अपटा संवाददाता
उल्हासनगर: कल्याण, पुणे, मुंबई, अमरावती के बाद अब उल्हासनर में १४ वर्षिय नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार की भीषण घटना घटी है। इस बलात्कार की घटना से ठाणे जिले में डर का माहौल है। उल्हासनगर शहर में यह दिल दहला देने वाली घटना रेलवे-स्टेशन परिसर में घटित हुई है।
उल्हासनगर रेल्वे स्टेशन परिसर में एक नराधम ने १४ वर्षीय अल्पवयीन बालिका से बलात्कार किया। इस प्रकरण में कल्याण रेल्वे पुलिस ने आरोपी दादा उर्फ श्रीकांत गायकवाड को गिरफ्तार कर लिया है। रेलवे हद में पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था होने के बावजूद इस तरह की घटना दुर्दैव ही है।
साकीनाका मुंबई में घटित बलात्कार की पीड़िता का उपचार के दौरान मृत्यू हो गयी। यह घटना अभी ताजी ही थी कि उल्हासनगर में इस प्रकार की धक्कादायक घटना उजागर हुई। उल्हासनगर स्टेशन के पास बने उड़ान पुल पर एक १४ वर्षिय नाबालिग लड़की खड़ी थी। एक युवक उसके पास आया और लड़की को जबरदस्ती खींचकर निर्जन स्थान पर ले गया। जहाँ उसने लड़की को बुरी तरह से मार पीटकर, उसके साथ बलात्कार किया, और लड़की को वहीं छोड़ भाग गया। संबंधित घटना का पता चलते ही कल्याण जीआरपी वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक शादरुल के मार्गदर्शन में तलाश शुरू हुई और पुलिस ने उस नराधम आरोपी दादा उर्फ श्रीकांत गायकवाड को गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
उल्हासनगर स्टेशन से सटे एमएमआरडीए द्वारा बनाये गये इस उड़ान पुल पर कई बार छेड़छाड़, लूट और बलात्कार जैसी घटनाएं घट चुकी हैं। कुछ दर्ज हुई और कुछ नहीं। इस पुल पर हर बार घटित, घटना के बाद कुछ दिनों के लिए सुरक्षा व्यवस्था बहाल कर दी जाती हैं। और जैसे ही सुरक्षा व्यवस्था में ढील दी जाती है। कोई न कोई घटना घटित हो जाती है। इस उड़ान पुल पर अक्सर सड़क छाप लैला-मजनुओं की चुम्मा-चाटी शुरू रहती है। पुल पर लगे बल्बों को तोड़कर, अंधेरा कर शारीरिक तृष्णा मिटाने के लिए लाॅज की तरह इस पुल का इस्तेमाल करते हैं। उल्हासनगर स्टेशन की दोनों तरफ आसपास ही चरस, गांजा, कोकीन, बटन जैसे नशीले पदार्थों का बेचा जाना भी इस प्रकार की घटना का कारण होती हैं।
उल्हासनगर स्टेशन से सटे एमएमआरडीए द्वारा बनाये गये इस उड़ान पुल पर कई बार छेड़छाड़, लूट और बलात्कार जैसी घटनाएं घट चुकी हैं। कुछ दर्ज हुई और कुछ नहीं। इस पुल पर हर बार घटित, घटना के बाद कुछ दिनों के लिए सुरक्षा व्यवस्था बहाल कर दी जाती हैं। और जैसे ही सुरक्षा व्यवस्था में ढील दी जाती है। कोई न कोई घटना घटित हो जाती है। इस उड़ान पुल पर अक्सर सड़क छाप लैला-मजनुओं की चुम्मा-चाटी शुरू रहती है। पुल पर लगे बल्बों को तोड़कर, अंधेरा कर शारीरिक तृष्णा मिटाने के लिए लाॅज की तरह इस पुल का इस्तेमाल करते हैं। उल्हासनगर स्टेशन की दोनों तरफ आसपास ही चरस, गांजा, कोकीन, बटन जैसे नशीले पदार्थों का बेचा जाना भी इस प्रकार की घटना का कारण होती हैं।
0 टिप्पणियाँ