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सांसद श्रीकांत शिंदे की निधि गायब? अंबेडकर नगर में समाज मंदिर का वर्क आर्डर बना नहीं हुआ भूमिपूजन?

उल्हासनगर मनपा उपमहापौर भगवान भालेराव के वार्ड में बिना किसी निर्माण के ही हुआ बिल पास।

पैनल 7 में 26 अप्रैल 2017 से 24 फरवरी 2021 तक, 48 करोड़ 16 लाख 9 हजार 4 सौ 40 रुपये का हुआ विकास कार्य।

ईडी, सीआयडी से जांच की मांग, फर्जी कागजात बनाकर जमीन हड़पने (Land grabbing) मामला 

अपटा संवाददाता उल्हासनगर
उल्हासनगर: उल्हासनगर महानगर पालिका में अप्रैल 2017 से फरवरी 2021 तक लगभग सवा 48 करोड़ रुपये का विकास कार्य किया गया जिसमें से कयी काम अस्तित्व में नहीं हैं। कुछ हुआ ही नहीं और कुछ अधुरा पड़ा है। जबकि बिल का भुगतान सभी का हो चुका है।
            उपमहापौर भगवान भालेराव 
          नगरसेविका अपेक्षा भगवान भालेराव 

उल्हासनगर मनपा में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। विश्व में अगर कहीं भ्रष्टाचार के लिए कोई पारितोषिक की घोषणा होती तो उल्हासनगर को हर वर्ष प्रथम पुरस्कार मिलता! वैसे तो उमपा के हर विभाग में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। परंतु सार्वजनिक बांधकाम(PWD) विभाग में भ्रष्टाचार के लिए अनेकानेक संभावनाएं हैं। यहां दाम बढ़ाने के सिवा बिना काम के ही बिल का भुगतान कर देना एक आसान काम है। बिना काम किए मिले रुपयों को आयुक्त, नगरसेवक, अधिकारी, कर्मचारी, महापौर आपस में अपनी औकात के हिसाब से बांट लेते हैं।
   नगरसेविका सुभांगीनी निकम व कमलेश निकम 

पीडब्लूडी शहर विकास के लिए सड़कों का निर्माण और उनका रखरखाव, नाली-गटर, पदपथ, शौचालय, मुत्रालय, समाज मंदिर जैसे अनेकों जन सुविधा के कार्य का ठेका दिया जाता है। कार्य के पुर्ण हो जाने पर कार्य का निरीक्षण, जांच परख करने के बाद नाप जोख कर बिल का भुगतान किया जाता है। भुगतान के बाद भी छह महीने तक जमानत राशि जमा रहती है। ताकि कोई खराबी आने पर पुनः निर्माण किया/कराया जा सके।
   आयूक्त राजा दयानिधि   मेयर लीलाबाई आशान 

ठेका निर्धारण के लिए निविदा निकाली जाती है या फिर तय किए गये सरकारी मुल्य(DSR) के आधार पर कार्य करवाया जाता है। विकास कार्य के लिए रुपये (Fund) लाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है। फंड सांसद, विधायक और नगरसेवक-सेविका के पास होता है। यह लोग सरकार द्वारा दिए गए फंड से अपने चुनाव क्षेत्र में काम करते हैं। फिर भी 5 से 10 प्रतिशत तक कमिशन लेते हैं। और कार्य पूर्ण होने पर भुगतान तैयार करने के लिए कनिष्ठ अभियंता (JE) 2% उपअभियंता 2%(Deputy Eng.) मुख्य अभियंता 2% इसके अलावा आडिट, लेखा विभाग मुकादम चपरासी आदि पकड़कर 45 से 50% ठेकेदार बांट देता है। अब आप समझ सकते हैं कितने का काम कितने में पास होता होगा।
बांये से पहली फोटो जय लाठी, सामने प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी व राजेश अमरनानी 

इसपर भी मन नहीं भरता तो काम किए बगैर ही भुगतान पास कराकर पूरे पैसे हजम कर जाते हैं। उप महापौर भगवान भालेराव के वार्ड 7 में इसी तरह का एक मामला संज्ञान में आया है। यहाँ डा. बाबा साहब आंबेडकर नगर, वार्ड 7 में एक समाज मंदिर निर्माण के लिए स्थानीय शिवसेना सांसद डा.श्रीकांत शिंदे को केंद्र सरकार द्वारा मिली निधि में से 9 लाख 99 हजार समाज मंदिर निर्माण के लिए मांगकर लाया गया। कार्य का कार्यादेश (Work order) राहुल मजूर कामगार सहकारी संस्था के नाम पर बना, परंतु मंदिर नहीं बना। इस पैनल में चार नगरसेवक हैं। उप महापौर भगवान भालेराव तथा उनकी धर्मपत्नी अपेक्षा, टीओके प्रवक्ता कमलेश निकम की भाभी सुभांगी निकम, लक्ष्मी सुरेंद्र सिंह। भ्रष्टाचार की इस गंगोत्री में स्नान करने वाले बड़बोले कमलेश निकम ने भाभी द्वारा किए गये इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कभी आपत्ति उठाना जरूरी नहीं समझा। वहीं मियां बीवी दोनों का हिस्सा लेने वाले भगवान भालेराव जिनके वार्ड से बिना निर्माण के बिल भुगतान हो जाता है और निर्माण की गयी सड़क थोड़ी सी बरसात में बह जाती है। सुत्रों से पता चला है कि भालेराव का अवैध निर्माण का कारोबार है। जिसको जय लाठी संभालता है। मरे हुए, विदेशों में बसे लोग, जिनका मकान गिर गया है। ऐसे मकान जिसका देख भाल करने वाला कोई नहीं ऐसी जमीनों की फर्जी सनद बनवाकर कब्जा करने का भी कारोबार करते हैं। 

उपरोक्त दी गयी जानकारी सत प्रतिशत सत्य है। लेन देने का प्रतिशत बढ़ा ही होगा कम होने का सवाल नहीं। मैने इतना बताया कारण मैं भुक्तभोगी हूँ, मैं भी पूर्व में उमनपा ठेकेदार हुआ करता था। सिस्टम में फिट न बैठने के कारण मुझे ठेकेदारी छोड़नी पड़ी। देख लिजिए ऐसे हैं, आपके नगरसेवक, विधायक, सांसद व आपकी महाविकास आघाडी की सरकार। क्या इन भ्रष्टाचारियों की जांच होगी? जांच होगी या नहीं, यह तो भविष्य ही बतायेगा, ऐसे भ्रष्ट लोगों को क्या जनता वोट देगी? यह फैसला जनता को करना है। 

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