२)के तहत मुकदमा रजि.नं. २, १५/२०१३, सत्र न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद शिंपी को उल्हासनगर एक नंबर से पांच नंबर तक,का अवैध बांधकाम नियंत्रण अधिकारी बना दिया गया। पद पर रहते हुए शिंपी ने 17 हजार से अधिक टियर गाटर, आरसीसी अवैध निर्माण करवाया जिससे अरबों रुपया कमाया। सत्ता में रहे लोगों को भी फायदा पहुंचाया। पैसे और सत्ता के मद में चूर शिंपी ने महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ किया विरोध करने पर धमकी देने के साथ हाथापाई करने से बाज नहीं आया। मामला उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में गु.रजि.नं.१, १४८/२०११ भादसं की धारा ३०६/३४ के अलावा गु. रजि.नं.१, १७७/२०११ में भादसं की धारा ३५४, ५०९ ५०४,५०६/३४ इसी तरह अ.जा.ज.अधि. १९८९ की धारा ३ (१)(१०)(११)(१२) २(७) के तहत कई संगीन गुनाह दर्ज हैं।
राजा दयानिधि व महापौर लिलाबाई आसान
इस तरह के गंभीर मामलों के बावजूद शिंपी जिम्मेदारी भरे पद पर बैठा हुआ है। महिलाओं के साथ अश्लील हरकत के अलावा मारपीट जैसे गंभीर गुनाह होने के बावजूद सत्ताधारियों को शिंपी क्यों भाता है? यह किसी से छिपा नहीं है। गणेश शिंपी का पद पर बना रहना मिडिया व जनता के विचारों को दरकिनार कर, बेशर्मी के साथ शिंपी का समर्थन, उल्हासनगर के नेताओं का भ्रष्टाचार दर्शाता है। चुनाव में जनता के सामने जाना है जवाब तो देना ही पड़ेगा।
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