दुर्गाड़ी चौक, महात्मा फुले पुलिस स्टेशन के सामने ट्राफिक पुलिस कर रही है वसुली, ट्रक चालक देते हैं सौ,दो सौ निरीक्षक करते हैं बचाव!!
महाराष्ट्र, ठाणे जिले के कल्याण दुर्गाड़ी किले के पास व महात्मा फुले पुलिस स्टेशन के सामने बाहर से आने वाले ट्रक, कंटेनर से ट्राफिक हवलदार मांगता दो सौ रुपये, बिना लिए गाड़ी को आगे जाने नहीं देता!
सुखदेव पाटिल इनाम लेते हुए
महाराष्ट्र में यातायात और परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार आम बात है। एक बार केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तो चंबल के डाकु तक की संज्ञा दे दिया था। उसके बाद कयी सुधार भी किया परंतु विभाग को लूटने की आदत लगी है वह कहां छूटती है। इसी तरह का एक वसुली वाले मामले का चलचित्र अग्निपर्व टाइम्स के पास आया है। जिसमें रात के तकरीबन तीन बजे के दरम्यान यातायात विभाग का एक सिपाही कल्याण दुर्गाड़ी किले के पास खाड़ी पुल पार करने से पहले, जाने वाले हर ट्रक, कंटेनर को रोककर वसुली करता दिखाई देता है।
इस वसुली वाले चलचित्र के बारे में जानकारी देने के लिए कल्याण यातायात विभाग निरीक्षक सुखदेव पाटिल से संपर्क किया तो वे कार्यवाही करने का आश्वासन देने के बजाय चलचित्र बनाने को ही गैरकानूनी बताने लगे। बाद में कहा चलचित्र हमें दे दो, पत्रकार लोग फोन करके ऐसे ही बोलते हैं आदि आदि। इससे यह साफ जाहिर होता है कि यह अवैध वसूली पाटिल साहब की मनमर्जी से हो रही है। वैसे भी इस तरह की वसूली कोई नयी बात नहीं है। हमने अभी उल्हासनगर के ट्रांसपोर्टरों को दिए जाने वाले कार्ड की तस्वीर के साथ समाचार लिखा था।
मेरा नाम कमलेश दुबे है, मूलतः हम उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। परंतु मेरा जन्म महाराष्ट्र, ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में 15 नवंबर 1965 को हुआ। मेरी प्राथमिक शिक्षा उल्हासनगर कैम्प नं.एक आनंदशाला स्कूल से शुरू हुई जहाँ पहली से पांचवी तक पढने के बाद आगे की शिक्षा के लिए सेन्चुरी रेयान स्कूल में दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद उल्हासनगर के ही RKT कालेज में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लिया और बारहवीं तक पढ़ने के बाद कालेज छोड़ कर ठेकेदार बन गया और साथ ही पत्रकारिता करता रहा।
मेरा नाम कमलेश दुबे है, मूलतः हम उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। परंतु मेरा जन्म महाराष्ट्र, ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में 15 नवंबर 1965 को हुआ। मेरी प्राथमिक शिक्षा उल्हासनगर कैम्प नं.एक आनंदशाला स्कूल से शुरू हुई जहाँ पहली से पांचवी तक पढने के बाद आगे की शिक्षा के लिए सेन्चुरी रेयान स्कूल में दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद उल्हासनगर के ही RKT कालेज में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लिया और बारहवीं तक पढ़ने के बाद कालेज छोड़ कर ठेकेदार बन गया और साथ ही पत्रकारिता करता रहा।
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