उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-४ गुरुसंगत दरबार के पास कुछ दिनों पहले अन्न व औषधि प्रशासन द्वारा पकड़े गये गुटखे के साथ कई गाड़ियां पकड़ी गयी थी उनमें से एक इनोवा कार थी जिस पर फर्जी नंबर लगा होने के कारण वह कार चोरी की हो सकती है ऐसा संसय है।
गुटखा माफिया दिलिप वलेच्छा
उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-४ विठ्ठलवाडी पुलिस हद में गुरुसंगत दरबार के पास आइसर ट्रक से प्रतिबंधित गुटखा पानमसाला लाकर छोटी छोटी गाड़ियों में लाद कर जगह जगह पहुंचाया जाता है। ऐसी गुप्त सूचना अन्न व औषधि प्रशासन के दक्षता व गुप्तवार्ता विभाग को मिली। जिसके आधार पर छापा मारा गया छापे में 15 लाख 64 हजार का गुटखा इनोवा कार, महिंद्रा पिकअप के साथ तीन चक्का टेम्पो मिला, जिसमें विमल, शुद्ध प्लस जैसे अनेकों कंपनियों का गुटखा लदा था। यह अवैध कारोबार करते हुए दिलीप वलेच्छा, निलेश ढिंगरा, जयेश हरेशलाल गुलाबानी, सोमनाथ फुलमाली, दत्तात्रेय एकशिंगे पकड़े गये थे। छापे के दौरान एक आइसर ट्रक, महिंद्रा पीकअप, तीन चक्का टेम्पो और एक इनोवा कार मिली थी जिसपर एमएच ४३ एन ३४३५ क्रमांक लिखा हुआ था। यह क्रमांक किसके नाम दर्ज है, परिवहन विभाग से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा नंबर हमने किसी वाहन को दिया ही नहीं।
उल्हासनगर के चौराहे चौराहे यहां तक कि महामार्गो पर वाहनों के कागजातों के जांच के लिए यातायात पुलिस खड़ी रहती है। नाकाबंदी भी लगाई जाती है, आने-जाने वाले किसी भी दो चक्का वाहन को पुलिस नहीं छोड़ती तो फिर इस इनोवा कार पर पुलिस की नजर कैसे नहीं पड़ी यह एक विचारणीय प्रश्न है। कार का न पकड़ा जाना साफ दर्शातफि है कि गुटखा माफिया से पुलिस की सांठ गांठ है। सांठगांठ होने के कारण फर्जी नंबर की कार गुटखा भरकर पुलिस के सामने से आती-जाती रही पर कभी जांच नहीं किया गया, जबकि इस कार में गुटखे का वितरण ही नहीं होता था। बल्कि मैच सट्टा बुकी, सट्टेबाज घूमा करते थे।
उल्हासनगर के चौराहे चौराहे यहां तक कि महामार्गो पर वाहनों के कागजातों के जांच के लिए यातायात पुलिस खड़ी रहती है। नाकाबंदी भी लगाई जाती है, आने-जाने वाले किसी भी दो चक्का वाहन को पुलिस नहीं छोड़ती तो फिर इस इनोवा कार पर पुलिस की नजर कैसे नहीं पड़ी यह एक विचारणीय प्रश्न है। कार का न पकड़ा जाना साफ दर्शातफि है कि गुटखा माफिया से पुलिस की सांठ गांठ है। सांठगांठ होने के कारण फर्जी नंबर की कार गुटखा भरकर पुलिस के सामने से आती-जाती रही पर कभी जांच नहीं किया गया, जबकि इस कार में गुटखे का वितरण ही नहीं होता था। बल्कि मैच सट्टा बुकी, सट्टेबाज घूमा करते थे।
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