सेंट्रल पुलिस स्टेशन की हद में सभी डांसबार चालू!
उल्हासनगर का बदनाम चांदनी बार शुरू, हर दिन होगा शहर में हंगामा बदनाम लोगों का है यही ठिकाना!
उल्हासनगर संवाददाता
ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर के सेंट्रल पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक सुधाकर सुराडकर ने अपने हद में आने वाले सभी डांसबारों को चलाने की इजाजत दे दी है। अब उल्हासनगर शहर में करोना महामारी की तीसरी लहर से बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। जोन 4 उल्हासनगर पुलिस उपायुक्त प्रशांत मोहिते
उल्हासनगर शहर में राशन, सब्जी व फल की दुकानों को सुबह 7 बजे से 4 बजे तक ही खोलने की इजाजत है वह भी कोविड-19 के प्रोटोकॉल के साथ, यहां तक कि मास्क न लगाने पर दंड भरना पड़ता है। जबकि डांसबार रात दो बजे तक चलता है, यहां न कोई मास्क लगता है और न ही शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाता है। नोटों को मुख में पकड़कर नाचने वालियों के मुख में थमाया जाता है। राष्ट्रीय मुद्रा जिस पर राजमुद्रा के साथ ही महात्मा गांधी की तस्वीर छपी हुई उसको उड़ाकर देश का अपमान किया जाता है।
पत्रकार अमित रुपरेला ने बताया वर्षा, टोपाज, आचल पैलेस के साथ ही चांदनी जैसे बदनाम बार को भी चलाए जाने की परमिशन मध्यवर्ती पुलिस द्वारा मिल गई है। जबकि चांदनी डांसबार में गुंडे, मवाली, चोर, पाकेटमार के अलावा हर तरह के गिरोहबाजों का जमावड़ा रहता है। यही नहीं चांदनी बार में खुलेआम देह व्यापार चलता है। नीचे सौदा होता है और उपर बने हुए रुम में शारीरिक सुख लिया जाता है। इस तरह जनता की कमाई भले ही बंद रहे परंतु पुलिस विभाग को दोहरी कमाई मिलनी ही चाहिए। ठाणे पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह एटीएस में कार्यरत थे यह जानकार उनके आने से पुलिस प्रशासन में कुछ ईमानदारी व संस्कारों के आने की उम्मीद बंधी थी। परंतु अब वह टूटने लगी है। ऐसा लगता है जैसे सरकार ने परमबीर की तरह इन्हें भी कोई लक्ष्य देकर भेजा है। इसीलिए कोविड-19 का भी ख्याल न करते हुए लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्ले से अवैध धंधो को चलाने की अनुमति दे रहे हैं।
पत्रकार अमित रुपरेला ने बताया वर्षा, टोपाज, आचल पैलेस के साथ ही चांदनी जैसे बदनाम बार को भी चलाए जाने की परमिशन मध्यवर्ती पुलिस द्वारा मिल गई है। जबकि चांदनी डांसबार में गुंडे, मवाली, चोर, पाकेटमार के अलावा हर तरह के गिरोहबाजों का जमावड़ा रहता है। यही नहीं चांदनी बार में खुलेआम देह व्यापार चलता है। नीचे सौदा होता है और उपर बने हुए रुम में शारीरिक सुख लिया जाता है। इस तरह जनता की कमाई भले ही बंद रहे परंतु पुलिस विभाग को दोहरी कमाई मिलनी ही चाहिए। ठाणे पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह एटीएस में कार्यरत थे यह जानकार उनके आने से पुलिस प्रशासन में कुछ ईमानदारी व संस्कारों के आने की उम्मीद बंधी थी। परंतु अब वह टूटने लगी है। ऐसा लगता है जैसे सरकार ने परमबीर की तरह इन्हें भी कोई लक्ष्य देकर भेजा है। इसीलिए कोविड-19 का भी ख्याल न करते हुए लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्ले से अवैध धंधो को चलाने की अनुमति दे रहे हैं।
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