सौगात(Gift) का बनाया कागजात, उसके बल पर अपने नाम किया घर पावती और कई लोगों से लिया रुपये!!
उल्हासनगर संवाददाता
ठाणे जिले उल्हासनगर के विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन हद में सास के नाम का मकान अपने नाम करने के लिए फर्जी हस्ताक्षर कर बहू ने बनाया सौगात में मिले होने का करार नामा, जिसके आधार पर कडोमपा से बनाया अपने नाम की टैक्स पावती। फर्जी टैक्स पावती के बल पर कई लोगों के पास मकान रखा गिरवी, पगड़ी, बेचानामा कर लोगों से ठगे लाखों रुपये। चूना लगाने वाली बहू पर पुलिस मेहरबान बुजुर्ग दंपती पुलिस न्यायपालिका के चक्कर लगा कर हो रहा हलाकान! नथु मोरे व उनकी पत्नी निर्मला मोरे
उल्हासनगर कैम्प क्रमांक 4 गजानन नगर, शंकर कालोनी रुम क्र. इ-114, जूना मटन मार्केट के पास रहनेवाली निर्मला नथु मोरे के नाम दर्ज कृष्णा नगर, मौर्या नगरी आरती अपार्टमेंट के सामने, आशाडे गांव उल्हासनगर 4 में एक मकान है, जिसका मालमत्ता क्र. (I) 01008554700,(I) 01008589000,जिसमें नीचे दो दुकानें और ऊपर दो मंजिलों पर रहवासी घर है। जिसको नथु मोरे भाड़े पर चढ़ाकर रिटायर्मेंट के बाद अपनी आजीविका चलाते थे।
बहू सुषमा गणेश मोरे
उपरोक्त मकान नथु मोरे महाराष्ट्र राज्य सहकारी मार्केटिंग फेडरेशन मस्जिद बंदर में कार्यरत रहने के दरम्यान खरीदे थे, संस्था अर्ध सरकारी होने के कारण नथु को नाममात्र ही पेंशन मिलती है। उस पेंशन से घर खर्च चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। उपर से पत्नी की तबीयत खराब उनकी बायपास सर्जरी हुई है। बड़ा बेटा 45% दिव्यांग और छोटा बेटा करीब छह वर्षो से लापता इस तरह कुदरती मार झेल रहे नथु के दिव्यांग बेटे की बहू भी खतरनाक ही मिली जिसने उपरोक्त दो मंजिला मकान ही कब्जा नहीं किया बल्कि अपने पति गणेश मोरे को भी घर से निकाल दिया।
नथु ने 2005 में वीआरएस लेने के बाद मकान तिमंजिला बनाया था। उनके कहे अनुसार बनाने में उनका फंड सर्विस सब खत्म होने के अलावा उनपर कर्ज भी हो गया। सन 2012 परिवार बढ़ जाने से रहवासी घर में जगह कम होने लगी जिसके कारण नथु ने अपने बहू सुषमा और बेटे गणेश मोरे को मौर्या नगरी वाला घर रहने के लिए दे दिया। परंतु उनको क्या पता था कि सुषमा के मन में बेईमानी आ जायेगी। परंतु हुआ वही बहू सुषमा ने 2020 में फर्जी हस्ताक्षर कर एक सौगात करार नामा बनवाया और उसके आधार पर कल्याण डोम्बिवली महानगरपालिका से घर पट्टी अपने नाम कर लिया। नथु को जब पता चला कि उनके पत्नी के नाम दर्ज मालमत्ता बहू सुषमा ने अपने नाम कर लिया है, तो उन्होंने कडोमपा में दरख्वास्त देकर मालमत्ता पुनः पत्नी निर्मला के नाम करने की मांग की जो अब निर्मला नथु मोरे के नाम हो गयी है।
पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह, उपायुक्त प्रशांत मोहिते
नथु ने 2005 में वीआरएस लेने के बाद मकान तिमंजिला बनाया था। उनके कहे अनुसार बनाने में उनका फंड सर्विस सब खत्म होने के अलावा उनपर कर्ज भी हो गया। सन 2012 परिवार बढ़ जाने से रहवासी घर में जगह कम होने लगी जिसके कारण नथु ने अपने बहू सुषमा और बेटे गणेश मोरे को मौर्या नगरी वाला घर रहने के लिए दे दिया। परंतु उनको क्या पता था कि सुषमा के मन में बेईमानी आ जायेगी। परंतु हुआ वही बहू सुषमा ने 2020 में फर्जी हस्ताक्षर कर एक सौगात करार नामा बनवाया और उसके आधार पर कल्याण डोम्बिवली महानगरपालिका से घर पट्टी अपने नाम कर लिया। नथु को जब पता चला कि उनके पत्नी के नाम दर्ज मालमत्ता बहू सुषमा ने अपने नाम कर लिया है, तो उन्होंने कडोमपा में दरख्वास्त देकर मालमत्ता पुनः पत्नी निर्मला के नाम करने की मांग की जो अब निर्मला नथु मोरे के नाम हो गयी है।
पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह, उपायुक्त प्रशांत मोहिते
यही नहीं सुषमा ने 23 मई 2015 का एक फर्जी खरीदी खत भी बनाया है। जिसमें उन्होंने यह दर्शाया है कि सास निर्मला ने अपने नाम की मालमत्ता उनकी माता को बेंच दी है। इस तरह के कागजातों को दिखाकर सुषमा ने कई लोगों से करीब 15 लाख रुपया ऐंठ लिया है। इस तरह फर्जी बहू की फरियाद लेकर कई बार नथु विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन गये परंतु पुलिस नथु पर विश्वास कर मामला दर्ज कर जांच करने के लिए तैयार नहीं है। अब नथु ने वकिल के मार्फ़त न्यायालय की शरण ली है। परंतु यहाँ भी कुदरत उनका साथ नहीं दे रही है क्योंकि करोना महामारी के कारण न्यायालय कम खुलता है।
अब देखना यह होगा की हमारे देश की ढुलमुल न्याय व्यवस्था के कारण बुजुर्ग दम्पति नथु व उनकी पत्नी को उनके जीते जी न्याय मिलता है या नहीं।
अब देखना यह होगा की हमारे देश की ढुलमुल न्याय व्यवस्था के कारण बुजुर्ग दम्पति नथु व उनकी पत्नी को उनके जीते जी न्याय मिलता है या नहीं।
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