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कल्याण डोम्बिवली मनपा प्रशासन, बिल्डर से करोड़ों रुपये डकार कर आंखों पर पट्टी बांध बना रहा गांधारी!

मोहन अल्टिजा में किया गया लाखों वर्गफुट अवैध निर्माण-अधिकारियों ने आंखें बंद कर दिया प्रमाणपत्र
विकासक से माल खाकर आंखों पर पट्टी बांध बना रहा गांधारी, कल्याण डोम्बिवली मनपा प्रशासन!

कार्रवाई की तलवार लटकने से खरीदारों की जमा पूंजी खतरे में, विकासक समूह के भागीदारों में मचा हड़कंप!

संपादक कमलेश दुबे
कल्याण : मोहन ग्रुप की हेलीपेड वाली मोहन अल्टिजा इमारतों का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया गया। लाखों वर्गफुट का होता रहा अवैध निर्माण मनपा प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोता रहा। शिकायत के बाद कार्रवाई हुई नहीं परंतु लाखों वर्गफुट चटाईक्षेत्र के अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए मोहन समूह द्वारा दिए गए संशोधनों और विनियमन योजनाओं की अर्जी केडीएमसी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है। जिससे मोहन अल्टिजा इमारत और भागीदारों पर कार्रवाई की तलवार लटकने से मोहन ग्रुप के भागीदारों और अल्टिजा में सदनिका खरीदने वालों में हड़कंप मच गया है।

लाखों वर्गफुट चटईक्षेत्र (FSI)  का अवैध निर्माण करने के बदले करोड़ों डकार चुकी केडीएमसी फिर से अब मोहन अल्टिजा/ मोहन समूह द्वारा पेश की गई इच्छाओं को पूरा कर, इमारत को नियमित कर कर उनकी मदद करने के लिए प्रयासरत है जो किसी भी अधिनियम में समाहित नहीं होता। अवैध निर्माण के चलते विवादों में फंसी मोहन ग्रुप की हेलीपैड वाली ‘मोहन अल्टिज़ा’ के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दाखिल हो चुकी हैं। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि रिट पिटीशन लाइफ स्पेसेस एलएलपी (मोहन ग्रुप) के चेयरमैन जितेन्द्र लालचंदानी के सगे भाई महेश लालचंदानी ने दाखिल की है। चूंकि महेश लालचंदानी भी भवन निर्माता हैं। जिससे उन्हें निर्माण क्षेत्र की बारीकियां पता है। उन्हें यह भी जानकारी है कि जितेन्द्र लालचंदानी ने ‘मोहन अल्टिज़ा’ के निर्माण में कहाँ-कहाँ और कितना अतिक्रमण किया है। इसलिए जितेन्द्र लालचंदानी और कल्याण डोम्बिवली महानगर पालिका (KDMC) अधिकारी कुछ ज्यादा ही मुसीबत में पड़ सकते हैं। महेश लालचंदानी द्वारा दाखिल पिटीशन (क्र. संख्या-2165/2021) है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश राजेश लोढ़ा की खंडपीठ के सामने सुनवाई होनी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि न्यायालय ने याचिका स्वीकार ली है। महेश लालचंदानी की मांग है कि ‘मोहन अल्टिजा’ में हुए अवैध निर्माण केडीएमसी द्वारा तोड़े जांय साथ ही जितेन्द्र लालचंदानी व अन्य भागीदारों पर कानूनी कार्रवाई हो।

मोहन ग्रुप द्वारा निर्मित हेलीपैड वाली ‘मोहन अल्टिजा’ इमारत पूरी तरह से अवैध है,इस तरह की शिकायत सभी दस्तावेजी सबूतों के साथ ‘मोहन ग्रुप’ के पारिवारिक सदस्य ने की थी। सम्बंधित विभागों से दस्तावेजी सबूत उन्होंने ही इकठ्ठा किए थे। मिले दस्तावेजों के अनुसार ‘मोहन अल्टिजा’ पूरी तरह अवैध है। अधिकारियों से सांठ-गांठ कर जितेन्द्र लालचंदानी ने फ्लैट धारकों के साथ बड़ी धोखाधड़ी की है। अनुमान यह है कि जितेंद्र लालचंदानी ने पूरे प्रोजेक्ट को खड़ा करने के लिए केडीएमसी के अधिकारियों-कर्मचारियों को करोड़ों रुपयों की रिश्वत दी होगी।

