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हाईकोर्ट ने कहा पहले इमारत के वैद्य कागजात पेश करो, फिर पत्रकारों पर कार्रवाई की बात होगी!!

उच्च न्यायालय ने मोहन ग्रुप को लगाई लताड़, कहा पहले निर्माण वैद्य यह साबित करो! 

मोहन ग्रुप चाहता था मिडिया में उसके अवैध निर्माण की सच्चाई लिखनेवाली मिडिया पर लगाम लगाई जाय और मिडिया पर बिल्डर की बदनामी करने का मामले के तहत मुकदमा चलाया जाय। 

हेलीपेड वाली मोहन अल्टिजा में हुआ 50 हजार वर्ग फुट का अवैध निर्माण 200 करोड़ की धोखाधड़ी 
  
सहायक संचालक नगर रचना विभाग मारुति राठौर के खुलासे से मनपा व मोहन ग्रुप के भागीदारों में मची खलबली एक हजार करोड़ की लागत से बनी मोहन अल्टिजा पर हो सकती है तोड़क कार्यवाही! 

सवालों के घेरे में कडोमपा प्रशासन, अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए किसका इंतजार ?

कब होगी दोषी बिल्डर व भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर कार्रवाई, आयुक्त क्यों कर रहे हैं, दया भ्रष्टाचारियों पर? 

कमलेश दुबे 
केडीएमसी मुख्यालय से 30 जुलाई को सेवानिवृत्त हुए नगर रचना विभाग के सहायक संचालक मारुति राठौर ने आखिरकार मोहन अल्टिजा का राज खोल ही दिया। अवैध निर्माण के बारे में बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि मोहन ग्रुप की बहुमंजिली हेलीपेड वाली इमारत मोहन अल्टिजा में करीब ढाई लाख फुट निर्माण हुआ है। जिसमें 40 से 50 हजार फुट एफएसआई का अवैध निर्माण हुआ है। खुलासे के बाद मामले की गंभीरता से जांचकर दोषी बिल्डर और उसके सहयोगी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही हैं। 

बतादें कि कल्याण पश्चिम के गांधारी में बनी मोहन समूह की हेलीपेड वाली मोहन अल्टिजा नामक इमारत को अवैद्य बताते हुए मोहन ग्रुप के चेयरमैन जितेंद्र लालचंदानी के भाई महेश लालचंदानी द्वारा शासन-प्रशासन से शिकायत किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होता देख उन्हें मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी। शुक्रवार को कडोमपा के एडीटीपी मारुति राठौर द्वारा पत्रकारों के सामने  इसका खुलासा करते ही मनपा प्रशासन व मोहन ग्रुप में हड़कंप मच गया, अब सवाल यह उठ रहा है कि जब खुद मनपा प्रशासन 40 से 50 हजार फुट अवैध निर्माण की बात स्वीकार कर रहा है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? क्या 40 से 50 हजार स्क्वायर फुट एफएसआई का अवैद्य निर्माण एक दिन में हुआ होगा? जाहिर है कि इतना बड़ा मोहन अल्टिजा गृह संकुल बनाने में काफी समय लगा होगा और निर्माण कार्य के दौरान मनपा के संबधित विभाग के अधिकारी भी साइट पर गए होंगे तो क्या उन्होंने अवैध निर्माण होते हुए नही देखा या अपना नजराना लेकर आंखे मुंद ली, इस तरह के कई सवाल उठाए जा रहे हैं जिसका जबाब तत्कालीन अधिकारियों को देना होगा?
       अवैध मोहन अल्टिजा 

शिकायतकर्ता महेश लालचंदानी का दावा है कि मोहन ग्रुप द्वारा मोहन अल्टिजा में करीब ढाई लाख फुट एफएसआई वायलेसन किया गया है। कडोमपा नगर रचना विभाग के प्रमुख अधिकारी राठौर ने जब रिटायर होते ही मोहन अल्टिजा में अवैध निर्माण होने का दावा कर दिया तो यह साबित हो गया है कि मोहन अल्टिजा में अवैध निर्माण हुआ है,अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अवैध निर्माण के मामले की गंभीरता से जांच कर मोहन ग्रुप के भागीदारों के साथ-साथ उन अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? जो अवैध भवन निर्माता के इस गोरख धंधे में शामिल हैं ?

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