उल्हासनगर के सरकारी सस्ते आनाज की दुकानों में नहीं पहुंच पा रहा है गेहूं!
उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर में कई सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के दुकानदार गेहूं, चावल नहीं आ रहा बोलकर प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना का मुफ्त में मिलने वाला गरीबों को गेहूं, चावल नहीं दे रहे हैं!
उल्हासनगर शहर के ४० फ में दर्जनों ऐसे सरकारी सस्ते आनाज के दुकानदार हैं, जो कोई न कोई बहाना बनाकर गरीबों का राशन हड़प जाते हैं, और दो व तीन रुपये किलो मिलने वाला गेहूं, चावल बाजार में १८/२० रुपये किलो बेच कर मोटा मुनाफा कमाते हैं। दुकान पर कार्ड धारक को अंगुठा लगाकर ही राशन मिलता है। दुकानदार बिना अंगुठे के ही हजारों किलो गेहूं, चावल खुले बाजार में बेंचकर मालामाल हो रहे हैं।
उल्हासनगर के कई सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के दुकानदार कार्ड धारकों को यह कहकर राशन नहीं दे रहे हैं कि माल सरकार ने नहीं भेजा। जब यह बात अग्निपर्व टाइम्स तक पहुंची तो हमारे संवाददाता ने वुडलैंड कांप्लेक्स स्थित राशनिंग कार्यालय जाकर पता लगाया। वहां उपराशनिंग अधिकारी (ARO) बी.एस. कुलकर्णी से बात की तब उन्होंने बताया कि जुलाई महीने में चावल शतप्रतिशत भेजा गया है। परंतु गेहूं ६०/७० प्रतिशत ही भेजा गया है। लगभग यही हाल अगस्त में भी है। गेहूं न पहुंचने के कारण में उन्होंने बताया कि पहले हमें तीन गोदामों से आनाज मिला करता था। अब भिवंडी और तलोजा के गोदाम बंद कर दिये गये हैं। सिर्फ तुर्भे के एक गोदाम से सप्लाई दी जा रही है। वहां ट्रकों का न मिलना, ज्यादा भीड़ हो जाने से दिक्कतें आ रही है। वहीं समय पर माल न उठाने पर मुद्दत बढ़ाने के लिए केंद्र को भेजना पड़ता है। उसमें छह छह महीने लग जाते हैं। गेहूं की कमी का कारण उन्होंने बरसात भी बताया। इस तरह गेहूं कम मिलने की कमी के चलते दुकानदार लोगों का सारा राशन खा जा रहे हैं। वैसे भी शतप्रतिशत लोग आनाज लेते नहीं और कुछ लोगों को दिया नहीं जाता। इस तरह दुकान मालिक और राशनिंग विभाग प्रशासन मिलकर कमाई कर रहे हैं।
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