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मेरे लिए काम नहीं किया तो उल्हासनगर में रहने नहीं दूंगा, बुकियों का शहंशाह नरेश रोहरा।

धीरज वलेचा के घर पर बाटल फेंका किसी और ने मामला दर्ज कराया नवीन केसवानी पर!!

क्रिकेट बुकि के मातहत काम नहीं किया तो दर्ज कराया हफ्ता वसुली का मामला!

कमलेश दुबे
उल्हासनगर के मशहूर क्रिकेट सट्टा बुकि नरेश रोहरा के यहाँ/साथ काम करने वाले धिरज वलेचा ने अपने ही नंबर कारी नवीन केसवानी के खिलाफ विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में हफ्ता वसुली का झूंठा मामला दर्ज कराया। बतादें उल्हासनगर कैम्प एक से पांच नंबर तक 45 से 50 क्रिकेट सट्टेबाजी के लिए आय डी पासवर्ड देने वाले बुकि हैं। इसी में एक नाम धिरज वलेचा का भी है। पहले धिरज और नवीन एक साथ नरेश रोहरा के लिए काम करते थे। जिसके कारण दोनों पर कई मामले भी दर्ज हैं, दोनों ने साथ साथ जेल भी काटा है। परंतु अब नवीन केसवानी ने रोहरा के लिए काम करना छोड़ दिया है। अपना इस्टेट एजंट का काम करता है। अढ़ाई साल की एक बेटी है। बीवी और बच्ची के कारण नवीन पिछली जिंदगी भूलकर सुधरना चाहता है। ऐसा उसने अग्निपर्व टाइम्स को बताया। परंतु नरेश रोहरा उसको सुधरने नहीं दे रहा है। उसने यह भी बताया जिस दिन बोतलें फेकी गयी वह अपने घर में सो रहा था। पुलिस अगर इमानदारी से जांच करे तो पता चल जाएगा। 
                   नरेश रोहरा 
नरेश रोहरा ने नवीन को धमकी दी है तुझे उल्हासनगर में रहने नहीं दूंगा मेरी पुलिस में उपर तक पहुंच है तेरे उपर झूंठे हफ्ता वसुली व एमपीडीए के तहत मामला दर्ज करवाऊंगा। और पहला मामला दर्ज भी हो गया है। नरेश रोहरा एक करोड़पति व्यक्ति है। ऐसा कोई काला धंधा नहीं जो वह न करता हो। जैसे सोने की तस्करी, क्रिकेट सट्टा बुकि, गोवा, शिलवासा से शराब तस्करी, रालेट जुए की आयडी देने के अलावा अन्य कयी अवैध धंधे हैं। रोहरा दिखावे के लिए टीवी केबल व्यवसाय से जुड़ा है। वह भी गोपी नामक व्यक्ति का हड़पा हुआ है।
                  धीरज जेठालाल वलेचा 
नरेश रोहरा का हिस्सेदार धीरज जेठालाल वलेचा सतरामदास अस्पताल के पास उल्हासनगर 4 अपनी दुकान के उपर ही रहता है, नीचे किराने की दुकान और पहली मंजिल पर घर तथा छत पर मैचों में सट्टेबाजी करने के लिए आयडी, पासवर्ड देकर पैसे जमा करने के लिए बनाया गया है कार्यालय है। धीरज एक मैच बुकि है यह बात उस रिकार्डिंग से पता चलती है। जिसमें एक हारे हुए जुआरी से वसूली के लिए कहता है "तेरे घरपर इतने आदमी भेज दूंगा की तू परेशान हो जायेगा" यही नहीं उससे कहता है तेरा नाम अगर बाजार में अच्छा है तो तुझे कर्ज क्यों नहीं मिल रहा है। मुझे पैसा चाहिए नहीं तो दादा तुझे छोड़ेगा नहीं। यह दादा कोई और नहीं नरेश रोहरा ही है। बिना जांच रोहरा के दबाव के चलते मामला दर्ज हुआ, यह पूछने पर पुलिस का जवाब था हमारे पास कोई भी आता है तो हम पहले मामला दर्ज करते हैं और बाद में जांच। अब देखना यह है कि नरेश रोहरा नवीन को उल्हासनगर में रहने देता है या नहीं।

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