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बलात्कारी और जबरी वसुली वालों से चलेगी राकपा?

सत्ता संरक्षण पाने हेतु बलात्कार व जबरन वसुली आरोपी रोशन माखीजा राकपा में सामिल?

कमलेश दुबे 
उल्हासनगर: ठाणे जबरी वसुली पथक के पास पंकज त्रिलोकानी व रोशन माखीजा के खिलाफ सुरेश पुजारी द्वारा फोन पर दिलाई गई धमकी, जिसमें अमित वाधवा को कर्ज न माफ करने पर मार देने के लिए कहा गया था, वह मामला दर्ज ही था। अब नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार(पोस्को) का मामला दर्ज हुआ है। इसके बाद भी रोशन माखीजा को राकपा में सामिल करना राकपा का चरित्र ही बताता है।
          गृहमंत्री दिलिप वलसे पाटिल 

महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की अघाड़ी सरकार, प्रदेश के लिए कानून व्यवस्था बिगाड़ी सरकार बनकर रह गयी है। पहले ही पुर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख मुंबई के होटलों बारों से 100 करोड़ वसुली मामले में ईडी और सीबीआई से बचने के लिए न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं। कोर्ट के शरण न देने पर अब मुंह छिपाते फिर रहे हैं। वंही मंत्री जितेंद्र अव्हाण की सोसल मिडिया पर एक रिकार्डिंग घूम रही है जिसमें वह कह रहे हैं। बलात्कार पीड़ित महिला की मदद मत करो वह मरती है। तो मर जाने दो, सत्ता के दबाव के चलते पीड़िता का मामला पुलिस दर्ज करने से बच रही है। अव्हाण रिकार्डिंग में खुलेआम कह रहे हैं, कि शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल नहीं चाहते की महिला पर हुए बलात्कार का मामला दर्ज हो।

               पंकज त्रिलोकानी 

इसी तरह का एक मामला उल्हासनगर में सामने आया है। सुरेश पुजारी के साथ मिलकर जबरी वसुली करने के आरोपी, नाबालिग से बलात्कार मामले में वांछित रोशन माखीजा को उल्हासनगर राकपा ने अपने दल में शामिल कर लिया है। बताते चलें कि उल्हासनगर पुलिस में इनके खिलाफ अभी हाल ही में भादंस की धारा 376, 375 तथा बाल संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3(ब) 8 के तहत पोस्को का मामला दर्ज हुआ है। इस तरह के गंभीर मामलों में वांछित लोगों को पार्टी में शामिल कर आखिर राकपा साबित क्या करना चाहती है? ऐसे लोगों को संरक्षण देकर शहर व प्रदेश में आतंक का माहौल बनाना चाहती है। सत्ता और पैसों के जोर पर ऐसे खुंखार अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस स्टेशन में भी आ जा रहे हैं। पर पुलिस के हाथ राकपा गृहमंत्री ने बांध रखे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सत्ता का संरक्षण आम जनता के लिए न होकर इस तरह के अपराधियों के लिए है।

उपरोक्त दोनों आरोपित व्यक्ति उल्हासनगर की स्थानीय पार्टी टीओके के पदाधिकारी थे। पंकज त्रिलोकानी आज भी टीओके में है। जबकि रोशन माखीजा राकपा में चला गया। टीओके की स्थापना कुख्यात माफिया सरगना उम्रकैद की सजा काट रहे पप्पू कालानी के सुपुत्र ओमी कालानी ने किया था। ओमी कालानी भी कोई दूध के धुले नहीं है। उनपर भी अलग अलग पुलिस थानों में 14 संगीन गुनाह दर्ज हैं। इसी पार्टी के कार्यकर्ता रोशन महेश माखीजा, पंकज सुरेशलाल त्रिलोकानी थे।

राकपा और भ्रष्टाचार

पुलिस द्वारा सौ करोड़ की वसुली करवाने के मामले में राकपा गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी चली जाने के बाद भी पार्टी में कोई सुधार आने का नाम नहीं ले रहा है। दिलिप वलसे पाटिल गृहमंत्री जरूर बन गये हैं, परंतु चल अनिल देशमुख के पदचिन्हों पर ही रहे हैं। उनके आने बाद भी पुलिस का रवैया नहीं बदला है। पैसेवाले, सत्ताधारी आरोपियों पर संगीन गुनाह दर्ज होने के बावजूद भी पुलिस उनपर कार्यवाही नहीं करती है उनका रोज पुलिस स्टेशन में आना जाना लगा रहता है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि जहाँ एक बलात्कारी पदाधिकारी हो वहाँ महिलाएं कैसे काम कर पायेंगी और क्या जनता ऐसे लोगों को वोट देगी? 

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