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रिश्वतखोरी में PhD को बनाया प्रभाग-१ का अधिकारी!

प्रभाग-१ अधिकारी गणेश शिंपी ने पाले गुंडे, पैसे न देने वाले फेरीवालों से करते हैं मारपीट,अवैध निर्माण पर नहीं चलता जोर!

ठाणे जिले के उल्हासनगर महानगर पालिका प्रभाग-१ के अधिकारी गणेश शिंपी के मातहत कार्यरत कर्मचारी उनके बस में नहीं, उनके सामने ही फेरीवालों से करते हैं मारपीट! एक तरफा कार्यवाही से लोग परेशान इसीलिए अक्सर होती है मारपीट।         प्रभाग-१ अधिकारी गणेश शिंपी 

उल्हासनगर महानगर पालिका में चुन चुन कर अव्वल दर्जे के भ्रष्ट (corrupt) लोगों को प्रभाग अधिकारी बनाया गया है, ताकि उमनपा आयुक्त, महापौर के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को हर महीने अपने-अपने प्रभाग से लाखों रुपये वसूल कर पहुंचा सकें! इस काम में माहिर गणेश शिंपी को प्रभाग एक अधिकारी नियुक्त किया गया है। शिंपी एक बार २५ हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हो चुके हैं उस समय आयुक्त के स्टेनो थे। जेल से आने के बाद इनके लिए एक विशेष पद का सृजन किया गया, जिसमें गणेश शिंपी को उल्हासनगर में होनेवाले अवैध निर्माण रोकने और निष्कासन प्रभारी आयुक्त बनाया गया। शिंपी के प्रभारी आयुक्त बनते ही उल्हासनगर में अवैध निर्माणों की बाढ़ आ गयी, इनके कार्यकाल में १७ हजार से अधिक अवैध निर्माण हुए उसमें इन्होने करोड़ों रुपये कमाये। प्रभाग-१ में पैराडाइन ग्रुप का अनियमितता से भरा प्रोजेक्ट, कौन करेगा जांच? 

अब प्रभाग एक का प्रभाग अधिकारी बनाया गया है। जहाँ दर्जन भर अवैध निर्माण शुरू हैं। फेरीवालों से भी होती है वसूली जो पैसे नहीं देते उन्हीं को हटाया जाता है इसीलिए हर बार मारपीट की नौबत आ जाती है। ऐसा ही मारपीट वाला चलचित्र शहर में प्रसारित हो रहा है। जिसमें गणेश शिंपी खुद बीच बचाव की कर रहे हैं परंतु कर्मचारी लड़ने पर उतारू दिखाई देते हैं। जो अधिकारी अपने मातहत से वसूली करवाएगा, अहमियत तो खत्म होनी ही है। 



उल्हासनगर के कई प्रभाग अधिकारी, नेता अवैध बन रही इमारतों में छुपे तौर पर भागीदार हैं! यही नहीं सरकारी जमीन हड़पने में भी प्रभाग अधिकारी हिस्सा लेते हैं इसी तरह का एक मामला सामने आया है। जहाँ जमीन के समतलीकरण के दौरान गणेश शिंपी खड़े दिखाई देते हैं। 


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