उमनपा आयुक्त और उपमहापौर आमने-सामने १७ हजार का फ्रिज ३ लाख में खरीदने का लगाया आरोप
उल्हासनगरः उल्हासनगर महानगर पालिका के उप
महापौर भगवान भालेराव ने एक संवाददाता सम्मेलन में मनपा आयुक्त पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि उल्हासनगर मनपा आयुक्त डॉ. राजा दयानिधि और उपायुक्त के कार्यकाल में कई भ्रष्टाचार हुए हैं, जिसके विरोध में वे जल्द ही आयुक्त कार्यालय के सामने भूख हड़ताल करेंगे।
उपमहापौर भगवान भालेराव
महापौर भगवान भालेराव ने एक संवाददाता सम्मेलन में मनपा आयुक्त पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि उल्हासनगर मनपा आयुक्त डॉ. राजा दयानिधि और उपायुक्त के कार्यकाल में कई भ्रष्टाचार हुए हैं, जिसके विरोध में वे जल्द ही आयुक्त कार्यालय के सामने भूख हड़ताल करेंगे।
उपमहापौर भगवान भालेराव
उमनपा आयुक्त डॉ राजा दयानिधि ने उपायुक्त प्रियंका राजपूत और अशोक नाइकवाडे को कई महत्वपूर्ण विभाग दिया है उसी माध्यम से कई गैर व्यवहार किये जा रहे हैं। मनपा आयुक्त और उपमहापौर आमने सामने हो गये हैं। उप महापौर भगवान भालेराव ने 17 हजार का फ्रिज 3 लाख में खरीदने का आरोप लगाने के साथ ही कहा मदन सोंडे को दुय्यम दर्जे का पदभार दिया गया है। कोविड-19 के दौरान ठाणे के एक ठेकेदार को चिकित्सा उपकरण खरीदने का ठेका दिया गया जिसका कोई टेंडर नहीं निकला गया, न ही पोर्टल के माध्यम से कोई, ई-निविदा निकाली गई और 16 हजार का फ्रिज 3 लाख रुपये से अधिक कीमत पर खरीदा गया है। इसी प्रकार रिजेंसी एंटिलिया के निजी परिसर में जल रही स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल बिल्डर के बदले, मनपा प्रशासन हर माह 65 लाख रुपये का भुगतान कर रहा है। साथ ही उपमहापौर ने मनपा आयुक्त को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मनपा आयुक्त आम नागरिकों, नगरसेवकों व पत्रकारों से मुलाकात तक नही करते, यह बात केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहेंगे और आयुक्त की बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराएंगे। यही नहीं 30 जुलाई से मनपा आयुक्त कार्यालय के सामने अनशन करने की बात भी उप महापौर भगवान भालेराव ने कही।
इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी युवराज भदाने ने कहा
कि मनपा आयुक्त प्रशासन का मुखिया होता है और उसे यह तय करने का पूरा अधिकार होता है कि किस अधिकारी को कौनसी ड्यूटी दी जाय, कोविड उपचार के लिए आपात- कालीन उपकरणों की खरीद का मुद्दा स्थायी समिति के समक्ष रखा गया था और मंजूरी के बाद ही खरीदी की गयी है। सार्वजनिक जीवन में अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, अगर किसी को कोई शिकायत है तो वह इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से कर सकता है।
कि मनपा आयुक्त प्रशासन का मुखिया होता है और उसे यह तय करने का पूरा अधिकार होता है कि किस अधिकारी को कौनसी ड्यूटी दी जाय, कोविड उपचार के लिए आपात- कालीन उपकरणों की खरीद का मुद्दा स्थायी समिति के समक्ष रखा गया था और मंजूरी के बाद ही खरीदी की गयी है। सार्वजनिक जीवन में अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, अगर किसी को कोई शिकायत है तो वह इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से कर सकता है।
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