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छापे के दौरान पकड़े गए आरोपी को आरोप मुक्त किया पुलिस ने!

ऐसा सिर्फ उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में होता है! जहाँ असली आरोपी भगा दिया जाता है और किराये के आरोपी को जेल भेज दिया जाता है!! 

टिटवाला का रहने वाला समीर शेख, शहाड के गुटखा विक्रेता अलिफ सुपारी का इल्ज़ाम अपने सर लेकर कमा रहा है रोजाना 4 हजार!

उल्हासनगर संवाददाता
उल्हासनगर कैम्प क्रमांक 1 के कर्तव्यदक्ष पुलिस कर्मचारी भारत धराड़े ने गुटखा बेचते पकड़े गये अलिफ उसके लड़कों और नौकर को पुलिस स्टेशन से भगा कर उनके बदले समीर शेख को बनाया आरोपी बदले में लिए 50 हजार !
नहीं सुधर रहा अलिफ 
फिल्मों में आपने देखा होगा किस तरह कत्ल करने के लिए रात को हवालात में बंद मुजरिम को कत्ल करने के लिए छोड़ दिया जाता है। अपने किये कसूर के लिए पैसे देकर किसी और को कैसे जेल भेजकर मुजरिम को बाहर मौज करने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसी तरह का एक किस्सा शहाड स्टेशन पूर्व से सामने आया है। आंनद शाला स्कूल के पास, शिवाजी रोड पर अलिफ सुपारी नामक दुकान है। जहाँ खुलेआम प्रतिबंधित गुटखा व तंबाकू जन्य पदार्थ थोक भाव में बेचा जाता है। दुकान में गुटखा पकड़े जाने की वजह से, दुकान कई बार मुहरबंद हो चुकी है। परंतु हर बार दुकान खुलते ही फिर से गुटखे का काला कारोबार यहां शुरू हो जाता है। जिसकी खबर हर बार अग्निपर्व टाइम्स में लिखा जाता रहा है।   फर्जी आरोपी के साथ भारत धराड़े 
भारत धराड़े और अन्न औषधि की अरुणा विरकायदे 

पकड़ा गया 61 हजार का गुटखा
अभी तीन चार दिन पहले फिर एक बार अन्न व औषधि प्रशासन ने अलिफ सुपारी नामक दुकान पर छापा मारकर करीब 61 हजार का गुटखा जप्त किया। दुकान पर दुकान मालिक अलिफ और उनके बेटों मुर्सीद,अमित के अलावा एक नौकर लम्बू अन्ना दुकान पर रहते हैं। परंतु पुलिस ने आरोपी किसी और को ही बना दिया जिसका दुकान से कोई लेना-देना ही नहीं। दुकान में या उसके आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे देखे जांय तो पता चल सकता है। हवालात में बंद आरोपी समीर शेख शायद कभी दुकान पर सामान लेने भी नहीं आया हो गया!

भरत धराड़े का कारनामा
सुत्रों ने बताया छापा मारने के लिए अन्न, औषधि विभाग की अरुणा विरकायदे अपने सहयोगी के साथ और पुलिस विभाग की ओर से भरत धराड़े व अन्य पुलिस कर्मी (जिनके नाम सुत्र नहीं जानता) दुकान पर गये थे। तलाशी के बाद दुकान से 61 हजार रुपये का गुटखा बरामद हुआ।  दुकान पर मौजूद नौकर लम्बू अन्ना व लड़कों को छोड़कर, पुलिस दुकान मालिक अलिफ को माल के साथ पुलिस स्टेशन ले गयी। जहाँ मामला तंय होने के बाद अलिफ को भी भगा दिया गया। और उसके बदले फर्जी समीर शेख के नाम मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। इमानदारी से पुलिस स्टेशन के साथ दुकान के आसपास का सीसीटीवी फुटेज चेक किया जाय तो तथ्य सामने आ जायेंगे और भरत धराड़े के साथ ही अन्न औषधि प्रशासन की भी कलई खुल जायेगी। गहन जांच से पता चल जायेगा कि पुलिस हिरासत में टिटवाला का रहने वाला समीर शेख कैसे हवालात कैसे पहुंचा? जिसका दुकान से कोई लेना-देना ही नहीं।

समीर शेख प्रति दिन लेता है रु 4 हजार!
अलिफ को पुलिस स्टेशन से भगाते समय 24 घंटे की मोहलत दी गयी कि वह अपने बदले किसी और को तैयार करे मुकदमा अपने सर लेकर हवालात जाने के लिए। इस तरह समीर शेख को जेल में रहने के लिए हर दिन का 4 हजार रुपये मेहनताना देकर मुकदमा अपने सर लेकर हवालात जाने के लिए तैयार किया गया। जमानत के खर्चे की भी जिम्मेदारी अलीफ की ही रहेगी।

ऐसे भ्रष्ट पुलिस पर कब होगी कार्रवाई
पुलिस महकमे के उच्च अधिकारियों को धराड़े की जांच करनी चाहिए क्योंकि हमने पहले भी बताया था, कि सभी गुटखे वालों से हफ्ता वसूलने का जिम्मा भारत धराड़े को ही मिला है। यह भी पता लगाया जाना चाहिये की दुकान का गुमाश्ता लाइसेंस किसके नाम पर है। दुकान में लम्बू अन्ना के सिवा कोई अन्य नौकर नहीं है तो यह समीर शेख आया कहाँ से। इस तरह उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में पैसे के जोर पर आरोपी बदले जाते हैं।

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