कल्याण (पश्चिम) गन्धारे गांव में 11 लाख वर्ग फुट में विकसित ‘मोहन अल्टिजा’ नामक गृह संकुल में मोहन ग्रुप के चेयरमेन जितेन्द्र लालचंदानी ने करीबन ढाई लाख वर्ग फुट अवैध निर्माण कर लिया है। जितेन्द्र लालचंदानी ने इमारत निर्माण में किसी भी नियम और कानून का पालन नहीं किया है। नंबर (1) सर्वे नंबर 15/5 तथा 23/1 भूखंड पर तो प्लान ही पास नहीं करवाया हैं। नंबर (2) प्लान में पास प्रत्येक मंजिल पर रिफ्यूजी एरिया, सर्वेंट रूम, सर्वेंट ट्वायलेट नहीं बनाया है। नंबर (3) कॉमन पैसेज एरिया को भी फ्लैट्स में जोड़ लिया है। नंबर (4) फ्लैट्स मालिक को प्रति फ्लैट के पीछे 40 वर्ग फुट एरिया ज़्यादा बेच दिया हैं। नंबर(5) नियमतः पांच प्रतिशत फ्लैट्स सरकार को हैंडओवर करना चाहिए था। वह नहीं किया गया है। नंबर(6) कुछ भूभाग केडीएमसी को देना चाहिए था वह भी नहीं दिया गया है। नंबर (7) रिवाइज्ड बिल्डिंग परमीशन (सुधारित निर्माण) भी (KDMC) ने रिजेक्ट कर दिया है। आज के बाजार भाव के हिसाब से जितेन्द्र लालचंदानी ने अवैध निर्माण से 200 करोड़ रुपयों की अतिरिक्त कमाई की है। अनुमान के अनुसार पूरा प्रोजेक्ट 1000 करोड़ रुपयों का है।

रिट पिटीशन, महेश लालचंदानी की शिकायत और मौजूद दस्तावेजों के अनुसार जिस भूखंड (सर्वे नंबर- 15/5, 17, 62/1/2, 18, 23, 9 और 4) पर ‘मोहन अल्टिज़ा’ विकसित हुई है उसकी मूल मालकिन मालूबाई काशीनाथ मढ़वी हैं। मोहन ग्रुप के इस प्रोजेक्ट में 28-28 मंजिल की तीन इमारतें हैं। इसमें कुल 350 फ्लैट्स हैं। इसके भागीदार अमित गांधी, राजेश किशीन सिंघानी, कुमा विधानी, लखी श्रृंगी, ओमप्रकाश मचनद्या, धीरज भाटिया, जीतू लालचंदानी, हरि भाटिया, मनोहर मचनद्या, सुनील हरचंदानी और तुषार लालचंदानी हैं। आर्किटेक्ट जॉन वर्गीस हैं। महेश लालचंदानी ने सभी के खिलाफ धोखाधड़ी, एमआरटीपी एक्ट तथा भादंसं की अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।

आश्चर्यपूर्ण जानकारी यह सामने आई है कि जितेन्द्र लालचंदानी ने मोहन ग्रुप के नाम से जितने भी प्रोजेक्ट विकसित किए हैं वह सब अवैध हैं। प्रशासन को अपनी जेब में रखने, डिंग हांकने वाले मोहन ग्रुप के भागीदारों के हौसले इतने बढ़े हुए हैं, कि प्रशासन में बैठे कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से एक के बाद एक अवैध इमारतों का निर्माण करते जा रहे हैं और अवैध निर्माण को पूरी तरह वैध निर्माण बता कर ग्राहकों को फंसाते जा रहे हैं।



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