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डैम तो नहीं भरा मगर शहर भर गया, यह बरसात का कहर है सरकार का?

जमीन घोटाला और अवैध बांधकाम बना जान का दुश्मन, हुआ जनजीवन अस्त व्यस्त, जान माल की हुई हानि!

कमलेश दुबे 
ठाणे जिले के कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर हो या टिटवाला जहाँ पिछले दस वर्षों में नदी, नालों के आस पास अवैध चालियां और बहुमंजिली इमारतों का निर्माण हुआ है। इन निर्माणों में पानी न भरे इसलिए जमीनों पर १०, १५ फुट का भराव डाला जाता है। नदी, नाले के पास खाली जगह न होने से जोरदार बरसात में जल जमाव के लिए जगह नहीं मिलती जिसके कारण सड़कों और निचले स्थानों पर पानी भर जाता है। सीआरजेड का पालन नहीं करवा पा रही सरकार, शहर में आने वाली बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए जिम्मेदार सरकार व भू-माफिया हैं। 
उल्हासनदी तट पर बनी रिजंसी एंटिलिया
उल्हासनगर महानगर पालिका और म्हारल गांव के साथ वन विभाग की जमीन पर बनाई गयी रिजंसी एंटिलिया ही एकमात्र कारण है, म्हारल, वरप और रायता गांवों में पानी भरने का। रिजंसी एंटिलिया ने समुद्री ज्वार के समय नदी भरने के बाद फैलने वाले पानी की जगह को कब्जा कर लिया है और एक मजबूत दिवार बनाकर १५/२० फुट का भराव डाल दिया गया। और महाराष्ट्र सरकार ने रिजंसी एंटिलिया और ठारवाणी तक की जगह को आकर्षक बनाने के लिए आनन फानन में शहाड से ठारवाणी तक राष्ट्रीय महामार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के साथ-साथ सड़क का कांक्रिटिकरण कर दिया, सड़क निर्माण के समय सड़क पर भराव डालकर सड़क की ऊंचाई ४,५ बढ़ा दिया गया। अब बरसाती पानी जो पहाड़ी क्षेत्र से नदी में आता है, उसी नदी भर जाती है तब आसपास जो बरसात हो रही है वह पानी नदी कैसे समाहित करेगी इसका विचार किसी ने नहीं किया। अब दो पहाड़ों एक कृत्रिम रिजंसी एंटिलिया और सामने प्राकृतिक पहाड़ियों के बीच बसे म्हारल, वरप, रायता और कीर्ति पथ से बहने वाले नाले के पास बसे हुए लोगों के लिए जुलाई और अगस्त का महिना हर वर्ष दुर्लभतम ही गुजरेगा।

नाला बंद और चौड़ाई कम किया 

उल्हासनगर महानगर पालिका में सैकड़ों वर्ष पुराना नाला पूरी तरह से पाटकर उस पर अवैध निर्माण करनेवाले को संरक्षण दिया जाना कोई नयी बात नहीं, क्योंकि सी ब्लाक रोड पर बने चेतन पार्किंग के मालिक ने २५/३० फुट चौड़ा और करीब ३०० फुट लंबे नाले को पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। इसलिए अब दोमुहा नाला एक ही मुह का रह गया फलस्वरूप गोलमैदान और नेहरू चौक तक पानी भरने लगा और आस पास सभी नगर डूबने लगे।

अब शहाड उड़ान पुल की उल्हासनगर की तरफ के उतरान पर नवी मुंबई के पैराडाइन नामक विकासक के इमारत निर्माण में अड़चन पैदा करनेवाले २५ फुट चौड़े नाले की चौड़ाई ही नहीं कम की बल्कि जगह में भी तब्दीली कर दी वह भी उल्हासनगर महानगर पालिका से बिना किसी इजाजत के! इस तरह बड़े बड़े पैसे वालों के लिए आसपास के गरीब रहवासियों का बलिदान ले रही है, उल्हासनगर महानगर पालिका। 

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